Find the Latest Status about बढ़ता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बढ़ता.
Anjali Nath Goswami
जिंदगी की राह में चलता चल कर परिश्रम और बढ़ता चल... कर हौंसले बुलंद कदम बढ़ाता चल रख विश्वास उस खुदा पर वही संवारेगा तेरा आज और कल.... बढ़ता चल....
Balkrishan patel
ए मुसाफिर चल ! तू बढ़ता चल ! मत रोक कदम उनके लिए , जो यादों के सफर में छोड़ गए अकेले, चाहत ना थी उनको हमसे शायद चाह कुछ और थी। आगे बढ़ता चल
Preeti Sharma
तू बढता चल सपनों के पीछे चलता चल भूल जा फिजूल की बातों को तू कल की खोज में आज ही निकल तू बढता चल तू बढ़ता चल
Ek villain
जब से नरेंद्र मोदी ने देश की बागडोर संभाली है देश निरंतर आगे बढ़ रहा है विश्व में भी मोदी नेतृत्व के कारण भारत के स्वीकृत उपस्थिति बढ़ी है इन सबसे पीछे मोदी के कुशल नेतृत्व क्षमता और उनकी सरलता अभी उन्नाव की एक सभा में भाजपा के जिला अध्यक्ष जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छूने के लिए झुके तो मोदी ने उन्हें तुरंत रोका और स्वयं उनके पैर सार्वजनिक मंच पर छूते हुए कहा कि संगठन सर्वोपरि है कार्यकर्ता पार्टी की जान है जान है उनमें से हम हैं देश के लिए बड़े गौरव की बात है कि ऐसे व्यक्तित्व के हाथों में देश की जिम्मेदारी है जो छोटे बड़े में भेद नहीं करता जो देश हित में कठोर निर्णय भी लेता है जो सर्व समाज की बात करता ही है कोई पहली बार नहीं हुआ कि मोदी ने ऐसी दरियादिली दिखाई हो इससे पहले भी जब मोदी सदन के नेता रूप में चुन कर संसद आए तो सबसे पहले उन्होंने संसद के द्वार पर रखकर प्रणाम किया फिर अपने कुंभ के मेले में सफाई की जिम्मेदारी निभा रहे सफाई कर्मियों के पैर छुए यह कोई सामान्य बात नहीं है हमेशा देश में ऐसा कोई नेता जो पार्टी कार्यकर्ता द्वारा पैर नहीं छूने पर नाराज हो जाते हैं ©Ek villain #selflove बढ़ता विश्वास
Deepak Namdev
tuta dil quotes ये मेरा दिल है साहेब जितने टुकडें करोगे प्यार उतने ही टुकड़ों के साथ बढ़ता जाएगा | #NojotoQuote प्यार बढ़ता जाएगा
Anuj Ray
"फ़ासला बढ़ता गया" फ़ासला बढ़ता गया, लहरों से ज्यों किनारे का। कम होता गया प्यार , फिर तेरी बाहों के सहारे का। चूक हुई कहां समर्पण में, कसूर क्या था दिल बेचारे का। क्यों रूठ के मुंह फेर लिया, मतलब है क्या तेरे इशारे का । ©Anuj Ray फ़ासला बढ़ता गया"
Adarsh Ashok Kumar Rai
मंजिलों सा बढ़ता गया , साध कर एक निशाना मैं, अडचने सारी आई थी सामने, फिर भी नाहीं हारा मैं, क्योंकि.थी एक जज्बा दिल में, जिसकी चाहत में उलझा था मैं, कैसे भी मिल जाए ये मंजिल.. बस इसी आस में डूबा था मैं! बस इसी आस में डूबा था मैं! Adarsh Ashok Kumar Rai. मंजिलों सा बढ़ता गया....