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धाकड़ है हरियाणा
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ होलकर वंश के प्रवर्तक एवं मध्य भारत में मालवा के प्रथम मराठा सूबेदार मल्हार राव होलकर जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन। 🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏 परम् पराक्रमी मल्हार राव जी पेशवा बाजीराव के विश्वसनीय सूबेदार थे, जिन्होंने उत्तर भारत में मराठा साम्राज्य का विस्तार किया।अद्भुत साहस और पराक्रम के प्रतीक मल्हार राव होलकर जी की गौरव गाथा युगों-युगों तक देशवासियों में राष्ट्रप्रेम की अलख जगाती रहेगी.. I ✍️Vibhor vashishtha vs Meri Diary #Vs❤❤ होलकर वंश के प्रवर्तक एवं मध्य भारत में मालवा के प्रथम मराठा सूबेदार मल्हार राव होलकर जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन। पर
Divyanshu Pathak
17 वीं शताब्दी में भारत दुनियाभर के अमीर देशों में से एक था। 1707 ई. में औरंगजेब की मृत्यु के बाद - मुग़ल साम्राज्य सूबेदार और जागीरदारों के हाथ में चला गया। वे आपस में लड़ने लगे। 1739 में नादिरशाह के आक्रमण और 1761 में अहमदशाह अब्दाली के हमले ने मुग़ल साम्राज्य को तबाह कर दिया। 1857 ई.तक बहादुर शाह जफ़र नाममात्र का सम्राट रहा। मराठों ने मुगलों की सुरक्षा का दायित्व ले रखा था वे पेशवाओं के सहारे अपनी शक्ति का विस्तार कर रहे थे। 14 जनवरी 1761 में अहमदशाह अब्दाली से मराठों ने पानीपत की तीसरी जंग लड़ी जिसमें अहमदशाह अब्दाली जीत गया। अगर मराठे जीत गए होते तो अंग्रेज उनसे लोहा लेने का साहस नहीं करते। ख़ैर- अवध- 1728 ई. में सूबेदार सादत ख़ाँ (मीर मुहम्मद अमीन ) ने मुग़ल साम्रा
Divyanshu Pathak
यहाँ खड़ंच को मंच नहीं है ठट्ठाहास सुनाई दे। लोकतंत्र की लाज लूटता अट्टाहास सुनाई दे। कर प्रपन्च तुम बन बैठे हाक़िम सूबेदारों के! बिन पैंदे का लोटा बनता पट्ठाख़ास दिखाई दे। घूम घाम के धाम सभी गगरी वहीं फूटती है! अंधेर-गर्द में डूबी नगरी मटकी वहीं टूटती है। खासमखास मज़े में तेरे रहा आम पे बौर नहीं! मुद्दे तो छत्तीस हैं पूरे लेकिन गुद्दों पे ग़ौर नहीं। छूट गए सारे वादे क्यों झूठी जुमलेबाजी में! टूट गए सारे तारे क्यों खोटी ढुलमुलसाज़ी में। आँसूं दर्द नहीं दिखता तुमको ये अवाम का! अन्नदात्र की पीड़ा क्या तुमको नहीं सुनाई दे? ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_305 👉 अंधेर नगरी मुहावरे का अर्थ ---- जहाँ कपट का बोलबाला हो। ------–----------------------------------
Durga Bangari
*Nee₹
🇮🇳 “आख़िर कौन ये कहता है के ; 'जवानों' को, 'महबूबा" से मोहब्बत नहीं हुआ करती..? अभी-अभी जां लूटा कर आया है जांबाज़ वो, 'मादरेवतन" की निगेहबानी के लिए” 🙏💐 🇮🇳 😔🙏🙏🙏💐💐💐💐💐 भावुक क्षण - श़हीद भारतीय सैनिक कर्नल बी संतोष बाबू की बेटी घर में अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करती हुई, वे तेलंगाना में स
Divyanshu Pathak
मूंछ नाक सिर रो मुकुट ससतर साम सनाह ! साबत लायो समर सूं कै नहं लायो नाह !! ☺💕☕ 😊!! उड़ना राजकुमार !!😊 3 ( कैप्शन पढ़ें ) राजस्थान का कोई सुरवीर अगर जंग के मैदान से मोह वस वापस आ भी जाता तो यहां की त्याग और बलिदानी स्त्रियों ने उन्हें ऐसे ताने मारे कि--- 💕☺ ये किस्से भी बताऊंगा पहले उड़ना राजकुमार की कुछ और वीरता की कहानी पढते हैं आओ ----😊 💕🍫🙏 💕🙏☕☕👨🍉🍨🌱 टोडा के राव सुल्तान ने कुंवर पृथ्वीराज के सामने अपनी बहिन ताराबाई का विवाह प्रस्ताव रखा और बदले में लल्ला खां पठान से टोडा राज्य दि
JALAJ KUMAR RATHOUR
