Find the Latest Status about नयागांव from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, नयागांव.
ARTIST VIP MISHRA
ek mulakat dcp. zones 3 Mumbai police station udaghan me ©VIP. SMART नायगाव पूर्व में नए पुलिस स्टेशन का हुआ उद्धाटन। ek mulakat Mumbai police 🚔 station udaghatan dcp.zone. 3
id default
राधा-रानी का प्रथम फगवा निमंत्रण भेजा प्रथम निमंत्रण लड्डू संग होली खेलन का बरसाने से राधा रानी ने अपनी दासी के हाथ नंदगांव कान्हा को,उत्साहित हो किया निमंत्रण स्वीकार होली खेलन का कान्हा ने, पहुँची स्वीकृति कान्हा की जब, झूम उठी हर्षित हो राधा रानी फूली न समाइ,होने लगी स्वागत की तैयारी बरसाने की गलियों में। लगी बनाने योजना राधा रानी सखियों के संग, होगा कैसे स्वागत कान्हा का याद रहे पहली होली का रंग,कान्हा भी मन ही मन मुस्काये जाने होगा कैसा पहली फगवा का रंग। रैन बीते कब होये सवेरा इसी इंतजार में कान्हा सारी रैन बैठ बिताये,पहली प्रीत की पहली फगवा जाने कितना उत्साहित कर जाये,राधा कृष्णा से ज्यादा है कौन समझ पाये। ये प्रसंग जब राधा रानी ने पहली फगवा का निमंत्रण बरसाने से अपनी दासी के हाथ लड्डू संग कान्हा को नंदगांव भेजा था। यही प्रथा तभी से चली आ रही
Dhanesh
कोकण.....महाराष्ट्र राज्य के पश्चिमी दिशा की अथांग समुद्र तट भूमी.....720 किमी पर फैली हुई इस समुंदर किनारोंका मजा लेने आवश्य जाना चाहिये...
Vikas Sharma Shivaaya'
📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️ आज बिरज में होरी रे रसिया..... जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बरसाने की लड्डू होली बरसाने के श्रीजी मंदिर में देखने को मिलेगी- श्रीजी राधारानी का एक भव्य मंदिर हैं-यहाँ पर भक्तों के ऊपर लड्डुओं की बरसात कर दी जाती हैं,एक-दूसरे के ऊपर लड्डू उछाले जाते हैं,सभी भक्तों में उन लड्डुओं को पकड़ने की होड़ लगी रहती हैं। कोई इन्हें पकड़कर अपने झोली में डाल लेता हैं तो कोई इन्हें उसी समय भगवान का प्रसाद समझकर खा जाता हैं..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बरसाने की लट्ठमार होली विश्वभर में प्रसिद्ध हैं-यह बरसाने की संकरी गलियों में खेली जाती हैं। दरअसल द्वापर युग में जब कान्हा नंदगांव में रहा करते थे तब वहां के कई पुरुष बरसाने की महिलाओं के साथ होली खेलने जाया करते थे। तब वहां की महिलाएं उन पर लट्ठ से वार करती थी और भगा देती थी। इन पुरुषों को हुरियारे कहा जाता था।तब से बरसाने की लट्ठमार होली प्रसिद्ध हो गयी। इसमें नंदगांव से हुरियारे भाग लेते हैं तो बरसाने की महिलाएं। महिलाओं के हाथों में बांस के बड़े-बड़े लट्ठ होते हैं जिन्हें वे पुरुषों इसके बाद आता हैं मुख्य रंगों के त्यौहार का आधिकारिक आयोजन। श्रीकृष्ण का सबसे मुख्य और प्रसिद्ध मंदिर हैं वृन्दावन में स्थित बांके बिहारी जी का मंदिर। रंगभरनी एकादशी के दिन यहाँ मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं जिसे देखने लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच जाते हैं। इस दिन रंगों का जो गुब्बार उठता हैं वह देखते ही आँखें चौंधियां जाती हैं। चारों ओर से विभिन्न रंगों के बादल ही बादल नज़र आते हैं। आप इस दिन कुछ भी करके स्वयं को रंगों से बचा ही नही सकते। आपका शरीर एक नही बल्कि कई रंगों से सराबोर हो जायेगा, कुछ ऐसी ही होली इस दिन खेली जाती हैं।पर बरसाती हैं तो वही पुरुषों के पास इन लट्ठों के वार से बचने के लिए ढाल होती हैं जिससे वे अपना बचाव करते हैं। जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिस दिन बरसाने में लट्ठमार होली खेली जाती हैं उसी के अगले दिन नंदगांव में भी लट्ठमार होली का आयोजन किया जाता हैं। अब इसमें नंदगांव की महिलाएं भाग लेती हैं तो बरसाने के पुरुष हुरियारे बनकर। अब नंदगांव की महिलाएं लट्ठ बरसाती हैं तो बरसाने के पुरुष उससे स्वयं को बचाते हुए नज़र आते हैं..