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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी आँखे ना फूटे लकड़ी के चूल्हे बुझवा दिये लत सिलेंडर की लगाकर दाम आसमान चढ़ा दिये सब्सिडी देने की खातिर बैंक एकाउंट खुलवा दिये ये कैसी सरकारे है जो विश्वास तोड़ती है व्यापारी बनकर प्रोडक्ट पेश करती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" चूल्हे बुझाकर लत सिलेंडर की लगादी #Winter
Farhan Raza Khan
काल शाम जलती होली में हमने अपने सारे अरमानो को भी आग लगादी।। काल रात जलती होली में हमने अपने सारे अरमानो को भी आग लगादी।।
राकेश नागर
आज मरते मरते बचा हूं यार 😥😥 नहाने के बाद नवरत्न तेल लगा लिया था..😒😁🤣 ©राकेश नागर आज मरते मरते बचा हूं यार 😥😥 नहाने के बाद नवरत्न तेल लगा लिया था..😒😁🤣
Rajesh Verma
Divyanshu Pathak
सारा दिन बेचैन रखे सारी रैना तड़पाये...... एक लम्हा एक पल भी दिल आराम कहीं ना पाए.... ऐसी लगन लगादी तूने जो अब सही न जाए....☺😊 : देखे बिन तुझको तो कहीं मेरी तबियत अब नही लगती.... मेरी चाहत की महफ़िल अब तेरे बिन नहीं सजती.... ..
Sangeeta Patidar
गुरु से ऊँचा कोई नहीं जग में, ना होता कोई उनसा महान, रब भी करते गुरु को प्रणाम, कहीं ना मिलता उनसा ज्ञान। गुरु पूर्णिमा ही नहीं, हर दिन गुरुजी आपको हमारा नमन, एक गुरु में समाहित हर रिश्ता, कहीं नहीं उनसा क़द्रदान। आपको गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें 💐🙏 Dedicating a #testimonial to मनोज केसर डूडी गुरु जी आपको बहुत-बहुत शुभकामनायें और नमन हम सभी की तरफ़ से, आपके नवरत्न भी.. 😊😊🙏🙏💐💐😇😇 बाकी No
Rajesh Verma
Prakash Dwivedi
नवरत्न से जड़ित है हिंदी भाषा की गणित हैं । हर शब्द का विज्ञान हैं, हिंदी है तो ज्ञान है।। आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आज हिंदी केवल एक भाषा नहीं है - यह ज्ञान, संस्कार एवं चेतना की वाहक बन चुकी है। जिस प्रकार भारत
Divyanshu Pathak
जो मिले उसमें काट लेंगे हम थोड़ी खुशियां थोड़े आँशू बांट लेंगे हम ऐसी लगन लगादी तूने जो अब सही न जाए....☺😊 : देखे बिन तुझको तो कहीं मेरी तबियत अब नही लगती.... मेरी चाहत की महफ़िल अब तेरे बिन नहीं सजती.... ..
सुसि ग़ाफ़िल
कोई भी ख्वाब ख्वाब ना रहे कोई भी ख्वाब अधूरा ना रहे रह जाए कुछ भी बाकी मगर तेरा -मेरा साथ अधूरा ना रहे | लगादी है ज्योत मैंने सुबह ही मांग लिया है पीरों की चादर पकड़कर चूम ली है चौखट नंगे पाँव भी पीपल को धागा बांधा है तेरा हाथ पकड़कर | तुम भी खा लो कसम साथ रहने की मैंने लिख दिया अपना हाल जुबान पकड़कर लड़ना ही तो जिंदगी लड़ो मेरे साथ मिलकर देखते ही देखते तुम चलो मेरा हाथ पकड़कर | है " सुशील " तैयार निभाने को हर वादा तुम भी देखो उसकी आंखों में ख्वाब पकड़कर हाथ जोड़कर सिमरन करे माला शिव की फिर भी तेरा इंतजार करे अपनी सांस पकड़कर | कोई भी ख्वाब ख्वाब ना रहे कोई भी ख्वाब अधूरा ना रहे रह जाए कुछ भी बाकी मगर तेरा -मेरा साथ अधूरा ना रहे | लगादी है ज्योत मैंने सुबह ही मांग