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Sam Roy
मतलबी लोगों से अब हमनें भी रिश्ता रखना छोड़ दिया है, अब हम भी लोगों से मतलब से रिश्ता रखते हैं, #मतलब #मतलबी
संदीप धाकड़ तिनस्याई
दिल लगी का कसूरवां हमे ठहरा दिया। इश्क आपने किया दिवाना हमें बता दिया। वेशक तेरे मौज में मस्त हैं हम भी । दूर आपने किया गुनेहगार हमें बता दिया कसूरवार
N M
अपने कर्मों की किसी को क्या दोष देना जब स्वयं का वक्त खराब हो| मैं ही गुनाहगार हूँ! मैं ही क़ुसूरवार हूँ... #क़ुसूरवार #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi# कसूरवार
N M
अपने कर्मों की किसी को क्या दोष देना जब स्वयं का वक्त खराब हो| मैं ही गुनाहगार हूँ! मैं ही क़ुसूरवार हूँ... #क़ुसूरवार #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi# कसूरवार
sameer
कोई दबता नहीं है अब कुचलने से जमाने में। लोग गिरते हैं क्यों मेरे संभलने से जमाने में।। हवा दिशा बदलती हैं,रंग रिश्ते बदलते हैं, फरक पड़ता नही मौसम बदलने से जमाने में।। दुकानें अपने मतलब कीं खोलने को जमाने में। दोस्ती खेल है अच्छा खेलने को जमाने में।। जनम है सात जिंदगी दोबारा मिल भी जाएगी, जनम कम है ये सच्चे दोस्त मिलने को जमाने में।। समीर शेख़ मतलब.....मतलब.....मतलबी दोस्त #matlab #matlabidost #matlabiduniya
sameer
कोई दबता नहीं है अब कुचलने से जमाने में। लोग गिरते हैं क्यों मेरे संभलने से जमाने में।। हवा दिशा बदलती हैं,रंग रिश्ते बदलते हैं, फरक पड़ता नही मौसम बदलने से जमाने में।। दुकानें अपने मतलब कीं खोलने को जमाने में। दोस्ती खेल है अच्छा खेलने को जमाने में।। जनम है सात जिंदगी दोबारा मिल भी जाएगी, जनम कम है ये सच्चे दोस्त मिलने को जमाने में।। समीर शेख़ मतलब.....मतलब.....मतलबी दोस्त #matlab #matlabidost #matlabiduniya
राज दीक्षित
"कसूरवार" तेरे अल्फ़ाज़ों से शुरू हुई थी जो मोहब्बत। मगर उसके कसूरवार सिर्फ हम ही क्यों थे।। कितनी बार मुझे अपने नाम से पुकारा था। मग़र उसमें भी दागदार सिर्फ हम ही क्यों थे।। हमने तो सुना था मोहब्बत भी खुदा का रूप है। मग़र उस रूप के गुनहगार,सिर्फ हम ही क्यों थे।। भरी महफ़िल में जाम तो तुमने भी पिया था। मग़र उसमें भी बदनाम सिर्फ़ हम ही क्यों थे।। मोहब्बत तो हमारी आब-ऐ-आईने से ना कम थी। मग़र उसमे भी बदसूरत सिर्फ़ हम ही क्यों थे।। सुना था मोहब्बत नसीब वालों को मिलती है। मग़र उसमें भी बदनसीब सिर्फ़ हम ही क्यों थे।। मेरी इल्तिफ़ात में कमी तो बिल्कुल ना थी। मग़र उसके भी शत्रु सिर्फ़ हम ही क्यों थे।। हमारी मोहब्बत सरेआम तोड़ी भी तुमने थी। मग़र उसमें भी उदास सिर्फ हम ही क्यों थे।। ***** #कसूरवार
Neetu Sharma
"मतलबी तो मै कल भी नहीं था और आज भी नहीं, पर बेशक एक मतलब ने मेरी दूनियाँ बदल दी। "तुम" #मतलब#मतलबी#nojotohindi#quotes