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Vishnu त्रिपाठी
महफिल में चल रही थी हमारे कत्ल की तयारी,, हम पहुँचे तो बोले बड़ी उम्र हैं तुम्हारी..? सच में कुछ एसे ही दुनिया निभा रही हैं नातेदारी....
Nandita Tanuja
नाव मेरी अकेली है जीवन इक पहेली है.. संग छूटा, हाथ छूटा तन्हाई मेरी सहेली है... चाहत में विश्वास रुठे सीख मिलती नवेली है.. सुख-दुख पतवार बने उम्मीद बड़ी हठेली है.. सपनों के भंवसागर में फिक्र होती थकेली है.. रात काली ग़म के अंधेरे सुबह महके वो चमेली है.. एहसास निभाये नातेदारी कि नंदिता तन्हा अकेली है...!! #मेरी रुह@ नाव मेरी अकेली है जीवन इक पहेली है.. संग छूटा, हाथ छूटा तन्हाई मेरी सहेली है... चाहत में विश्वास रुठे सीख मिलती नवेली है..
sushma Nayyar
नारी___ सुबह से शाम और शाम से सुबह हो जाती लेकिन उफ्फ न करती अपनी जिम्मेदारियां काबिलता से उठाती घर ,दफ्तर ,पति ,बच्चे और नातेदारी सब को संभालती हंसते हंसते सुघड़,सुशील नारी माथे पर विश्वास की बिंदी लगाए जिम्मेदारियो को आंचल में संभालती जीवन की रफ्तार कदमों में हर एक चुनौती को समझदारी से निपटाती जीवन की डोर थामे निकली सुघड़, सुशील नारी कभी झुंझला भी जाती है कभी उकता भी जाती है कभी क्रोध स्वरूपा हो जाती अंगारी पर फिर भी विमुख न होती कर्तव्य से इतनी वो संस्कारी अनमोल रचना ईश्वर की सुघड़, सुशील नारी पोंछती माथे का पसीना लपेटती उलझनों को जूडे में घर से दफ्तर, दफ्तर से घर की दौड़ तय करती बेचारी पर अडीग फिर भी कर्तव्य मार्ग पर चिंगारी अनमोल रचना ईश्वर की सुघड़, सुशील नारी ।। __________सुषमा नैय्यर नारी___ सुबह से शाम और शाम से सुबह हो जाती लेकिन उफ्फ न करती अपनी जिम्मेदारियां काबिलता से उठाती घर ,दफ्तर ,पति ,बच्चे और नातेदारी सब को सं
Vinni Gharami
रिश्तो की मासूमियत तू क्या समझेगा, ऐ समझदार नौजवान। कच्चे धागों में सच्ची मोती, पिरोई जाती हैं यहा। नातेदारी का मजाक उड़ाकर, तुम FB insta पर
नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹
आप सबको आज मैं अपनी बेरोजगारी की दास्तां सुनाती हूं.......... पढ़ने के लिए आप कैप्शन में जाएं👇👇 शीर्षक - बेरोजगारी विधा - कविता है आज बड़ा दर्द का पहलू, जिसको उदय दुलारी नेह लिखेगी। अपने दिल का सारा दर्द बयां करेगी, आज बेरोजगारी पर आत
नेहा उदय भान गुप्ता
आप सबको आज मैं अपनी बेरोजगारी की दास्तां सुनाती हूं.......... पढ़ने के लिए आप कैप्शन में जाएं👇👇 शीर्षक - बेरोजगारी विधा - कविता है आज बड़ा दर्द का पहलू, जिसको उदय दुलारी नेह लिखेगी। अपने दिल का सारा दर्द बयां करेगी, आज बेरोजगारी पर आत
AB
..... मेरी प्रिय शिवशक्ति साक्षी 🌻🥀,. एक छोटी सी भेंट तुम्हारी गोडमदर की ओर से, तुम्हारे अवतरण दिवस पर,. ये गाना मेरे बेहद नज़दीक है मैं इसे अक्सर
Babli Gurjar
जी सको तो जी लेना वरना मर जाना ऐसा कहने वालों को सबक सिखाना चाहिए लौट कर अपने लिए फिर से आना चाहिए परवाह अपनी भी है खुदगर्जों को बताना चाहिए दिल से सोचते हैं पर दिमाग से पैदल भी नहीं है साझेदारी में जिद का सवाल ही नहीं होना चाहिए बबली गुर्जर ©Babli Gurjar साझेदारी
RAKESH KUMAR VERMA
Alone 🌞 सुप्रभात 🌞 साझेदारी करो तो किसी के दर्द की करो 🌺🌺🌺🌺🌺🌺 क्योंकि खुशियों के तो दावेदार बहुत हैं!! 🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏 साझेदारी