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Aprasil mishra

***************** सांस चलती रहे याद आता रहूँ। मैं तेरे स्वप्न में गीत गाता रहूँ।। सांस चलती रहे, ................।। पुष्प खिलते रह #yqtales #yqhindi #yqlove #yqlife #हरिगोविन्दविचारश्रृंखला

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"मनेन्दित आकर्षिका: काव्य------" *****************
सांस चलती रहे याद आता रहूँ।
मैं तेरे  स्वप्न  में  गीत गाता रहूँ।।
सांस चलती रहे, ................।।
       पुष्प खिलते रह

Nisheeth pandey

#worldmusicday जीवन एक संगीत है, जो चलता है- स्वरचित लय- ताल में, इसके स्वर होंगे , ये निर्भर होंगें, कर्म पर परिश्रम पर, सच्चाई के पगठण्डी #lovequotes #Remember #कविता #Likho #walkalone #Streaks #निशीथ #Parchhai #Tuaurmain #BhagChalo

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Bramhan Ashish Upadhyay

#रातकाअफ़साना चाँद की प्रतीक्षा में मैं बैठा था एक रात छत पर चाँद की प्रतीक्षा में । लेकिन कुछ और ही छुपा था भगवान की इच्छा में।१। आज न ज #Poetry #Love #Thoughts #writersofindia #wordporn #writeaway #writersofinstagram #quoteoftheday #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #writersofig #feelings #inspirationalquotes #qotd #instawriters #igwriters #igwritersclub #yqbaba #हिंदी #nojotohindi #yqquotes #vद्रोही

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चाँद की प्रतीक्षा में
मैं बैठा था एक रात छत पर चाँद की प्रतीक्षा में ।
लेकिन कुछ और ही छुपा था भगवान की इच्छा में।१।
आज न जाने कहाँ से एक और चाँद छत पर निकला था।
जिसको देख के मेरा दिल आज पहली दफा पिघला था।२।
मन में ख़्याल आया दौड़ के उसको दूँ टीका लगा।
जिसके आगे उस चाँद का नूर भी फीका लगा।३।
मैं बैठा था..........
मैं मंत्रमुग्ध हो कर  देख रहा था ऐसे उसकी ओर।
जैसे एक टक चाँद को देखता हो कोई चकोर।४।
ऐसा लगा जैसे वो चाँदनी में ऐसे नहाई थी ।
मानो स्वर्ग से मेनका ,रम्भा और उर्वशी उतर आई थी।५।
जितनी तारीफ करें उतना ही कम था।
जिस ख़ुदा ने सुन्दरता की ये अद्भुत मूरत बनाई थी।६।
मैं बैठा था..........
फिर एक नही कई बार हुई ।
उसकी और मेरी आँखें चार हुई।७।
मैंने ठान लिया कि अब उसको हालात-ए-दिल से रुबरु करना है।
कितना मचल रहा है ये दिल उसके लिए उसको ये बताना है ।८।
फिर मेरे हृदय पर वज्र सा आघात हुआ।
जो मेरे साथ हुआ ऐसा न कभी पहले किसी के साथ हुआ।९।
मैं बैठा था..........
जैसे मैं उससे कुछ कहने को हुआ ।
रात बीत गयी दिनकर निकलने को हुआ।१०।
वो मुझे ऐसे देख के गयी जैसे उसको फिर कल आना है।
मैं चाहता था वो रुक जाए मैं उसको वो बता दूँ जो उसको बताना है।११।
चाँद की प्रतीक्षा में काट दी कई अमावस की काली रातें।
पर उससे अब तक न हो पाई जो करनी थी उससे बातें।१२।
 मैं बैठा था एक रात छत पर चाँद की प्रतीक्षा में ।
चाँद की प्रतीक्षा में #NojotoQuote #रातकाअफ़साना 


