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Prerana Jalgaonkar
फ्रेंड सर्कल लेख (👇) वर्तुळ काढण्यासाठी कंपास काढला.कागदाच्या बरोबर मध्ये कंपासचं टोक ठेवलं आणि मी वर्तुळ काढायला लागले.मध्येच हातावरच नियंत्रण सुटलं, वर्तुळ फि
Prerana Jalgaonkar
फ्रेंड सर्कल लेख (👇) वर्तुळ काढण्यासाठी कंपास काढला.कागदाच्या बरोबर मध्ये कंपासचं टोक ठेवलं आणि मी वर्तुळ काढायला लागले.मध्येच हातावरच नियंत्रण सुटलं, वर्तुळ फि
अशेष_शून्य
जैसे तुमने दी मुझे : ये "सांसे" : मेरे प्रेम का पहला और अंतिम तोहफ़ा -Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में) अब तक जितने भी विषयों का अध्ययन किया तुम उन सबसे परे मेरे जीवन का एक अद्भुत आश्चर्य हो ।। एक ऐसे विज्ञान हो... जो गुरुत्व नियमों के अधीन
sandy
#खरा_शिक्षक_आणि_सच्चा_विद्यार्थी_नातं_कसे_असावे..! "सर, ओळखलंत मला? मी विश्वास,तुमचा विद्यार्थी, ४० वर्षांपूर्वीचा." "नाही रे, नीट दिसत नाह
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कपास दिवस कि ©Savita Patel कपास दिवस कि हार्दिक शुभकामनाएं
Nksahu0007writer
नवीन_के_दोहे कपास (दोहा) फूल हो कपास जैसा ,सीधा होवत बॉस जीवोमृत्तन काम आऊ,प्रभुतेचरणोंदास छत्तीसगढ़ - महासमुन्द N.ksahu0007@writer ©Premyad kumar naveen #नवीन_के_दोहे #छत्तीसगढ़_महासमुन्द #प्रेमयाद_कुमार_नवीन कपास (दोहा) फूल हो कपास जैसा ,सीधा होवत बॉस जीवोमृत्तन काम आऊ,प्रभुतेचरणोंदास
Aniket Sen
तू अगर है परिक्षा, तो मैं अभ्यास बन जाऊँगा, माँ, तू गुरु है, तो मैं तेरा दास बन जाऊँगा। तू चाँद है अगर, तो मैं अमृत की प्यास बन जाऊँगा, माँ, तू मेरी तकदीर लिख दे, मैं तेरा उपन्यास बन जाऊंगा। तू अगर हाथों से ना खिलाये, तो मैं उपवास बन जाऊँगा, माँ, तू ना मुस्कुराएगी, तो मैं उदास बन जाऊँगा। तू फूल है अगर, तो मैं महकता एहसास बन जाऊँगा, माँ, तू मद्धम हवा, तो मैं हौले से उड़ता कपास बन जाऊँगा। तेरी हर एक बात से मैंने सीखा है बहुत कुछ, माँ, तू ख़ामोश रहेगी, तो मैं तेरी आवाज़ बन जाऊँगा। इस छोटी सी दुनीयाँ में भी कोई वजूद नहीं मेरा, माँ, तू मुझे बेटा बुला और मैं ख़ास बन जाऊँगा। एक तुझ ही से तो यह मेरा सारा जीवन है, माँ, तू ना रहेगी, तो मैं ज़िंदा लाश बन जाऊँगा। #माँ #गुरु #कपास #ज़िंदालाश #एहसास #mother #yqdidi #ifyoulikeitthenletmeknow
Mo k sh K an
मैं कपास के खेतों में खड़ा हो कर देखता हूँ जिंदगी कैसे उड़ी जा रही है हवाओं की तासीर भी कितनी बेपरवाह होती है उलझ जाए तो बवंडर बन जाती है सुलह जाए तो पतंग कपास कैसे धीर धरे वो आसमानों में तैरते बादलों को देख कर अक़्सर ख़्वाब संजो लेती है और धर देती है पैर हवाओं की हथेली पर वो बिजली के तारों से उलझी उलझी बेताल सी लटकी हसरतें कपास के खेतों से कहाँ नज़र आती हैं मैं कपास के खेतों में खड़ा हो कर देखता हूँ जिंदगी कैसे उड़ी जा रही है #कपास #kapas #mera_aks_paraya_tha #mikyupikyu #tasavvuf #kavishala #hindinama #nojotopune #meethashona