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Ek villain
महाराष्ट्र में तीन दलों की महा विकास आघाडी सरकार बनाने के बाद से व्यवस्था कंबल की दूर व्यवस्था कुछ ज्यादा खुलकर सामने आ रही है इससे ना केवल सबक लेने की जरूरत है बल्कि इसमें सुधार के प्रयास भी किए जाने जरूरी हैं राज्य में इन दिनों किसी न किसी पूर्व या वर्तमान नौकरशाह से ऐसे बयान आ जाते हैं जिनके कारण राज्य में नेतृत्व गंभीर और आरोप में फंसता दिखाई दे रहा है राज्य सरकार के गृह मंत्री पद किसी राज्य की कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए बनाए गए हैं दुर्भाग्य देखिए इस राज्य के गृहमंत्री इन दिनों गंभीर आरोप में अपने पद से इस्तीफा देकर अब जेल की हवा खा रहे हैं पुलिस आयुक्त का पद कई बड़े महानगर की पशु को सुचारू रूप से संचालित करने की बजाय बनाया गया होगा आज मुंबई में पुलिस आयुक्त पर ही हफ्ता वसूली के कई मामले दर्ज हैं राजनीतिक नेतृत्व में गंभीर अपराध खत्म करने का शॉर्टकट ढूंढते हुए को जन्म दिया होगा आज मुंबई के कई नागरिकों को जेल में है किसी राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में मुख्य सचिव या सचिव पद से बहुत जिम्मेदारी इमानदारी और सफाई की जाती है आज राज्य के पूर्व महासचिव जांच एजेंसियों के सामने सिर झुकाए हैं काबुल करते दिखाई दे रहे हैं कि मुझे मौके के निर्देश पर पोस्टिंग के लिए कहा जाता है और पद में कनिष्ठ होने के कारण मैं मना नहीं कर पाता लगाई इलाज आने लगी अपने लोकतंत्र में ऐसे बयान सुनकर लगभग 1 साल पहले 2021 की फरवरी हुए ऑस्ट्रेलियन कांड में महाराष्ट्र राजनीतिक नेतृत्व में नौकरशाह के बीच चल रही गड्ढा मोदी की पोल खोल कर रख दी ©Ek villain #मौखिक निर्देश पर प्रस्तुति नौकरशाही #proposeday
हर हर महादेव हर हर महादेव
जय हिंद जय भारत ©हर हर महादेव हर हर महादेव हमारे बापू समाज एक प्रमुख मौखिक भाषा के साथ सबका विकास का भी आरोप का तपना किया था
Maukhik kalam
Pnkj Dixit
🌷राँझा 🌷 वह टुकुर - टुकुर देखता है । गर्दन को दाएँ - बाएँ हिलाता है ; जैसे बैल की गर्दन में लटकती घंटी । उसके होंठ अस्पष्ट -सा बुदबुदाते है । सामने वाला पढ़ लेता है , मौखिक रूपी हृदय की मौन भाषा । ”छपाक” की आवाज आती है । लगता है हृदय के सरोवर में वह गोते लगाने लगा है । ०१/११/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' ©Pnkj Dixit 🌷राँझा 🌷 वह टुकुर - टुकुर देखता है । गर्दन को दाएँ - बाएँ हिलाता है ; जैसे बैल की गर्दन में लटकती घंटी । उसके होंठ अस्पष्ट -सा बुदबुदाते ह
Poetry with Avdhesh Kanojia
नारी पुरुष पर भारी - - - - - - - - - - - - - हर स्थान पर जा के चाहे देख लो तुम पुरुषों पर भारी हर जगह पर नारी है। हालत देखो नर की जैसे कोई भीगी बिल्ली सिकुड़ छुहारा सम म्याऊँ म्याऊँ पुकारी है।। सुनाती है बातें छत्तीस काँटे लगे पुष्प सम जैसे उनकी पुरुष पर अक्षय उधारी है। बने चाहे कोई सिंह बने चाहे शेर खान बन कर दुर्गा उसकी करती सवारी है।। कपड़े लत्ते जूता चप्पल और चाहे घड़ी घण्टा सब कुछ अपनी पसन्द का दिलाती है। भूत प्रेत का भय पुरूष चाहे माने नहीं सारा अनुभव खुद नारी ही कराती है।। बात यदि अनसुनी कर दे उसकी पुरुष तब सारा घर अपने शीश पे उठाती है। भौतिक शस्त्र रसोई वाले बेशक न चलाये पर मौखिक बेलन मौखिक चिमटा ख़ूब चलाती है।। अपने बचाव में अंतिम पंक्ति अवधेश लिखे कलम ये मेरी कुछ और भी बताती है। जीवन में मिठास भी आती तभी है अवधेश जब जब तुम्हारी अर्धांगिनी सताती है।। #funny #funnyquotes #fun #हास्य_व्यंग्य #हास्य #poetry #poems नारी पुरुष पर भारी - - - - - - - - - - - - - हर स्थान पर जा के चाहे देख लो त
