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Liyakat Ali
-:मुबारक हो सबको माहे रमज़ान आ रहा हैं:- बनकर बख्शिस का सामान आ रहा हैं लेकर खुशियों का वो पैगाम आ रहा हैं -:मुबारक हो सबको माहे रमज़ान आ रहा हैं:- कर लो तैयारियां उसके आने से पहले बहुत जल्द वो प्यारा मेहमान आ रहा हैं -:मुबारक हो सबको माहे रमज़ान आ रहा हैं:- मुफ्लिसो यतीमो गम के मारो उठो मुस्कुराओ देखो हम सबका वो गमख्वार आ रहा हैं -:मुबारक हो सबको माहे रमज़ान आ रहा हैं:- मनाओं जश्न करो चरागां सब गली घर शहर में वो रब का प्यारा पाक़ महीना आ रहा हैं -:मुबारक हो सबको माहे रमज़ान आ रहा हैं:- अस्सलामु अलैकुम तमाम आलमे इंसान दोस्त अहबाब और your quote के तमाम सुखनवरो शायरों सदस्यों को 🌹रमज़ान मुबारक हो🌹 अल्लाह पाक़ से यही दुऑ हैं क
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
तमाम आलम-ए-इस्लाम को शमीम अख्तर की जानिब से 👇 ❣️ ( ईद-उल-अज़हा )❣️ की पुरखुलूस मुबारक बाद अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त अपने महबूब ﷺ के सदके तुफैल तमाम मोमिनीन कि हज और कुर्बानीयों को कुबूल फरमाए,और हमें तक़वा और परहेज़गारी के साथ ईद मनाने की तौफ़ीक़ अता फरमाए, और उम्मते मुस्लिमा को जालिमो के ज़ुल्म से महफूज़ फरमाए,जालिमो का खात्मा फरमाए । हमारे मुल्क ए हिंदुस्तान में अल्लाह तआला अमन चैन शांति कायम फरमाए आमीन....✍️ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Eidulazha तमाम आलम-ए-इस्लाम को शमीम अख्तर की जानिब से 👇 ❣️ ( ईद-उल-अज़हा )❣️ की पुरखुलूस मुबारक बाद अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त अपने महबूब ﷺ क
Anjali
मोहब्बत हुई, इज़हार हुआ, इज़हार का इंकार भी हुआ वक़्त से ना हुआ, सो जो भी था दरमियाँ, तमाम ही हुआ #तमाम
Amit kumar jha
दिसंबर का महीना अमित की कलम से हिन्द के तमाम बहनों को समर्पित -------------------------------------------------------------- कौन करेगा तेरी हिफाजत यहा ऐ बेटी ये दुनिया दरिन्दगी का एक बाजार है मर गया है यहा ज़मीर सबका इंसानियत भी यहा सर्मशार है कोई न सुनने वाला तेरी चिख यहा बस सब तेरी आबरू लूटने को तैयार है तू उठा ले अब सस्त्र अपने हाथों में क्यो तू अब भी लाचार है मिटा दे तू उन दरिन्दों की हस्ती वक्त की अब यही पूकार है दिखा दे तू कि नारी अब कमजोर नही हर जुल्म सहने को मजबूर नही कली समझने कि उसे अब भूल न कर बन चुकी अब वो अंगार है अब न आयेंगे कोई गोविन्द तुझे बचाने को अब तुम्हे ही कुछ करना होगा रहना है गर तुझे बेखौफ यहाँ इस सिस्टम के खिलाफ हो कर लड़ना होगा बता दे नारी को 'कदमों की धूल' समझने वाले को नारी अब धूल नही नारी अंगार है सीता समझने की तू अब भूल ना कर आ जाये ज़िद पर तो 'चंडिका की अवतार' है तू द्रोपदी नही तू दूर्गा और काली बन दुश्मन का सर उसके धर से अलग कर अब मत कर देर इस शुभ काम मे पापियों के रक्त से अब तू श्रींगार कर फिर न कोई तुझे छुने को हाथ आगे बढायेगा हरेक सर तेरे सम्मान मे झूक जायेगा बस तू सस्त्र तो उठा, जंग का आगाज तो कर पूरे हिन्द मे तेरी विरता का परचम लहरायेगा हजारों जल चुकी है हवस की आग मे और लाखों जलने को तैयार है तुझे खुद ही जलाने होंगे आशाओं के दीपक गर तेरी ज़िन्दगी मे अंधकार है ~~~~~▪▪Ak. Amit▪▪~~~~~ अमित की कलम से हिन्द के तमाम बहनों को समर्पित
Amit kumar jha
"अमित" की कलम से हिन्द के तमाम बहनों को समर्पित
गौरव गोरखपुरी
उम्मीदें तमाम लिए चलता हूं अपनों को इंजमाम लिए चलता हूं #poeticPandey तमाम #nojotohindi