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sargam
जब जब मेरा भोला झूम कर डमरू बजाता है ये सावन का महीना मेरे बाबा पर पानी चढ़ाने चला आता है ©sargam #भोलानाथ #Shiva #सावन
Gaurav tavtiya hindu dharm
Good Morning messages in English ।।।जय भोले की ।।। ॐनमःशिवाय सुप्रभात आपका दिवस मंगलमय हो #gif भोलानाथ बडा भोला है
SAMS
Main Logo Ki Najro Me Sayed Bahut Hi Bura Insan Hoon Lekin, Dil Se Bahut Hi Imandar Hoon Chahe Log Mane Ya Na Mane JAISANKAR © LOYALTY LOVE mujhe काबिल bana दे भोलानाथ । #Light #Trending
Mo k sh K an
पूछा कभी किसी ने छतरियों से जा कर "भीग कर बारिश में तुम्हें ठंड तो नहीं लगती" #NojotoQuote छतरियां #kavishala #tassavuf #mikyupikyu #love #hindinama #nojotopune #skand
Anamika
प्रवाह जिंदगी चल रही होती है,पर ये निगोड़ी यादें भी न जीवन को धप्पा कहकर सब बिसरा निचोड़ कर परोस ही देती है .. चमकते क्षण.. लाखों की भीड़ में चुनिंदा शख्स ऐसा होता हैं कि हम उनसे शायद इस कदर खुद को जोड़ लेते हैं कि तमाम कोशिशों के बाद भी अपने प्रेम के हिस्से को उससे नहीं निकाल पाते.. बीतती उम्र और बंद मुट्ठी में फिसलती रेत .. भला कब तक ठहरेगी.. खैर कुछ पल जिये है अनछुए एहसास के ,तो बस उन्हीं पलों के एकतरफा अधूरे ख्वाब को पूर्ण करने के लिए मैं अलसाई नींदों में टिमटिमाते जुगनुओं की रोशनी देखकर अपने डगमगाते पांवों से कर लेती हूं प्रीत का नृतन.. #पुरानीयादोंकीचादर #डायरीकेपन्नोंसे चंदा रे चंदा रे कभी तो जमीं पर आ(गीत)
विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )
इश्क़ झूठा, एक दर्द है ये सच, हमें धोखा देकर चला जाता है अक्सर। पर फिर भी हम खो जाते हैं उसमें, इसे छोड़कर जीना हमें नहीं आता कहीं। जो था इश्क़, अब बस एक कल्पना है, हमारे दिल में ये दर्द हमेशा ज़िंदा है। कोई क्या जाने इस इश्क़ के अंदर, जो दिल का हाल बदल देता है अदा से नज़र। इश्क़ के झूठ में मत खो जाना, सच्चे प्यार को हमेशा साथ रखना। दिल से उठे हर एहसास को देखो, इस इश्क़ के झूठ में फिर कभी मत फसो। जिंदगी के साथ इसे सीख जाओ, इश्क़ के झूठे सपनों को तुम भूल जाओ। ©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) जागो रे रे........
Chetna kushwah
जब पागल नहीं थी तो लोगों ने पागल कहें कर छोड़ दिया और जब से पागल बनीं हूं वहीं आज सरा आंखो पर बैठा रहें आज वही सरा आंखो पर बैठा रहें
Ak vishwakarma
#FourLinePoetry एक खाट पर मैं बैठा था दूजी खाट पर कम्मो ताई, चाय गर्म और पानी पी-कर मंद-मंद मुस्काई! तनिक क्षणों में भौंहे तानकर और हाथ में लाठी थामकर, उठी, चली वोह चौखट-पर तक उलटी जूती सीधी किये कर! गुड़िया बोली माँई रुको तो जाकर पास कहा झुको तो, दी कटोरी एक हाथ में लाई थी गुड़िया जो अचार को! तभी अचानक तीतर बोला ताई ने अंतर्मन पट खोला, गुत्थी उसकी यूँ सुलझाई आज ना बाहिर जाना भाई कहे देती हैं ये कम्मो ताई!! एक खाट पर मैं बैठा था दूजी खाट पर...........!! ~ ए° के° विश्वकर्मा ©Ak vishwakarma #fourlinepoetry एक खाट पर मैं बैठा था!