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बरसाने और नंदगांव में तो लट्ठमार होली खेली जाती हैं क्योंकि तब तक कान्हा थोड़े बड़े हो चुके थे लेकिन जब वे छोटे थे तो गोकुल में होली खेलने जाया करते थे। तब लट्ठों की मार से कान्हा को चोट लग सकती थी। इसलिये वहां की महिलाएं छड़ी से कान्हा को पीटा करती थी और भगाती थी। बस तभी से गोकुल की छड़ीमार होली भी बहुत प्रसिद्ध हैं। जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की वृंदावन में फूलों की होली भी बहुत प्रसिद्ध हैं। यह ज्यादातर सभी मंदिरों में बड़ी ही धूमधाम के साथ खेली जाती हैं। इसमें मंदिर के चारों और से भक्तों के ऊपर पुष्प वर्षा की जाती हैं। फूलों की होली तो आजकल देश के विभिन्न भागों में बड़े ही उत्साह के साथ खेली जाती हैं। जिन्हें रंगों से किसी तरह की एलर्जी या समस्या हैं तो वे फूलों से ही होली खेलना पसंद करते हैं। जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इसके बाद आता हैं मुख्य रंगों के त्यौहार का आधिकारिक आयोजन- श्रीकृष्ण का सबसे मुख्य और प्रसिद्ध मंदिर हैं वृन्दावन में स्थित बांके बिहारी जी का मंदिर। रंगभरनी एकादशी के दिन यहाँ मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं जिसे देखने लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच जाते हैं। इस दिन रंगों का जो गुब्बार उठता हैं वह देखते ही आँखें चौंधियां जाती हैं। चारों ओर से विभिन्न रंगों के बादल ही बादल नज़र आते हैं। आप इस दिन कुछ भी करके आखिर में एक ही बात समझ आई की त्रैतायुग के प्रारंभ में विष्णु ने धूलि वंदन किया था। इसकी याद में धुलेंडी मनाई जाती है। धूल वंदन अर्थात लोग एक दूसरे पर धूल लगाते हैं। बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️ आज बिरज में होरी रे रसिया..... जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बरसाने की लड्डू होली बरसाने के श्रीजी मंदिर में देखने को
pooja d
ज्ञान नाही, विद्या नाही वंगाळ वाचा, असते नेहमी तयास मानव म्हणावे का? माणूस आहे, माणुसकीधर्म नाही पशु नव्हे, पशुसारखे कृत्य नेहमी तयास मानव म्हणावे का ? बुद्धी आहे, विचार नाही वागणे तयाचे, अविचारी नेहमी तयास मानव म्हणावे का? हात दोन, पसरते नेहमी कमावण्याची, जिद्द नाही तयास मानव म्हणावे का? राजकरणापाई, भविष्य अंधारात अख्खी जवानी, तळवे चाटण्यात तयास मानव म्हणावे का? मित्रानों💕 आज माननीय सावित्रीबाई फुले यांचा जन्मदिवस. महाराष्ट्रातील स्त्रीशिक्षणाच्या आरंभिक टप्प्यात त्यांचे पती जोतिराव फुले यांच्यासह त्
pooja d
बघूनी अन्याय, बघूनी अधर्म बघूनी अशिक्षितपणा,बघूनी अंधविश्वास रक्त ज्याचे सळसळत नाही तयास मानव म्हणावे का ?? मित्रानों💕 आज माननीय सावित्रीबाई फुले यांचा जन्मदिवस. महाराष्ट्रातील स्त्रीशिक्षणाच्या आरंभिक टप्प्यात त्यांचे पती जोतिराव फुले यांच्यासह त्
Ravendra
#CTK -Funny 0r Die
सरकारी व्यवस्थाओं में संवेदनहीनता की ऐसी तस्वीर सामने आई है जो मानवता को शर्मसार करने वाली है। बुधवार को एक पिता अपने मासूम बेटे की लाश को क
Unconditiona L💓ve😉
" तितली " आकाश में उड़ रही है अपने सुंदर पंख लिए- तितलियां रंग-बिरंगी मन भावन उनकी आंखे दिलकश सतरंगी, हंसमुख पंख मुड़े किन्तु भरे उड़ान आकाश में उनका रंग रूप मनभावन तितली की मनभावन अदा को देख एक कली अपने पास बुलाने की भूल कर बैठी उड़कर पहुंची तितलियां फूलों के पास इकट्ठा कर शहद पी डाला मुरझा गई कलियां अपने पराग चुगने को बुलायी थी कालियाँ फूलों कलियों का रस चखकर वह तितली ढूंढा कहीं ओर ठिकाना रीत है यही दुनिया की जरूरत और पल भर के हैं रिश्ते-नाते देख दुनिया की रीत हो जाती चकित मैं! 🌺आज भी ऐसे भोली प्यारी 👸👸 बहुत सी कलियाँ मिल जाती है 😇जो किसी ऐसे ही तितली 🦋🌷 और भौरे 🐝 की बाहरी सुंदरता से आकर्षित होकर,, अपने पराग प्रेम