i am Voiceofdehati
★हिंदी★ जो बोलते हैं हिन्दी में मातृभाषा जिनकी हिंदी है उन्हें हिंदी लिखने को कहो तो लाचार नजर आते हैं इनसे पूछ लो गर दो चार दोहे तो रामचरितमानस को ये संस्कृत में लिखा बताते हैं। हिंदी अब बची है बस जुबां पर बाकी लिखने को तो अनाप-शनाप कुछ भी छाप जातें हैं ।। अब तो हिंदी मात्र मौखिक रूप से ही हमारे साथ जुड़ी है लिखित रूप में अंग्रेजी वाली हिंदी ही उपयोग में आती है। ★हिंदी★ जो बोलते हैं हिन्दी में
Shubham Anand Manmeet
मैंने लिखना चुना क्योंकि प्रेम और पीड़ा को मौखिक अभिव्यक्ति देना दुष्कर था मेरे लिए और इसलिए भी कि मुझ हेतु प्रेम और पीड़ा दोनों ही सदैव एकांत और गोपनीयता का विषय रहे । हाँलांकि प्रेम और मनोविज्ञान विशेषज्ञों को मेरे इस वक्तव्य से ख़ासी आपत्ति हो सकती है सो यह भी कह दूँ कि यह व्यक्तिगत सहजता का विषय भी है और मेरे लिए सहज था लिखना । इतना सहज कि मैंने प्रेम में संवाद के लिए भी लिखना चुना परंतु दुर्भाग्यवश तुम्हें संवाद पढ़ने से ज़्यादा संवाद सुनने में रुचि थी सो अनुत्तरित लौट आए मेरे संदेश और उपेक्षित रह गया प्रेम उपेक्षित प्रेम एक दमघोंटू स्थिति है । असंख्य लाल चींटियाँ देह में दिन रात रेंगती हैं जब-तब जहाँ-तहाँ काटते हुए यह पीड़ाओं के लौटने का समय है पीड़ाएं लौटने लगी हैं हृदय की ओर मस्तिष्क से नाभि के सीधे परिपथ में अविराम वृत्तीय यात्रा के बाद और पीड़ाओं की मौखिक अभिव्यक्ति में सदैव ही मेरी राह रोकी है आँसुओं और कँपकपाती आवाज़ ने कितनी ही बार भावनाओं ने हृदय से निकलकर गले में ऐसा चक्का जाम किया है कि कुछ कहते नहीं बना सो मैंने फिर से लिखना चुना है परन्तु इस बार प्रेम को नहीं स्वयं को बचाने हेतु। ©Shubham Anand Manmeet मैंने लिखना चुना क्योंकि प्रेम और पीड़ा को मौखिक अभिव्यक्ति देना दुष्कर था मेरे लिए और इसलिए भी कि मुझ हेतु प्रेम और पीड़ा दोनों ही सदैव एका
ashutosh anjan
लेखन का महत्व 👇 कैप्शन में पढ़े। ---------------------------------------------------------------- लेखन के महत्व को जानने से पहले हमें ये समझना पड़ेगा कि लेखन क्या है? अपनी भा
Sangeeta Patidar
कहीं छुपे थे गुलाब, तो कहीं बिखरे थे तराने, मुँह-ज़बानी याद हैं उसके वो सारे ख़त पुराने।। रोज़ाना एक बेस्ट पोस्ट को अपने Yourqoute and instagram प्रोफाइल से पब्लिश करूँगा जो _best quotes of the day_ होगा !! Example: कहीं है पहलू
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
तुझे भुलाने को ये काम किया मैंने, अपने दिल से तेरी याद को मिटाया मैने//१ *मुहज़बाँ याद है सब बातें उसकी,कि रोज़ आयत की तरह दिल को रटाया मैंने//२ यादें भुलाई है मगर उसको भुलाऊँ कैसे,अपने *दरीचा_ए_दिल में जिसको बिठाया मैंने//३ जो वादे किए थे उसने मेरे*दस्त को जो ले दस्त में, बाद उसके वादों को यकीन बनाया मैने//४ हर*लफ़्ज़ याद है उसकी पहलीं मुलाकात का, लफ़्ज़ क्या,ज़ेर-ज़बर तक ना भुलाया मैंने//५ आख़िरी मुलाकात में*मरासिम सब तर्क किए उसने, ज़हर ये इनाम समझ खुदको पिलाया मैंने//६ बीते अफसाने जब याद आए यारो,उसकी हर याद को *शिकस्त_ए_दिल से लगाया मैंने//७ अगरचे याद करेगा वो कभीदिल से फिर शमा को,तो इसी एक उम्मीद को फिर दिल में जगाया मैंने//८ #ShamawritesBebaak ✍️ ©shama writes Bebaak #haalat#hadse# तुझे भुलाने को ये काम किया मैंने,अपने दिल से तेरी याद को मिटाया मैने//१ *मुहज़बाँ याद है सब बातें उसकी,के रोज़ आयत की तरह दिल