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Amit Singhal "Aseemit"
कुछ नहीं प्राप्त होता है अकर्मण्यता से, परम सुख की परिश्रम से तुष्टि होती है। शीघ्र सफलता प्राप्त न होती अधीरता से, नियमित कर्मों करने से संतुष्टि होती है। ©Amit Singhal "Aseemit" #अकर्मण्यता
Dharmendra singh
अकर्मण्यता दरिद्रता की सहेली है। ©Dharmendra singh #अकर्मण्यता
vishnu prabhakar singh
गुम हो जाता है परस्पर अपेक्षा में काबिज़ चलन में उपसत्य जो है गुम हो जाता है धन अर्जन में रीती के टेक में उपवंश जो है गुम हो जाता है विकास के दौर में संयत के तौर में उपयोग जो है गुम हो जाता है पुत्र के मोह में मित्र के जोह में उपहार जो है गुम हो जाता है सेवा के भाव में मेवा के चाव में उपचित्त जो है जिस तरह समाजवाद का उपसर्ग परिवारवाद,उसी तरह नैतिकता का उपसर्ग बदलाव। #गुमहोजाताहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Y
Anupama Jha
"काश" इच्छाओं का उपसर्ग है और "आस" प्रत्यय । #काश #आस #उपसर्ग #प्रत्यय #yqdidi #hindiquote #हिंदीकोट्स
Vedantika
अति काम मद लोभ में देखो मनुष्य गया हार देव के भेष में राक्षसों की हो रही जय-जयकार मानवता का हुआ हनन सब देख रहे है निःशब्द खुद पर संकट आएगा तो चिल्लाएंगे सब गैरजिम्मेदार सब हुए एक दूसरे को रहे ताक कौन सुधारे खुद को घूम रहे सब बेबाक मान मनोव्वल चाहिए झूठे हो जज्बात दिल खोल बता रहे एक दूसरे की बात विशेष बन कर रह रहे दुनिया मे धनवान गरीब की पीड़ा से रहे हरदम ये अंजान चलते रहे जो मखमली कालीन पर सदा कैसे सहे पथरीली जमीन के निशान निसन्देह इस संसार मे सब नहीं एक जैसे जीवन की कठिन डगर पार होगी कैसे प्रश्न बड़ा ही है कठिन उत्तर ना जाने कोई ईश्वर की शक्ति के आगे राह आसान बन जाई उपसर्ग का प्रयोग: अति- बहुत ज्यादा गैरजिम्मेदार- लापरवाह विशेष- खास निसन्देह- बिना किसी शक के
Rajnish Shrivastava
जीवन में कुछ पाना है तो आगे की सोचना होगा बहुत हुआ अब हमको आगे की तरफ बढ़ना होगा रुके हुए पानी की तरह हम एक जगह रह गए तो सारा जीवन कांटों की तरह हमे बसर करना होगा सुप्रभात। सुबह उठिए और अकर्मण्यता एवं आलस पर प्रहार करते हुए यह कहिए कि.. #बहुतहुआअब #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote
Shahbaz Alam
बहुत हुआ अब आलस बिस्तर का ये गुरुत्वाकर्षण अब तो बढ़ती जारही सर्द मौसम का भी मजा अब काम अधूरा होता जाए सुबह यहाँ न होता कोई जो चाय भी बिस्तर पे दे जाए उठना होगा जगना होगा बहुत हुआ अब आलस।। सुप्रभात। सुबह उठिए और अकर्मण्यता एवं आलस पर प्रहार करते हुए यह कहिए कि.. #बहुतहुआअब #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote