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रसिक उमेश
जीवन के हर मोड़ पर कब कौन काम आ जाय नही पता पर ईश्वर हर मोड़ पर हमारे साथ होता है, बस हमारा दुर्भाग्य है कि हम अपने आप को अहमियत नही दे पाते। *ईश्वरअंशजीवअविनाशी* 💐💐💐💐💐💐💐 ©रसिक उमेश #प्रेम ईश्वर प्रदत्त है:- #Love
Manyu Manish
मैं इस मान्यता को अस्वीकार करता हूँ कि दुनिया में जो कुछ भी होता है सब ईश्वर की मर्ज़ी से होता है, उसकी इच्छा के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। अगर आप इसे मानते हैं तो आपको हत्यारों,लुटेरों, बलात्कारियों को ईश्वरीय इच्छा पूरी करने का माध्यम मात्र मानना पड़ेगा। अपनी अक्षमता,अरुचि, अनिच्छा, अपराध बोध, अपने कर्मों को न्यायोचित सिद्ध करने के लिए इस मान्यता का फायदा कुछ लोग उठाते हैं। @मन्यु आत्रेय #ईश्वरीय विधान???
Vidhan Mandal
कश्ती जिंदगी की कश्ती उनके भरोसे मत छोड़ना जिनसे आप प्यार करते हो। नहीं तो अंजाम टाइटेनिक जैसा होगा। #कश्ती @विधान
Ek villain
हम सभी परम पिता परमात्मा के पुत्र हैं वह हम सभी पुत्रों को समान रूप से चाहते हैं पर वह जिन्हें योग्य विश्वसनीय और इमानदार समझते हैं उन्हें अपनी क्रश शक्ति का कुछ अंश इसलिए सौंप देते हैं कि वह उसके ईश्वर उद्देश्यों की पूर्ति में हाथ बढ़ाएं धन बुद्धि स्वास्थ्य शिल्प चतुरा मनोबल नृत्य आदि शक्ति आदि ने अधिक मात्रा में दी गई है वह अधिकारी नगर अधिकारी को देकर राजा कोई पक्षपात नहीं करता बल्कि अधिकार योग्य व्यक्ति से अधिक काम लेने की नीति बढ़ता है परमात्मा भी कुछ थोड़े से लोगों को अधिक संपन्न बनाकर अपने अन्य लोगों के साथ अन्याय नहीं करता उस ने सभी को समान रूप से विकसित होने के अवसर दिए हैं वह पक्षपात करें तो फिर समदर्शी और दयालु कैसे कहा जा सकता है भोजन वस्त्र आवास तथा जीवन यापन की उचित आवश्यकताएं पूरी करने वाली वस्तुएं प्रभु प्रदाता प्रत्येक व्यक्ति के लिए वेतन के समान है आलसी आकर मणि उल्टे सीधे काम करने वाले लोगों का वेतन कट जाता है और उन्हें किनी आशाओं में आभा ग्रस्त रहने को विश्वास होना पड़ता है जो परिश्रम पुरुषार्थी सीधे मार्ग पर चलने वाले हैं वह अपना उचित वेतन यथा समय पाते हैं रहते हैं इस वेतन के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार की शक्तियां लोगों को जन्मजात मिली होती है यह शक्तियां केवल इस उद्देश्य के लिए होती है कि इनमें उत संपन्न कोई व्यक्ति अपने से कमजोर लोगों को ऊपर उठने में लगाया था प्रत्येक समृद्धि मनुष्य को प्रभु ने यह कर्तव्य सौंपा है कि वह अपने जो कमजोर हैं उनकी मदद करने में इन शक्तियों को क्या व्यर्थ किया जाए जैसे कि यदि कोई सुशिक्षित है तो उसका फर्ज है कि आज शिक्षित लोगों को शिक्षक का प्रचार करें कोई शक्तिशाली है तो उसका कर्तव्य यह है कि निर्मल ओं को सताने वालों को रोके धनवान के निकट धन इसलिए आम नेता के रूप में रखा गया है कि वह इसके उपयोग से विद्या बुद्धि व्यवसाय संगठन सद ज्ञान आदि का इस प्रकार नियोजन करें कि उसमें जरूरतमंद लोगों को अपनी चतुर्मुखी उन्नति कर सकें ©Ek villain # ईश्वर का विधान
Madhab
वो आए थे तब कितना खुशी था आगन में। चला गया तो कितना सन्नाटा छा गया आगन में। हम जाने नहीं देना चाहते थे उनको । पता नहीं कैसा मिला होगा आगन उनको । भगवान से प्रार्थना करता हूं कि हमसे बेहतर आगन मिलें उनको।। ©Madhab विधि के विधान
Komal Barge
लग्न म्हणजे सुखद सोहळा, भरतो पाहुण्यांचा मेळावा.. दारी घालता मंडप, वाजतो सनई -चौघाडा.. मुलीच्या डोळ्यातून अश्रू येतात भदभादा.. जाणार असते ती सोडून तिच्या घरच्यांना, नविन घरात नवे अस्तित्व शोधायला.. जाते माहेरी सोडून तिची गोड आठवण, म्हणूनच तिला म्हणतात परक्याचं धन.. नविन पणे तिला तिथं करमत नाही, पण असं दाखवून तिला जमत नाही... जाताना जाते फक्त्त आठवणी घेवून, माहेरी आली कि, म्हणतात आली नांदून.. जेव्हा येते तिला माहेरची आठवण, फक्त मनात करते सगळ्यांची साठवण.. नवऱ्यासाठी जाते सर्वांना सोडून, सासरची बोलतात काय आलीस घेवून.. दीरा मध्ये होतो तिला भावाचा भास, पण भाऊ त्रास देयाला नसतो कुठेच आसपास.. खरंच! म्हणूनच असतात का मुली परक्याचं धन.... ©Komal Barge लग्न म्हणजे....