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Bharat Bhushan pathak

#हिन्दी मनमोहन छंद विधान :- यह चार चरणों का सममात्रिक छंद है।इसके प्रत्येक चरण में १४ मात्राएँ। इसमें यति ८-६ मात्रा पर रखी जाती है,अन्त म #Poetry

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Bharat Bhushan pathak

#Reindeer छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार #Poetry

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#City *दिनाँक-- 02-11-2022* *विधा*-- *रास छंद* *विधान – प्रत्येक पद में 22 मात्राएँ होती हैं। 8, 8, 6 मात्राओं पर यति होती है और पदांत #कविता

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*दिनाँक-- 02-11-2022*

 *विधा*-- *रास छंद*

*विधान – प्रत्येक पद में 22 मात्राएँ होती हैं। 
8, 8, 6 मात्राओं पर यति होती है 
और  पदांत 112 से होता है। 
चार चरणों से  एक छंद बनता है।
 क्रमागत दो-दो चरण में तुकांतता होती है ।*

नाथ  हमारे , द्वार  तुम्हारे , भजन करें ।
तुमको ध्यावें , तुमको पावें , नमन करें ।।
शरण तुम्हारी , दुनिया सारी , पीर हरो ।
आप  हमारे  , पालन   हारे , पार करो ।।

तुम हो सपना , जीवन अपना , प्रीत कहे ।
मैं हूँ प्यासा , तुमसे आशा , गंग बहे ।।
सूना जीवन , भटके ये मन , आप मिले ।
मेरा आँगन , तुमसे साजन , खूब खिले ।।

०२/११/२०२२      -      महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #City *दिनाँक-- 02-11-2022*

 *विधा*-- *रास छंद*

*विधान – प्रत्येक पद में 22 मात्राएँ होती हैं। 
8, 8, 6 मात्राओं पर यति होती है 
और  पदांत

Bharat Bhushan pathak

#GarajteBaadal छंद- विजात छंद विधान हेतु आदरणीय संजीव शुक्ल'सचिन' जी का अग्रिम आभार:- यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात् #Poetry

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राजकिशोर मिश्र राज

चण्डिका === चण्डिका छंद या धरणी छंद में प्रत्येक चरण में १३ मात्राएँ होती है lप्रत्येक चरण में आठ ,पाँच पर यति अंत में चरणान्त रगण [२१२ आदि

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चण्डिका === चण्डिका छंद या धरणी छंद में प्रत्येक चरण में १३ मात्राएँ होती है lप्रत्येक चरण में आठ ,पाँच पर यति अंत में चरणान्त रगण [२१२ आदि

kavi manish mann

पाठ-4: अश्व/शुनगति (मात्रिक छन्द - 7 मात्राएँ, अंत में "ध्वजा"): दिनांक: 17.09.2020 मात्रिक छन्द: अश्व/शुनगति (मात्रिक छन्द - 7 मात्राएँ, #yqdidi #मौर्यवंशी_मनीष_मन #छंद_मन #अश्व_छंद

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इक राज था।
इक साज था।
लेकिन नहीं,
वो आज था। पाठ-4: अश्व/शुनगति (मात्रिक छन्द - 7 मात्राएँ, अंत में "ध्वजा"):
दिनांक: 17.09.2020

मात्रिक छन्द:

अश्व/शुनगति (मात्रिक छन्द - 7 मात्राएँ,

kavi manish mann

पाठ - 52: चन्द्रवत - 17 मात्राएँ - अन्त में (22) दिनांक: 06.02.2021 मात्रिक छन्द: चन्द्रवत -17-अन्त में 22 मापनी - 2122 1212 22 "छन्द प #मौर्यवंशी_मनीष_मन #छंद_मन

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छंद मन पाठ - 52:  चन्द्रवत  - 17 मात्राएँ - अन्त में (22)
दिनांक: 06.02.2021

मात्रिक छन्द: चन्द्रवत -17-अन्त में 22
मापनी - 2122 1212  22

"छन्द प

kavi manish mann

पाठ - 55 : शक्ति -18 मात्राएँ - अन्त में (212) मापनी - 122 122 122 12 (लगागा लगागा लगागा लगा) "छन्द प्रभाकर" में 18 मात्राओं के छ #मौर्यवंशी_मनीष_मन #शक्ति_छंद #छंद_मन

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#शक्ति_छंद

जिसे चाहते थे दिया वो दगा।
यहां कौन किसका हुआ है सगा।
सिला प्यार का खूब हमको मिला।
शिकायत करें क्या करें अब गिला। पाठ - 55 : शक्ति -18 मात्राएँ - अन्त में (212)

मापनी - 122  122  122  12
      (लगागा लगागा लगागा लगा)

"छन्द प्रभाकर" में 18 मात्राओं के छ

Rd medhekar "समर्थ"

प्रथमागत

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प्रथमागत

खुली खिड़की से झाँककर,
तुमने मुझे जगाया,
स्वप्न भंग किया मेरा,
और मैं तमतमाया,
अक्सर तो ऐसा होता नहीं,
पर आज ये हुआ,
रात खिड़की का मैं,
परदा लगाना जो भूला,
अवसर को तुमने भुनाया,
और मैं चौन्धियाया, 
मैं अभ्यस्त अँधेरे का,
विश्वास उजाले का खो चुका,
किंकर्तव्यविमूढ़,
अधर में अटका,
राह भटका,
अंधेरे से निकल,
उजाले में आने में,
आखिर कुछ तो समय लगता है,
मेरे भाई,
खैर,
अब आ ही गए हो तो आओ,
कौन रोक सका है तुम्हें,
आगत का स्वागत है,
खुली खिड़की के उस पार खड़े,
तुम्हें एक नज़र ,
बंद आँखों से देखकर ,
प्रणाम,
दीवार पर टंगे कैलेंडर पर
तारीख देख कर,
सुबह के अखबार के पन्ने पलटकर,
चाय की चुस्कियां लेते,
आज में होने का  ,
अहसास कराने के लिए,
धन्यवाद,
और क्षमा,
इस अनौपचारिक स्वागत के लिए....

28-2-2020         --**रामदास
                      शब्दांकन@समर्थ RD प्रथमागत

Rashmi singh raghuvanshi "रश्मिमते"

#चश्में की कारमात

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सारा काम ख़त्म होता है
तो मम्मी का चश्मा गुम हों
जाता है,
होता कुछ यूं है कि
आप अपने सारे काम करके
जैसे ही बैठने वाले होते हो
इत्मीनान के साथ तभी
एक आवाज़ आती है
मेरा चश्मा नही मिल रहा है,
वो चश्मा ढूढ़ने के बाद 
जब बैठने जाते हो 
तो वो शुकुन नही मिलता।
😂😊😀😀😀😀😀😅🙏🙏

©rashmi singh raghuvanshi #चश्में की कारमात
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