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अपनों से हारोगे, तो नफरत मिलेगा, खुद से हारोगे, तो हिम्मत मिलेगी... Decide करो किस से हार्ना हे....
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अपनों से हारोगे, तो नफरत मिलेगा, खुद से हारोगे, तो हिम्मत मिलेगी... Decide करो किस से हार्ना हे....
Yudi Shah
Shreya Tripathi
शाम-ए-बनारस #शाम_बनारस आते जाते लम्हों के बीच... सुकून ढूंढना और सुकून का मिल जाना बड़ी मुश्किल बात होती है.... घर से बाहर निकलो तो वही प्रदूषण.... गाड
Ashutosh Kashyap
सीने को चिरती हुई यह ठंड भूख की अग्नी में सुलगता हुआ पेट कानो से गुजरती हार्न की धव्नी पर फिर भी आगे बढने की चाह वो रखती है उसे कोई तो ब
Sonu Goyal
रास्ता सुनसान था न किसी का नाम-ओ-निशान था..... डर डर कर कदम बढ़े कदम कदम पे मुश्किलें अड़े...... न आवाज़ थी न कोई शोर था मैं ही मुझमें मुझसे चोर था..... रात काली में दिखा न कोई मैं चलता बस चलता खोए.... हवा की शर शर से डर जाता वहीं डर कर मैं मर जाता ........ मैं चला फ़िर अपनी चाल होकर अपनी गाड़ी पे सवार..... बेवजह ही हार्न बजाए ताकि करे न कोई मुझपे वार...... सामने नहीं मैं पीछे देख चलता पर सामने मैं किसी ओर से मिलता...... देख उसको मैं सहम गया अब लगा जैसे मैं मर गया..... कहाँ जाऊँ किसको बुलाऊँ किसको अपना डर बताऊँ.....m न था कोई वहाँ दूसरा मेरे सिवा जिसे देख मुझमें आये थोड़ी दया...... आ खड़ी हो गयी मेरे आगे ऐसे बरसों से इंतज़ार किया हो जैसे...... बड़ी बड़ी आँखों से मुझकों ताके बाल फ़ैलाकर कर ख़ुद को ढाके....... मेरी आवाज़ उसके सामने निकल न पायी जब उसने अपनी आवाज़ में गीत गुनगुनायी...... अब रास्ता कोई सूझे न मुझे मैंने पूछा क्या चाहिये मुझसे तुझे......... उसका हँसना भी मुझे डर रही थी ऐसा लगा मुझे बुला रही थी...... आँख बंद कर मैंने आँख खोला बातें कुछ और नहीं सब कुछ था मेरे ख़याल का झोला..... ©Sonu Goyal रास्ता सुनसान था न किसी का नाम-ओ-निशान था..... डर डर कर कदम बढ़े कदम कदम पे मुश्किलें अड़े...... न आवाज़ थी न कोई शोर था मैं ही मुझमें मुझसे चो
DR. SANJU TRIPATHI
"उस रात" की एक अनोखी कहानी कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें👇👇👇 #हिंदीप्रभात #hindiprabhat #hpmarch_2021 #hpmarch_03 उस रात (कहानी) सुनसान सड़क पर हम चले जा रहे थे अकेले
trilokibhogta
स्ट्रीट लाइट (शाॅर्ट स्टोरी) अनुशीर्षक में पढ़ें ,,,, ©trilokibhogta स्ट्रीट लाइट मैं स्ट्रीट लाइट हूं , मुझे यहां लगभग बीस वर्ष हो गये है । पुस की ठंड हो ,या जेठ की धूप चैत की हवाएं हो , या सावन की बूंदें
Avadhoot Trinetra Dhar Dubey
आयुर्वेद दोह:- पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात! सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!! *धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!* दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!! *ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!* कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!! *प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!* बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!! *ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!* करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!! *भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!* चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!! *प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!* सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!! *प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!* तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!! *भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!* डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !! *घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!* एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!! *अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!* पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!! *रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!* सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!! *सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!* भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश ! *देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!* अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल^^ *दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!* बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!! *सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!* दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!! *भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!* पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!! *अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!* यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल! *पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!* श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!! *अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!* आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!! *फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!* ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!! *चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!* गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!! *रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!* बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!! *भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड, अजवान!* पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!! *लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!* तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान! *चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !* ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !! *सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस!* अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!! *सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!* घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!! *हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!* सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!! *अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!* नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!! *तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!* मिट जाते हर उम्र में,तन के सारे रोग। 🙏त्रिनेत्र🙏🏻 जय जय आयुर्वेद ©Avadhoot Trinetra Dhar Dubey #Corona_Lockdown_Rush आयुर्वेद दोह:- पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात! सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!! *धनिया की पत्ती मसल, बूंद न
Arunima Thakur
"होली की एक अधूरी . . . सुहानी शाम" (कहानी अनुशीर्षक में) एक अधूरी . . . . सुहानी शाम कल होली है, यह एहसास मुझे आज भी पचास पचपन साल की उम्र में भी गुदगुदा जाता है। मेरे इस एहसास का होल