चाँद की प्रतीक्षा में
मैं बैठा था एक रात छत पर चाँद की प्रतीक्षा में ।
लेकिन कुछ और ही छुपा था भगवान की इच्छा में।१।

आज न ज

CalmKazi

This would one of my favorite pieces I wrote long back when I was away from home. Its poignant and reminds me of everything I loved about my #Morning #दिन #सुबह #yqbaba #हिंदी #कविता #yqdidi #छोटेशहर #rememberingchildhood #calmkaziwrites #SmallTownMornings

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कुछ सुबह की बातें

चाय का ठेला
लगता है हर नुक्कड़ पर
पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग और गाय मदमस्त
लेखक है एक कोने में सोता
रात को कुछ थका सा था
वहीँ दूसरी ओर लफंदर लौंडे
ठिठोली करते हैं किसी अनसुनी बात पर
कुछ ऐसी सुबह होती है मेरे शहर में
जैसे रात का साया ही न रहा हो कभी

गिनी चुनी खाली थैलियाँ
और कुछ प्लास्टिक के छोटे खिलोने
बटोर रही वो बूढी अम्मा
और कहीं दूर से घंटियों की टनटनाहट
आती है मेरे कानो में
सुबह की पूजा चल रही होगी उस घर में
कुछ ऐसी सुबह होती है मेरे शहर में
जैसे रात का साया ही न रहा हो कभी

(Read caption for full text) This would one of my favorite pieces I wrote long back when I was away from home. Its poignant and reminds me of everything I loved about my

CalmKazi

(READ FULL POETRY BELOW) कुछ सुबह की बातें... चाय का ठेला, लगता है हर नुक्कड़ पर । पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग, और गाय मदमस्त । लेखक है एक #Morning #दिन #yqbaba #हिंदी #कविता #yqdidi #repost #Allahabad #mycity #छोटेशहर #rememberingchildhood #calmkaziwrites #SmallTownMornings #ReverseTimelineChallenge

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कुछ सुबह की बातें

चाय का ठेला
लगता है हर नुक्कड़ पर
पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग और गाय मदमस्त
लेखक है एक कोने में सोता
रात को कुछ थका सा था
वहीँ दूसरी ओर लफंदर लौंडे
ठिठोली करते हैं किसी अनसुनी बात पर
कुछ ऐसी सुबह होती है मेरे शहर में
जैसे रात का साया ही न रहा हो कभी

गिनी चुनी खाली थैलियाँ
और कुछ प्लास्टिक के छोटे खिलोने
बटोर रही वो बूढी अम्मा
और कहीं दूर से घंटियों की टनटनाहट
आती है मेरे कानो में
सुबह की पूजा चल रही होगी उस घर में
कुछ ऐसी सुबह होती है मेरे शहर में
जैसे रात का साया ही न रहा हो कभी (READ FULL POETRY BELOW)

कुछ सुबह की बातें...

चाय का ठेला,
लगता है हर नुक्कड़ पर ।
पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग, और गाय मदमस्त ।
लेखक है एक

स्मृति.... Monika

#NatureLove #प्रकृति सुंदर रम्या -सी कोमल ©स्मृति.... मोनिका ✍️

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मनोहारिणी, सुंदर रम्या -सी कोमल- कोमल
प्रकृति ओढ़कर निकली है धानी -धानी चूनर
कलरव करते खग -विहग, लेकर रंग -बिरंगे पर
अडिग दम्भ से खड़े हुए हैं चीड़, देवदार तरुवर |

दिनकर की उजली किरणे क्रीड़ा करती हैं भू पर
स्वर्णिम आभा बिखरी है धरती संग अंबर पर
मखमली बिछौना बिछा देख चंचल छौना है उस पर
दूर कहीं से गूँज रहा रव झर-झर करता है निर्झर ||

©स्मृति.... Monika #NatureLove #प्रकृति सुंदर रम्या -सी कोमल ©स्मृति.... मोनिका ✍️
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