Find the Latest Status about बूँद और समुद्र उपन्यास pdf from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बूँद और समुद्र उपन्यास pdf.
Anupama Jha
मैं सीप अथाह समुद्र की तुम स्वाति नक्षत्र के ओस बन आना हो कर एकाकार मुझ संग प्रेम को मेरे मोती कर जाना... #स्वाति #नक्षत्र #मोती #बूँद #समुद्र #yqdidi #yqhindi #anupamajha
👦Mysterious Words🧒
ए मालिक समुद्र और लहरों का कितना अनूठा मिलन होता है उफान लेने के बाद भी अपने अंदर समा लेता है । लहरे बनने में भी कितना आंनद है समुद्र की गहराइयों तक जाने आनंद आता है क्या कोई समुद्र को उनकी लहरों से अलग कर सका है? #समुद्र और लहरे#
Sumit Kumar saini
मै जब भी आपसे मिलता हूँ ऐसा लगता है जैसे हमारा अटूट रिस्ता है कोई बिलकुल इस समुद्र और किनारे कि तरह जो लहरो के साथ हर बार मिलते है और बिछड़ जाते है ©Sumit Kumar saini समुद्र और किनारा #Love
shiv_love _poetry
लिखूँ मैं तेरा नाम हवाओं पर बूँद बूँद बन के घुल जाना तू मुझमें. बूँद बूँद
Raja
विनम्रता की ताकत – समुद्र और नदी की कहानी एक बार की बात हैं एक नदी को अपने पानी के प्रचंड प्रवाह पर घमंड हो गया। नदी को लगा कि मुझमे इतनी ताकत हैं कि मैं पत्थर, मकान, पेड़, पशु, मानव आदि सभी को बहा कर ले जा सकती हु। नदी ने बड़े ही गर्वीले और अहंकार पूर्ण शब्दों मे समुन्द्र से कहा -बताओ मैं तुम्हारे लिए क्या बहा कर लाउ? जो भी तुम चाहो मकान, बृक्ष, पत्थर, पशु, मानव आदि जो तुम चाहो मैं उसे जड़ से उखाड़ कर ला सकती हु। समुन्द्र समझ गया कि नदी को अहंकार हो गया हैं। उसने नदी से कहा – यदि तुम मेरे लिए कुछ लाना चाहती हो तो थोड़ी सी नर्म घास उखाड़ कर ले आओ। समुन्द्र कि यह बात सुनकर नदी बोली बस ! इतनी सी बात हैं। अभी आपकी सेवा मे हाजिर करती हूं। नदी ने अपने जल का पूरा वेग घास पर लगाया पर घास नहीं उखड़ी। नदी ने एक बार, दो बार, तीन बार… अनेक बार जोर लगाया। सभी प्रयत्न किये, पर बार बार प्रयत्न करने पर भी कोई सफलता नही मिली। आखिर हारकर समुन्द्र के पास पहुंची और बोली -मैं मकान, वृक्ष, जीव जंतु को बहाकर ला सकती हु पर नर्म घास को उखाड़कर नहीं ला सकती। जब भी मैंने घास को उखाड़ने के लिए पूरा वेग लगाकर उसे उखाड़ने का प्रयत्न किया तो वह नीचे कि ओर झुक जाती हैं और मैं खाली हाथ उसके ऊपर से गुजर जाती हूँ। समुन्द्र ने नदी की पूरी बात सुनी और कुछ देर विचार किया और फिर मुस्कुराते हुए बोला – जो पत्थर या वृक्ष जैसे कठोर होते हैं, वे आसानी से उखाड़े जाते हैं किन्तु घास जैसी विनम्रता जिससे सीख ली हो, उसे कोई प्रचंड वेग भी नहीं उखाड़ पता। नदी ने समुन्द्र की सारी बाते ध्यानपूर्ण सुनी और समझी। समझ मे आने पर नदी का घमंड चूर चूर हो गया। कहानी से सीख – विनम्रता से इंसान बड़ी से बड़ी कठिनाई का सामना कर लेता हैं। (writer) sanjeev नदी और समुद्र की कहानी
Anita Najrubhai
बूँद बूँद पानी मटका मा भरी ये त्यारे ऐक मटका पानी भरिये रिश्ते भी निभा के लिए खुशियाँ बांट नी पडती हैं वो रिश्ते भी टूट ने लगते है जिस रिश्तों मे प्यार न हो अपने कभी-कभी साथ भी देते है ओर कभी-कभी नहीं देते हैं किसी को खोटु ना लागे इसलिए समझी विचारी ने बोलना पडता है । ©Anita Najrubhai बूँद बूँद पानी #Drops
यशवंत राय 'श्रेष्ठ'
अगर कोई पाठक या मित्र गण इच्छुक हो सामाजिक उपन्यास 'शुकंजय की हवेली' पढने के लिए तो अपना पता पिन कोड सहित भेजने की कृपा करें। आपके पते पर पब्लिशर द्वारा पुस्तक पहुंचे जाएगी। अगर उपन्यास अच्छा लगे तब पब्लिशर को उपन्यास की कीमत भेजिएगा। अब तक यह पुस्तक अपनी क्षमताओं पर खरी उतरी है। सनातन् संस्कृति और अध्यात्म पर आधारित यह पुस्तक प्रत्येक साहित्य प्रेमी को पढने के लिए प्रेरित कर रही है। 🙏जय श्री राधेकृष्ण जी🙏 ©यशवंत राय 'श्रेष्ठ' उपन्यास
Idris Rangrej
पत्तो पर पानी की बूंद की तरह है जिंदगी, जिस तरफ हवा बह जाये उसी तरफ हो जाती है। #बूँद