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Saumitra Tiwari
#नेतृत्व क्षमता किताबों से नहीं सीखी जाती, वो तो हमारे भीतर ही होती है। हमारे साथ ही बड़ी होती है और फिर अवसरों को पा कर प्रदर्शित भी होती है और निखरती भी जाती है।.…... नेतृत्व...
Manmohan Dheer
उसने सुना समझा चला गया दुसरे ने न सुना न समझा, न चाहा समझना . जुलुस में वो सबसे आगे है वो नेता है अब उनका ओढ़ा हुआ नेतृत्व . धीर नेतृत्व
Dhurva kumar
नेतृत्व करने का मतलब लोगों को सही रास्ता दिखाना है ना की उन पर राज करना. #raindrops नेतृत्व
Anjali Jain
मुझे लगता है कि जब केंद्रीय नेतृत्व बहुत प्रखर और मजबूत होता है तो स्थानीय कार्यकर्ता बहुत शिथिल और निश्चिंत हो जाते हैं। जब केंद्रीय नेतृत्व बहुत शिथिल और निश्चिंत हो जाता है तो स्थानीय कार्यकर्ता बहुत मजबूती और प्रखरता से कार्य करते हैं? © Anjali Jain नेतृत्व/कार्यकर्ता 27.05.21 #SuperBloodMoon
Anjali Jain
नेतृत्व करने वाले नेतृत्व करते-करते कब नेता बन जाते हैं पता ही नही चलता? नेतृत्व जनता को प्रशिक्षित करता है और उनको, उनके जीवन में आगे बढ़ाता है, नेता केवल स्वयं प्रशिक्षित होता है और स्वयं के जीवन में ही आगे बढ़ता रहता है!! ©अंजलि जैन #नेतृत्व/नेता#२८.११.२० #farmersprotest
Ek villain
किसी भी राष्ट्र की उन्नति और रखता उसके राजा अथवा उस पर शासन करने वाले शासक पर निर्भर करती है शासक को अपने राष्ट्रीय एवं प्रजा के हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए राष्ट्र की रक्षा के लिए शासक को युद्ध भूमि में स्वयं उतरना पड़ा तो भी उसे कोई संकोच नहीं करना चाहिए रामायण में कहा गया है कि एक राजा होने का अर्थ है सन्यासी होना उसका अपना कुछ नहीं होता सब कुछ प्रजा के रास्ते के लिए होता है जो राजा अपनी प्रजा के लिए कोई भी त्याग नहीं कर सकता वह अपनी प्रजा से कर लेने का भी अधिकार नहीं है राजा दशरथ ने श्रीराम को राज धर्म की शिक्षा देते हुए कहा है कि एक राजा की मूल शक्ति दंड नहीं है बल्कि न्याय अन्याय जो पक्षपात से रहित हो शासक को अपने हर निर्णय से एक आदर्श स्थापित करना चाहिए क्योंकि जैसा राजा होता है प्रजा भी अपने राजा को देखकर वैसा ही आचरण करती है मदद से पुराण में कहा गया है कि राजा को शिकार मध्य पान तथा धोत्र कीड़ा का परित्याग कर देना चाहिए क्योंकि राजा में उन सभी दुर्गुणों के उपस्थित होने पर राष्ट्रीय को बड़ी हानि का सामना करना पड़ता है राजा को ना ज्यादा कठोर और ना ज्यादा कोमल हृदय होना चाहिए बल्कि जो राजा समय पर मृदुल तथा समय पर कठोर हो जाता है वह सभी लोगों पर विजय प्राप्त कर लेता है विदुर नीति के अनुसार राजा को देश की परिस्थितियों के विषय में संपूर्ण ज्ञान होना चाहिए साथ ही उसे अपने राजकोष के विषय में भी पूर्ण ज्ञान भान होना चाहिए जिससे कि वह अपव्यय पर अंकुश लगाया जा सके आधुनिक समय में ना राजा है और ना वैसे राजतंत्र परंतु आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था में भी जो शासक है अतः जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं उनमें एक आदर्श राजा जैसे ही सभी गुण होने चाहिए तभी लोकतंत्र कल्याणकारी राजा के रूप में स्थापित हो सके ©Ek villain # आदर्श नेतृत्व #26/11