Find the Latest Status about सुरेंद्र यादव का बिरहा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सुरेंद्र यादव का बिरहा.
Mihir Choudhary
तुमने तो हँस के पूछा था बोलो न कितना प्रेम है बोलो कैसे मैं बतलाता बोलो ना कैसे समझता जब अहसास समंदर होता है तो शब्द नही फिर मिलते हैं उन बेहिसाब से चाहत को कैसे कैसे मैं बतलाता बोलो न कैसे दिखलाता बोलो न कैसे समझता तब भी हिसाब का कच्चा था अब भी हिसाब का कच्चा हूँ जो था वो ना मेरे बस का था अब तो जो हालात हुए उनसे तो मैं अब बेबस हूं अब अंदर -अंदर सब जलता है लावा जैसा सा कुछ पलता है धीमे धीमे कुछ रिसता है कुछ टूट-टूट के पीसता है नस-नस मैं जैसे कुछ खौलता है धड़कन बिजली सा दौड़ता है अब बेहिसाब ये यादे है बस बेहिसाब ये चाहत है बोलो क्या वो प्रेम ही था बोलो न क्या ये प्रेम ही है मिहिर... बिरहा
Surendra Singh Puniya
तदबीर से बिगड़ी तक़दीर बना दे। खुद पर है भरोसा तो एक दांव ओर लगा दे। सुरेंद्र चौधरी
विनय शुक्ल 'अक्षत'
गीत--तेरी याद दिला जाते हैं! **************** धवल चाँदनी धरे शीतकण, तन मन को दहका जाते हैं। तेरी याद दिला जाते हैं... चुभतीं ज्यों विषदंत हो गयीं। लगतीं आज अनंत हो गयीं। समय ओढ़कर जो सोई थीं, स्मृतियाँ जीवंत हो गयीं। सुधियों के पर मन पंछी को, जाने कहाँ उड़ा लाते हैं। तेरी याद दिला जाते हैं.... तिरछी नजरें चंचल चितवन। वह तेरी चिड़ियों सी चहकन। रोमांचित कर देने वाली, वह तेरी पल भर की बहकन। जाने क्यों मन के आँगन को, बीते दिन महका जाते हैं। तेरी याद दिला जाते हैं..... बरसों बाद दुबारा मिलना। बिन बोले अधरों का हिलना। अनचाहे भी इक दूजे की, आँखों में आँखों का खिलना। पहला प्यार चाहकर के भी, आखिर कहाँ भुला पाते हैं? तेरी याद दिला जाते हैं... रचनाकार...#सुरेन्द्र #सिंह #झंझट सुरेंद्र सिंह "झंझट"जी का प्यारा सा गीत
Anuj Ray
" बिरहा की रातें" न धुंआ न कहीं ,आग जला करती है, बिरहा की रातें यूं ही ,खामोश जला करती हैं जलता है बदन आग की लपटों में,दो बूंद की उम्मीद लिये, बेबसी हाथ मला करती है। फागुन का महीना हो, या घनी सावनी रातें, पिया मिलन की आस में, यूं ही ख़ला करती हैं। ©Anuj Ray #बिरहा की रातें