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gudiya
Shiv_ Dutt
शोर-शराबा कुछ ज्यादा ही था.. शायद इसी लिए उसकी आवाज़ कोई सुन नही पाया... #yqbaba #yqdidi #yqtales #yourquote #yqquotes #शोर #शराबा
Deepak Mubarakpuri
भूली बिसरी राहें गुजरी , जिम्मेदारी कंधो पर निखरी, आना जाना , उठाना बैठना , गाना शोर , शराबा रंग। यारी जिम्मेदारी अपनी , करती चलती रास्ते भर तंग , नया डगर है , नया असर है , बहता नीर किनारों संग।। ©Deepak Mubarakpuri #standAlone भूली बिसरी राहें गुजरी , जिम्मेदारी कंधो पर निखरी, आना जाना , उठाना बैठना , गाना शोर , शराबा रंग। यारी जिम्मेदारी अपनी , करत
Himanshu Prajapati
बड़ा शहर अनजान लोग छोटा गांव पहचान लोग, शहर का शोर-शराबा गांव का हलचल शहर में बदलता रोज नजारा गांव में वही चलता पल पल, शहर की आबादी दमा रोग गांव की हवा खुला योग..! ©Himanshu Prajapati #City बड़ा शहर अनजान लोग छोटा गांव पहचान लोग, शहर का शोर-शराबा गांव का हलचल शहर में बदलता रोज नजारा गांव में वही चलता पल पल, शहर की आबादी
yogesh atmaram ambawale
अक्सर लिखतें वक्त ख़ामोशी पसंद आती हैं| शोर शराबा अगर रहे तो मेरी हट जाती हैं|😉 OPEN FOR COLLAB✨ #ATअक्सरलिखतेवक़्त • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aesthet
तुषार"आदित्य"
ये जो हफ़्ते भर का शोर शराबा दिखता है प्रेम रीत है कोई या बस औपचारिकता है ये जो हफ़्ते भर का शोर शराबा दिखता है प्रेम रीत है कोई या बस औपचारिकता है #valentinesweek #valentinesday #roseday #प्रेम #रीत #औपचारिकता #yqh
Gunjan Dwivedi
यह शोर शराबा मेरा पिछा नहीं छोडता अब मन करता है, मै ही शहर छोडता कहाँ-कहाँ मैं भग के रहने जाऊँगा अब गाँव भी कहता, मै भी जल्दी शहर बन जाऊँगा।। बच्चों की छुट्टियों मे भी नजर नहीं आऊँगा अब लोगों के फार्म हाऊस पर ही दिख पाऊँगा शुध्द दूध, दही, घी क्या खाओगे यहाँ तक की शुध्द आक्सीजन भी नहीं पाओगे।। लेकिन मेरा मित है कहता, मुझे भी शहर आना है कुछ दिन बुढी माँ का ,बोझ नहीं उठाना है और मुझे भी बच्चों को , शहर मे पढाना है बस यही सोचता आज हमारा जबाना है ।। यह शोर शराबा मेरा पिछा नहीं छोडता अब मन करता है, मै ही शहर छोडता कहाँ-कहाँ मैं भग के रहने जाऊँगा अब गाँव भी कहता, मै भी जल्दी शहर बन जाऊँगा।। गाँव के छोटे किसानों को मत मिटाओ क्योंकि कोई बडा, किसान नहीं दिखता बिना अनाज के हमें से कोई इंसान नहीं टिकता ।। मैं कहु तो ,मेरे गांव को शहर मत बनाओ बस कुछ सुविधा वहाँ उपलब्ध कराओ ऐसा न हो तो ,मेरे शहर को ही गांव बना दो भले ही एक नया GST ग्राम सर्विस टैक्स लगा दो ।। यह शोर शराबा मेरा पिछा नहीं छोडता अब मन करता है, मै ही शहर छोडता कहाँ-कहाँ मैं भग के रहने जाऊँगा अब गाँव भी कहता, मै भी जल्दी शहर बन जाऊँगा।। गुंजन द्विवेदी । #OpenPoetry #gunjan dwivediयह शोर शराबा मेरा पिछा नहीं छोडता अब मन करता है, मै ही शहर छोडता कहाँ-कहाँ मैं भग के रहने जाऊँगा अब गाँव भी कहता,
✍ अमितेश निषाद
बहुत दिनों तक ठहरा यहां अब चला जाऊं क्या छुट्टियां भी लग गयी छुट्टियां बिता आऊं क्या गाँव में सुबहे गुलाबी ठंड पड़ने लगी है छोड़ के चला जाऊं इंदौर का शोर शराबा क्या ? ✍️ अमितेश निषाद (सुमित) बहुत दिनों तक ठहरा यहां अब चला जाऊं क्या छुट्टियां भी लग गयी छुट्टियां बिता आऊं क्या गाँव में सुबहे गुलाबी ठंड पड़ने लगी है छोड़ के चला जाऊं
अभिलाष सोनी
विषय :- तुम्हें मेरी क़सम (11-10-2021) ********************************* तुम्हें मेरी क़सम है, अब मुझसे कोई वादा न करना। मेरी तरफ लौटकर आने का, कोई इरादा न करना। कोशिशें तो तुमने बहुत की, मुझे बदनाम करने की। साजिशें एक बार फिर कर लो, पर ज्यादा न करना। महफ़ूज़ हूँ मैं अब तुमसे दूर होकर, अकेले जहाँ में। मेरी गलियों से गुज़रना, मगर शोर शराबा न करना। वक़्त ने खूब सबक सिखाया, तुम्हारे साथ होने से। प्यार सबसे करना, पर किसी से बेतहाशा न करना। मेरी आरजुओं को तुमने इस क़दर झकझोर दिया है। दिल कहता है आरज़ू पूरी होने की प्रत्याशा न करना। विषय :- तुम्हें मेरी क़सम (11-10-2021) तुम्हें मेरी क़सम है, अब मुझसे कोई वादा न करना। मेरी तरफ लौटकर आने का, कोई इरादा न करना। कोशिशें तो त
Devesh Dixit
समाज (दोहे) विकट हुए हालात हैं, पीड़ित हुआ समाज। दुष्टों की संख्या बढ़ी, पाना चाहें राज।। शोर शराबा कर रहे, करते हरकत नीच। कहाँ सुरक्षित बेटियाँ, रहे पाप को सींच।। ये समाज अब देखता, है ईश्वर की ओर। रक्षित अब ईश्वर करो, विपदा है घन-घोर।। दया भाव अब कुछ नहीं, कहता यही समाज। करते शोषण शान से, और पहनते ताज़।। कहती हैं कुछ सुर्खियाँ, जालिम रहा समाज। खुदी धकेले नर्क में, और न आते बाज।। मुस्किल जब खुद को हुई, देख हुए हैरान। हालातों को कोसते, कंटक बनती जान।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #समाज #nojotohindi समाज (दोहे) विकट हुए हालात हैं, पीड़ित हुआ समाज। दुष्टों की संख्या बढ़ी, पाना चाहें राज।। शोर शराबा कर रहे, करते हरकत नी