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CK JOHNY
फजल है खुदा का कि अपनी खामोशी भी सुन लेते हो, अपने गुनाहों को देख कर तौबा-ए-राह भी चुन लेते हो। कैसे चैन से सो जाते हैं लोगअपने गुनाहों से मुँह फेरकर हम तो करवट भी बदलने नहीं पाते कैसे ये गम देते हो। जमीन पे जो चीज है हराम वही जन्नत में आएगी काम खामख्वाह में शेखचिल्ली के ख्वाब हमें तुम देते हो। कुछ तो खुदा का खौफ खाओ कुछ कुफ्र से करो तौबा ए शेख रिन्दों को ये किस महफ़िल का तरन्नुम देते हो। जन्नत में शराब की नहर बहत्तर हूरों के हसीन ख्वाब ओ वाइज हम दोजख वालों को कैसा ये वहम देते हो। फजल है खुदा का कि अपनी खामोशी भी सुन लेते हो, अपने गुनाहों को देख कर तौबा-ए-राह भी चुन लेते हो। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ फजल
CK JOHNY
फजल है खुदा का कि अपनी खामोशी भी सुन लेते हो, अपने गुनाहों को देख कर तौबा-ए-राह भी चुन लेते हो। कैसे चैन से सो जाते हैं लोगअपने गुनाहों से मुँह फेरकर हम तो करवट भी बदलने नहीं पाते कैसे ये गम देते हो। जमीन पे जो चीज है हराम वही जन्नत में आएगी काम खामख्वाह में शेखचिल्ली के ख्वाब हमें तुम देते हो। कुछ तो खुदा का खौफ खाओ कुछ कुफ्र से करो तौबा ए शेख रिन्दों को ये किस महफ़िल का तरन्नुम देते हो। जन्नत में शराब की नहर बहत्तर हूरों के हसीन ख्वाब ओ वाइज हम दोजख वालों को कैसा ये वहम देते हो। फजल है खुदा का कि अपनी खामोशी भी सुन लेते हो, अपने गुनाहों को देख कर तौबा-ए-राह भी चुन लेते हो। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ फजल
Parasram Arora
धर्मो ने ही धर्म की हत्या की है आज अगर धर्म की जगह अधर्म दिख रहा है. और आदमी के हाथों मे बुझा हुआ दीया दिख रहा है तों इस दीए को बुझाने वाले लोग न तों कोई राजनीतिज्ञ नकोई नास्तिक. न वैज्ञानिक . न भौतिकवादी है... इस दीये क़ो बुझाने वाले लोग तथाकथित धार्मिक लोग है.... osho ©Parasram Arora धर्म की हत्या
Dipika Saini
आत्मा की हत्या करके यदि स्वर्ग भी मिले,, तो वह नरक है.... jai shri radhe shyam 👏 🙏 ©Dipika Saini # आत्मा की हत्या........
manisha padiyar 💚❤
वो चाहे इंसानियत की सारी हदें पार कर दे , फिर भी बेदाग है 😡😡 और अगर हमारे चरित्र पर आंच भी आये हम ही दागदार हैं आखिर कब तक यूँ हैवानियत का सिलसिला चलेगा और कब तक हमें अंधेरे से बचना पड़ेगा गलती कब तक हमारी ही बतायी जाएगी और कब तक यूँ हैवानियत के बाद कितनी ही लड़कियां जलायी जाएंगी 😡😟 आखिर कब तक महफूज हैं हम अपनी जिंदगी में अब और नहीं हम समझा सकते हम मासूम बच्चों को कि क्यों वो कहीं अकेले नहीं जा सकते हैं क्यों उन्हें अनजान लोगों से संभलकर रहना चाहिए आखिर कब तक जमाना खराब है और जरा बताओ तो सही इस हैवानियत का क्या इलाज है इंसानियत की हत्या 😡
mani naman
एक बार पूछ तो लेते, बापू! ये क्या कर रहे हो? मैं समझा देता, कि, माँ-बाप बहुत से काम बच्चों की भलाई के लिए करते हैं चुपचाप। बच्चे अकसर,लोगों के भड़कावे में आकर कर ही देते हैं गलतियाँ। नाथू! मेरे बेटे तुमने मेरी सूरत ही देखी। मेरे पैरों के छाले,चश्मे की दूरदर्शिता, और बदन की खरोंचे तुम्हें दिख जाती तो रोकर मेरा साथ देते तुम भी। "मनी नमन" महात्मा गांधी की हत्या