Find the Latest Status about अरथी का पर्यायवाची from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अरथी का पर्यायवाची.
प्रभाकर अजय शिवा सेन
जग की पर्यावाची मघा😁😁😁😂😄😅 ©प्रभाकर अजय शिवा सेन जग का पर्यावाची #Roses
Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
Manoj Bhatt
"अर्थी" क्या साथ है दुनिया का यारो। जीवन रहते न कोई साथ देता, चला गया संसार से अब मैं आंसुओं से मुझको है भिगोता।। जब चाहत नहीं मुझे इस संसार की है, फिर क्यों लोग मुझको ममता है दिखाते ।। जो चाहते नहीं थे कभी मुझको आज पास आकर वह भी बैठ रहे हैं, देखना चाहते नहीं थे जो चेहरा मेरा वह घूंघट उठाकर भी देख रहे हैं ।। जो पूछना तक चाहते नहीं थे मुझको आज वही कंधों पर उठाकर चल रहे, कल जो अपना बताते नहीं थी मुझको आज अपना-अपना कहकर लड़ रहे हैं ।। (m.bhatt) ©Manoj Bhatt #( अर्थी का दर्द)
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
ShadoW
कुछ दर्दों की दवाएं ना होती, अगर दुनिया में माँएं ना होती... ©ShadoW माँ...हर दवा का पर्यायवाची है... #maa #Mother #viral #thought #Feeling #MothersDay
निशब्द
Ved Prakash
उधर बैठ डोली मे वो विदा हुई| इधर जान जिसम से जुदा हुई| उधर उसने हाथों पे मेंहदी रचाई| इधर लोगो ने मेरी मैययत उठाई| उधर वो अपनी जिंदगी से मिले इधर हमने लगाई मौत गले उधर सुरख जोडे से उसने लपेटा बदन इधर मेरी अरथी पर उढाया गया कफऩ| चार कंधो पे उसकी डोली उठी चार कंधो पर उठी मैययत मेरी उसके घर पर भी लोग रो रहे थे रो-रोकर ही चली मैययत मेरी ©Ved Prakash डोली और अरथी #IndianAirforceday
Ved Prakash
उधर बैठ डोली मे वो विदा हुई| इधर जान जिसम से जुदा हुई| उधर उसने हाथों पे मेंहदी रचाई| इधर लोगो ने मेरी मैययत उठाई| उधर वो अपनी जिंदगी से मिले इधर हमने लगाई मौत गले उधर सुरख जोडे से उसने लपेटा बदन इधर मेरी अरथी पर उढाया गया कफऩ| चार कंधो पे उसकी डोली उठी चार कंधो पर उठी मैययत मेरी उसके घर पर भी लोग रो रहे थे रो-रोकर ही चली मैययत मेरी ©Ved Prakash डोली और अरथी #IndianAirforceday
Parasram Arora
कोई पुरखो को पानी पहुंचा रहा हैँ कोइ गंगाओ मे पाप धो रहा हैँ कोई पथर की प्रतिमाओं के सामने बिना भाव सर झुकाये बैठा हैँ धर्म के नाम पर हज़ार तरह की मूढ़ताएं प्रचलन मे हैँ धर्म से संबंध तो तब होता हैँ जब आदमी जागरण की गुणवत्ता हासिल कर लेता हैँ जहाँ जागरण होगा वहा अशांति कभी हो ही नहीं सकती क्यों कि जाग्रत आदमी विवेकी होता हैँ इर्षा क्रोध की वृतियो से ऊपर उठ चुका होता हैँ औदेखा जाय तो धर्म औऱ शांति पर्यायवाची शब्द हैँ धर्म औऱ शांति...... पर्यायवाची शब्द हैँ