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Ghumnam Gautam
गीतांश.... घिसे-पिटे प्रतीकों से क्या तेरा वर्णन हो पाएगा ? धवल मगर कलंकित शशि कब तेरा आनन हो पाएगा? नदी के मुड़ने में कहाँ लोच तेरे कटि-प्रदेश की होगी? कहे कोई कि तुझ-सी दूजी इत-उत या किस देश की होगी? इसी लिए मैं तुझ पर कविता करने से बचता रहता हूँ और ये सच है तुझ पर ही मैं कविता रचता रहता हूँ! क्रमश ©Ghumnam Gautam #Qala #प्रतीक #वर्णन #कविता #आनन #ghumnamgautam #शशि #सच
DR. SANJU TRIPATHI
त्योहारों का देश है अपना भारत यहां होली में रंग बिरंगे गुलाल उड़ाए जाते हैं लोहड़ी और जमघट में रंग-बिरंगी पतंगों के पेंच आसमान में लड़ाए जाते हैं। किसान है अन्नदाता इनकी मेहनत से ही खेत खलिहान अनाजों से भरे रहते है, खेतों में किसान और सरहद पर जवान हर दम देश सेवा में तत्पर बने रहते हैं। खिलते हैं जब सूरजमुखी के फूल सभी के चेहरे खुशियों से मुस्कुराने लगते हैं। बागों बगीचों में बसंत आ जाता है सबके दिल खुशी से झूम कर गाने लगते हैं। हर इंसान अपना छोटा सा आशियाना बनाने के लिए दिन रात एक कर देता है, बनाकर खून पसीने से अपना आशियाना अपनों के चेहरे पर खुशी ला देता है। इंद्रधनुष के सतरंगी रंगों के जैसा सभी का जीवन रंगबिरंगा रंगीन होना चाहिए, जीवन एक बार मिलता है, इसको खुलकर हंसकर जिंदादिली से जीना चाहिए। मेरी चित्र वर्णन कविता #काव्यसंग्रह #Kavyasangrahmanch #paanchvapadav #merivyakaranyatra #meriyatraeksoch
Pratyush Tripathi
क्यो पूछते हो मुझसे तुम उसका हाल, मुझे तो उसकी आँखों नें कर रखा है बेहाल, मुझे सता कर खुश रहनें वाली से भी तो पूछो तुम, ये सब सच भी है या है केवल माया-जाल.... #gif वर्णन
kokate abhi
स्वप्न 1 अवतरली एक परी माझी स्वप्न सुंदरी काळ्या कुतल कुरळ्या केसांवरती दिसतो शोभुन गजरा रानवेलींचा कोमल सतेज कांतीचा रंग केवड्याचा तेजोमय पिवळ्या धम्मक्क रानफुलांचा बटीचा आकडा नागमोडी वळनाचा नयन धारदार तेज तलवार गुलाबाचे ओठ अन् त्यावरचं नाक जणु धनुष्य-बाण मंजुळ आवाज कोकीळीचा घेतो अचुक वेध माझ्या मनाचा आशा देखन्या रुपानं भुरळ घातलीया माझ्या मनाला स्वप्नात..... पहाटेचं स्वप्न......
Geeta Sharma
कविता पता नही कहाँ उग आती है , चलते - 2 राहों में बन जाती है , कविता दर्पण है समाज का , हमारे कल और आज का... कविता प्रेम है , कविता वेदना है , कविता हमारी संवेदना है , कविता अल्पना है , सुंदर कल्पना है , कविता हमारी आवाज है , प्यारा सा साज है , कविता तलवार है , गंदी राजनीति पर वार है , कविता में कई कहानी हैं , आग और पानी है , बुराईयों का माप है , कविता मैं और आप हैं । ©Geeta Sharma ### कविता क्या है..? ### कविता विरोध है , ### कविता सृजन है , ### कुछ पुराना.. ### कुछ नया वर्जन है ।
Pandit Shivendra Mishra
हुआ सवेरा सूरज आया , लाल-लाल किरणों को लाया। धूप हुयी औ चिड़ियां चहकीं, पुष्प खिले औ कलियां महकीं।। पौधों में भी प्रभा आ रही, लालिमा हर तरफ छाई है। सभी दिशाएं हर्ष कर रहीं, नदियां भी मुस्काई हैं।। शोभित मन्द बयार हो रही, तिमिर गया है भू से भाग। जगा हुआ भूमण्डल सारा, कर्मवीर अब तू भी जाग।। -पं. शिवेन्द्र मिश्र "मनमोहन" प्रभात-वर्णन
Trilok
गुरु गुण वर्णन सागर को मापना लगता असंभव तो क्या रत्नाकर की बात नहीं करूं एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचना मुश्किल तो क्या शिखर की कल्पना भी नहीं करूं जानता हूं मानता हूं कि तू है विशाल और विराट तो क्या तेरे एक गुण का भी बखान नहीं करूं करूंगा, करना है मुझे क्योंकि मैं सब कुछ नहीं, बहुत कुछ नहीं पर कुछ तो कहूंगा, कुछ तो बोलूंगा तेरे अथाह जीवन को तेरे तन मन वच पावन तेरे गुण रत्नों के मिलन को तेरे उत्कृष्ट चारित्र पालन को गुरु गुण वर्णन
Hema Kushwaha
मैं तो सिर्फ कोरे कागज भरती जाती हूं। मन मे जो ख्याल ,उसे कोरे कागज पर उतार देती हूं। जिंदगी जीने में जो हलचल और ठोकरे मिली उसे ही कागज पर उभार देती हूं। ह्रदय में जो सुख दुख के भाव उत्पन है उसे ही कोरे कागज पर लिखती रहती हूं। अपने अरमां को युही व्यक्त किये जाती हूं। सबकी सुनती हु पर अपनी ही करती हूं। मैं तो मस्त मौला हु आज़ाद पंखी की तरह उड़ती हु। जिंदगी का कोई भरोसा नही फिर भी हस्ती रहती हूं। मैं तो सिर्फ........ विचारों का वर्णन