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Insprational Qoute
कण कण में खुशियों की लहर जाग उठी है,कहते हैं आज असत्य पर सत्य की जीत हुई है, करते हैं स्वागत इस त्योहार का तन मन से पर एक गरीब की तो आज भी रात वही है, जिन्हें वर्ष ही बीत जाते,खुशियों का दीप जलाये,कैसे कहे आज ये रात दीपों से जगमगाई है, हमनें तो शान ओ शौकत से पटाखे जला लिए पर आज भी उस मासूम के चेहरे पर रुसवाई हैं, इस दिवाली हम सब एक प्रण लेते हैं,नहीं करेंगे चाइनीज के पीछे अपनी जेब हम ख़ाली, ख़रीद उन नन्हें फ़नकार की मेहनत के दीये,मनायेंगे उस गरीब के आशियाने की दिवाली, देंगे उन्हें भी ज़माने भर का प्यार,खुशियों का त्योहार,असली मायने में वहीं होगा पर्व की बहार, आओ सब को कहे दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं, मनाये सब मिलकर यह दीपों का त्योहार। दिवाली पर कविता प्रतियोगिता : हिन्दुस्तानी साहित्य * Collab कर कम से कम 8 पंक्तियों में दीपावली पर कविता लिखें। *एक व्यक्ति केवल एक बार ही
DR. SANJU TRIPATHI
नई ऋतु के आगमन के साथ ही, घुल रही है फिजाओं में गुलाबी सी ठंडक। रिद्धि-सिद्धि के संग मां महालक्ष्मी खुशियों की माला लेकर घर में पधारेंगीं। होती है घरों में साफ-सफाई, बच्चे-बूढ़े सभी मिलकर करते हैं हंसी ठिठोली। लाते हैं खील बताशे, बजते हैं ढोल नगाड़े और बनाई जाती है घरों में रंगोली। प्रकृति भी होकर भावविभोर झूम झूम के खुशियों के मंगल गीत है गाने लगती। भुलाकर दिलों से क्रोध, ईर्ष्या और द्वेष की भावना दीपों की कतार सजाई जाती। दीपावली त्यौहार है खुशियों का, आपस में प्रेम व सौहार्द से सब मिलकर मनाएं। रिश्तो में मिठाइयों की मिठास घोलें, दिलों से सभी गिले-शिकवे को दूर भगाएं। बुराई पर अच्छाई की जीत हुई, श्रीराम अयोध्या लौटे तो मनाई जाती है दिवाली। लेकर बड़ों का प्यार और आशीर्वाद खुशियों के दीपक से संसार को जगमगाएं। दिवाली पर कविता प्रतियोगिता : हिन्दुस्तानी साहित्य * Collab कर कम से कम 8 पंक्तियों में दीपावली पर कविता लिखें। *एक व्यक्ति केवल एक बार ही
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
जगमगाते दीयों के संग, हम सभी दीपावली मनाते हैं, वैर भाव सब भूलकर, खुशियों के दीप हम जलाते हैं। ऋद्धि सिद्धि रूपी गणेश, लक्ष्मी का वास होता है, धन वैभव का गृह प्रवेश, दरिद्रता का नाश होता है। ऐश्र्वर्य वैभव की चकाचौंध में, हम सभी भूल जाते हैं, स्वदेशी को करते दरकिनार, आयातित अपनाते हैं। यही हाल रहा तो, गरीब बेरोजगार भूखा रह जाएगा, अमीरों के मुँह मीठे होंगे, गरीब आँसू पी सो जाएगा। दिवाली पर कविता प्रतियोगिता : हिन्दुस्तानी साहित्य * Collab कर कम से कम 8 पंक्तियों में दीपावली पर कविता लिखें। *एक व्यक्ति केवल एक बार ही
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
ऐसी रोशनी फ़ैला दो चहुं ओर। मिट जाये अंधेरा घनघोर। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma मेरी टुटी फुटी कविता #दिवाली
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
आप क्या चाहते हैं इस दिवाली पर ? #Diwali #दिवाली #NojotoHindi
Sunny Lakhiwal
दिवाली आयी है मैं भी दिवाली मनाऊंगा। मेरे टुटे झोपड़ को लिपुंगा-पोतूंगा, मिट्टी के दीपक से झोपड़ को सजाऊंगा। दिवाली आयी है मैं भी दिवाली मनाऊंगा।। दो साल पहले की नयी ड्रेस निकालूँगा, नयी ड्रेस पहनकर मैं, घुमू, इतराऊंगा। दिवाली आयी है मैं भी दिवाली मनाऊंगा।। चाहे रोज भले मैं रुखी-सूखी खाता था, पर मैं कही से चावल लाकर आज बनाऊंगा। दिवाली आयी है मैं भी दिवाली मनाऊंगा।। ना है तेल,घी खाने को कुछ भी मेरे घर में, मांगे हुये तेल से घर में दीप जलाऊंगा। दिवाली आयी है मैं भी दीवाली मनाऊंगा।। ना है पूजा का सामान ना है कोई फोटो तेरी, बस मिट्टी की मूरत के मैं भोग लगाऊंगा। दिवाली आयी है मैं भी दिवाली मनाऊंगा।। बस कुछ दिन विष्णुप्रिया मेरी कुटिया आ जाना। मैं सच्चे मन से माँ, तेरा ध्यान लगाऊंगा। दिवाली आयी हैं मैं भी दिवाली मनाऊंगा।। गरीब की दिवाली ये कविता आप जरुर पढ़े