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Vandana
शब्दों का समूह बन जाता है एक सुरीला गीत,,,, पंछियों के स्वरों में भर देता है संगीत,,,, भावनाओं की बांसुरी बन,,, हो जाता मन का मीत,,, किसी कवि के शब्द बन,,, रचना में भर देता प्राण,,,, चित्रकार के रंगों में भिगोयी तस्वीर,,, बन जाता प्रशंसा का स्वर,,, कलाकार की रंगमंच में फूंक देता जान,,, दो प्रेमियों के प्रेम का माध्यम बन जाता,,, ममतामयी शब्दों का आंचल बन जाता,,, शब्दों का समूह जीने की वजह बन जाता,,, भाषा का गूढ़ विज्ञान कहलाता,,,, आदि मानव से सुसंस्कृत मानव बन जाता, "शब्दों का समूह,,, #शब्दों का समूह #शब्दों_की_माला
Jassi Sona
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि पैसा जेब में न भी हो फिर भी ना नही देखा है। मैं अपने पापा से अमीर इंसान नही देखा है (hay guys) मैं हूं Sk kamal हमेशा की तरह आज भी की कर दिखाओ कुछ ऐसा की दुनिया, करना चाहे आप के जैसा ©Jassi Sona कहानियों का संगम
Indu Ravi
हो ली तमाचा.. नारियां तेरे मुँह पर तमाचे पड़ती हैं तुम कब जागोगी..? हर साल तेरे अस्तित्व को जलाया जाता है । तेरे मान - सम्मान स्वाभिमान को दहन किया जाता है । तुम मूकदर्शक बन जाती हो , और आंख बंद कर खुशियां मनाती हो , तभी ,तभी तो तुझे कभी जिन्दा जलाया जाता है । कभी गंदी निगाहों का शिकार बनाया जाता है । तुझे काल्पनिक बातों और कहानियों में भटकाया जाता है । और तुम आंख बंद कर सब कुछ करती जाती हो , तुम कब जागोगी और वास्तविकता की ओर कब भगोगी ? पढ़ो….तुम जानो और अपना अस्तित्व पहचानो । रूढ़ियों का साथ छोड़ो गलत का प्रतिकार करो । बात चाहे जो भी हो.. नारी के प्रतीक होलिका आज से ना दहन करो । सत्य को स्वीकार करो करुणा, मैत्री ,प्रेम-स्नेह का रंग भरो । नीर को यूं ही ना बर्बाद करो वास्तव में नारियों का सम्मान करो । इन्दु रवि ( राष्ट्रीय साहित्यकार ) ©Indu Ravi नारियों का सम्मान
कवि होरी लाल "विनीता"
पापियों का पाप देख पापियों का पाप देख रक्त मेरी देह का उबाल मारता है संविधान हाथ बांध मेरे दोनों रखा है वरना गर्दन मरोड़ देता पापियों की पकड़ कर आए दिन बलात्कार जो पापी कर रहे हैं शासन प्रशासन क्यों क्यों चौकस नहीं रहता।। इतना बड़ा संविधान किस लिए बना है क्यों न्याय बिन नारी बेचारी कोतवाली कचहरी भटके काहे बिना न्याय उसको मिल नहीं पाता है बार बार उसको तारीख पर तारीख मिलती न्याय बिना कोई भटके क्या संविधान ये कहे न्यायपालिका की नींद क्यों टूटती ही नहीं है ।। बेटियों की इज्जत तार-तार पापी करते क्यों भारत की पुलिस गोलियों से सीना उनका आर पार नहीं करते मर जाएं सारे पापी शमशान में जाकर भटकते यही अपेक्षा हम भारतीय पुलिस से करते कवि होरीलाल विनीता ने सदैव सच बात लिखा करते। ©कवि होरी लाल "विनीता" पापियों का पाप देख