आज मैं जिनकी वजह से स्वतंत्र हो बोल पा रहा हूँ ।उसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे ब्रिटिश सम्राज्य के सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14 वीं व अंतिम संतान भिवा है। जिसने बचपन में क्लास चौथी टॉप करने के बाद अपने दादा से पुरुस्कार स्वरूप भगवान बुद्ध की जीवनी को प्राप्त किया और उसे पढकर उस समय फैली छुआछूत को मिटाने का संकल्प लिया।बचपं की शिक्षा पूर्ण कर भिवा ने मुंबई विश्वविद्यालय से बी ए और कोलंबिया से डॉ के उपाधि प्राप्त की और डॉ. भीम राव राम जी आंबेडकर बन कर भारत वापस लौटे। बचपन में बुद्ध की जीवनी थामने वाला भिवा बड़ा होकर संविधान निर्माता बाबा साहेब के नाम से प्रसिद्ध हुआ। बाबा साहेब विधिवेत्ता,अर्थशास्त्री,राजनीतिज्ञ,शिक्षाविद्,दार्शनिक,लेखक,पत्रकार,समाजशास्त्री, मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्,धर्मशास्त्री, इतिहासविद् प्रोफेसर थे। भारत रत्न बाबा साहेब ने दलितों और शोषितों के लिए अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया ।14 अक्टूबर 1956 को भीमराव अंबेडकर ने अपने 5 लाख समर्थको के साथ में बुद्ध धर्म अपना लिया।इसके बाद उन्होंने बोधिसत्व की उपाधि ग्रहण की , इसी साल 6 दिसम्बर 1956 को भारत का यह रत्न पंचतत्व मे विलीन हो गया। अंबेडकर जी का उद्देश्य था भेदभाव मिटाना परंतु और उन्हे पता था की शिक्षा के बिना ये संभव नही। उन्होंने शिक्षा को हथियार बनाने के लियेे कहा पर कुछ फ़ायदा उठाने वालों ने अपने समाज से ही गद्दारी कर फिर से भोले लोगो को अशिक्षा की और ढकेल दिया। आज भी शिक्षा से दूर दलित समाज एक और भीम की आस में है जो शिक्षा के महत्व को समझाए और जो घृणा नही अपनाना सिखाये। मैं भारत का नागरिक अपने इस महान पूर्वज को नमन करता हूँ। जय हिंद जय भारत ..... #जलज राठौर #Ambedkar_Jayanti आज मैं जिनकी वजह से बोल पा रहा हूँ ।उसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे ब्रिटिश सम्राज्य के सू
JALAJ KUMAR RATHOUR
आज मैं जिनकी वजह से बोल पा रहा हूँ ।उसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे ब्रिटिश सम्राज्य के सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14 वीं व अंतिम संतान भिवा है। जिसने बचपन में क्लास चौथी टॉप करने के बाद अपने दादा से पुरुस्कार स्वरूप भगवान बुद्ध की जीवनी को प्राप्त किया और उसे पढकर उस समय फैली छुआछूत को मिटाने का संकल्प लिया।बचपंन की शिक्षा पूर्ण कर भिवा ने मुंबई विश्वविद्यालय से बी ए और कोलंबिया से डॉ के उपाधि प्राप्त की और डॉ. भीम राव राम जी आंबेडकर बन कर भारत वापस लौटे। बचपन में बुद्ध की जीवनी थामने वाला भिवा बड़ा होकर संविधान निर्माता बाबा साहेब के नाम से प्रसिद्ध हुआ। बाबा साहेब विधिवेत्ता,अर्थशास्त्री,राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद्,दार्शनिक,लेखक,पत्रकार,समाजशास्त्री,मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्,धर्मशास्त्री, इतिहासविद् प्रोफेसर थे। भारत रत्न बाबा साहेब ने दलितों और शोषितों के लिए अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया ।14 अक्टूबर 1956 को भीमराव अंबेडकर जी ने अपने 5 लाख समर्थको के साथ में बुद्ध धर्म अपना लिया।इसके बाद उन्होंने बोधिसत्व की उपाधि ग्रहण की , अंबेडकर जी का उद्देश्य था भेदभाव मिटाना परंतु और उन्हे पता था की शिक्षा के बिना ये संभव नही। उन्होंने शिक्षा को हथियार बनाने के लियेे कहा पर कुछ फ़ायदा उठाने वालों ने अपने समाज से ही गद्दारी कर फिर से भोले लोगो को अशिक्षा की और ढकेल दिया। आज भी शिक्षा से दूर दलित समाज एक और भीम की आस में है जो शिक्षा के महत्व को समझाए और जो घृणा नही अपनाना सिखाये। मैं भारत का नागरिक अपने इस महान पूर्वज को नमन करता हूँ। 6 दिसम्बर 1956 को भारत का यह रत्न पंचतत्व मे विलीन हो गया। जय हिंद जय भारत ..... #जलज राठौर #Hum_bhartiya_hain आज मैं जिनकी वजह से बोल पा रहा हूँ ।उसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे ब्रिटिश सम्राज्य के सू
Divyanshu Pathak
कोश कोश पे बदले पानी चार कोश पे वाणी .. मेरा मन है राजस्थान दिल मेरा हिंदुस्तानी.... 💕👨 Good morning ji 💕🍸🍨☕☕☕💕💕🐒🍵🍓🍉🍉🍨🍨🍸💕🍫🍫🍫🍉🍉🍓🍓💕💕🍉🍓🍫💕👨 : 👉राजस्थान क्यों है खास ? : 1. भारत के 100 सबसे अमीर व्यक्तियो में से 35 राजस्थानी व्यापारी