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Ajay Kumar

रावण वध।

रावण वध। #nojotovideo

39 Views

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Rita Kanwar

तड़का वध

तड़का वध #पौराणिककथा

67 Views

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सुरेश चौधरी

क्या रावण का वध अश्विन शुक्ल दशमी अर्थार्थ दशहरे के दिन को हुआ था, या चैत्र की अमावस्या को जैसा कि बाल्मीकि रामायण में वर्णन है। रावण वध

रावण वध

4 Love

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ankit saraswat

#अभिमन्यु वध
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Anand Kumar ' Shaad '.

रावण को मारने से पाप का अंत न हुआ,
क्यों अहिल्या के साथ गलत करनेवाला इन्द्र,
और सुपर्णखा का चेहरा नष्ट करनेवाला लक्ष्मण बच गया था । रावण वध

रावण वध

24 Love

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जय शंकर सिंह

सत्कर्म और सद्मार्ग पर चल कर ही हम वास्तविक रावण का वध कर सकते हैं पुतले तो यूँ ही जलाये जाते हैं। रावण वध

रावण वध

2 Love

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Shekhar Chandra Mitra

अभिमन्यू वध

अभिमन्यू वध

64 Views

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Shekhar Chandra Mitra

अभिमन्यू वध

अभिमन्यू वध

60 Views

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vivek

लवणासुर का वध

लवणासुर का वध #पौराणिककथा

27 Views

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Manav

 #Nojotohindi#महिषासुर#वध
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Anjali Jain

ईश्वर को तो निर्दयी होना ही पड़ेगा
अन्यथा अच्छे - बुरे कर्मों का हिसाब
कैसे होगा? #अंगराज वध #11. 05.20

#अंगराज वध 11. 05.20

14 Love

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ललित कुमार कश्यप

जी नहीं क्योंकि ज़ब राम जी रावण को मारने 
के लिए मेले मे तीर चलाने जा रहे थे 
तब उन सभी पर भी नजर जा रहीं थी 
जिनमे नज़र का दोष था
 अर्थात जिसने पराई स्त्री को छुआ तक नहीं 
उसका वध क्यों यदि हाँ तो फिर देखें भी वही जो रावण से भी महान हो...??? #नहीं चाहिए ऐसा वध

#नहीं चाहिए ऐसा वध

15 Love

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Axar

कर्ण द्वारा घटोत्कच वध।

#Nojoto #Mythology

कर्ण द्वारा घटोत्कच वध। #Mythology

3.81 Lac Views

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Archana pandey

जो हरि आए धरा बन राम 
सो काम सटीक थो दुष्टन मारन।
जोन ना क्रूर मिटाएं सो रामहुँ 
याद करें किस बात के कारन??
मात-पिता करिहिं सुत पाल सों
कण्टक पूँछे मिटाए के कारन??
सो काहे राम पे प्रश्न करें  
प्रभु आए करैं वसुधा कम भारन।।
अर्चना'अनुपमक्रान्ति'

©Archana pandey छंद सवैया बाली वध क्यों उचित?

छंद सवैया बाली वध क्यों उचित? #कविता

7 Love

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Rishika Srivastava "Rishnit"

पार समुंद प्रभु पहुंच गए लंका, 
एक एक करके राक्षसों का किया संघार
कुंभकर्ण, मेघनाथ, जैसे बलशाली राक्षसों का, 
स्वर्ग लोग का रास्ता दिखा दिया

मेघनाथ के नाग फास से लक्ष्मण को बचाकर,
 हनुमानजी द्वारा संजीवनी बूटी है लाकर, 
हर संकट का सामना किया. 

फिर आई रावण की बारी, 
युद्ध बड़ा था हो रही थी भीषण तैयारी..

रावण भी था डटकर खड़ा, 
मंदोदरी के लाख समझाने पे भी, वो नहीं रुका

एक ओर शिव भक्त दशानन,
 एक ओर शिव प्रभु रघुवर
कभी आकाश में तो कभी धरती पे,
 वो युद्ध है करते
देवता भी युद्ध देखकर, 
चिंतित है दिखते..
दोनो ही वीर बलशाली, 
रावण दिखालाता निज माया,
 एक सिर प्रभु के काटने पर, 
दूजा जुड़ जाता पल भर में..

फिर विभीषण के बतलाने पर,
 प्रभु ने है घनुष पे वाण है चढ़ाया
फिर क्या फुट गया पाप का घड़ा,
हुआ अंत रावण का, 
दस भुज वाले अधर्मी का
सत्य की विजय हुई, 
असत्य का खात्मा..
राम ने रावण को मारा, 
सीता जी को आज़ाद है किया..

Happy Dussehra to all Nojoto Family🙏

©rishika khushi रावण वध

#NojotoRamleela 
#NojotoRamleela  
#NojotoWritters  
#रावणवध 
#NojotoEnglish
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Vivek Kumar Singh

भगवान: "चलो‌‌ पार्थ अब कर्ण निहत्था है, उस पर वार करो,
            यही‌ अनुकूल अवसर है तुम अब न इनकार करो।
            अभी छोड़ा तो फ़िर कभी इसे तुम मार नहीं पाओगे,
            मौका चूके तो निश्चय ही तुम हार ही जाओगे।"

अर्जुन: "माना‌ कि‌‌ यह‌‌ दुष्ट है, दुर्योधन‌ का ही‌‌ सखा है,
          नीच कुल का है, सूत माता का क्षीर ही चखा है।‌
          पर माधव मैं तो क्षत्रिय हूँ, मैं वार नहीं करूंगा,
           इस अधर्म का मैं कभी‌ व्यवहार नहीं करूंगा।"

कर्ण:  "हाँ‌, चलाओ वाण निहत्थे‌ पर‌, और क्या तुम करोगे,
        हो ही‌ अधर्मी तुम सब, अधर्म‌ का हाथ ही धरोगे।
        हे‌ कृष्ण! आप तो सर्वज्ञानी हैं, फ़िर ऐसा कहते हैं,
‌        इन‌‌ अधर्मियों‌ के साथ आप भी वैसे बने रहते हैं।"

भगवान:  "चुप हो जाओ कर्ण, मुझे धर्माधर्म मत सिखाओ,
     ‌       मैंने सब देखा है, तुम मुझे मेरे कर्म मत दिखाओ।
            एक नारी के चीरहरण पर तुम तो कुछ नहीं बोले,
           और एक अभिमन्यु को सबने मारा, तुम नहीं डोले।
           आज जब मृत्यु नज़दीक है, तुम ज्ञानी बन रहे हो,
           हे कर्ण! तुम अनावश्यक ही मेरे सामने तन रहे हो।
    ‌‌       पार्थ! उठाओ गांडीव और इसके प्राण तुम हर लो,
‌           विलंब मत करो,‌ इस समस्या से त्राण तुम कर‌ लो।" कर्ण-वध #vks #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqmuzaffarpur #yqgudiya
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writervinayazad

✍️✍️
धृतराष्ट्र का वध कोई नहीं करता
उसे तो स्वयं ही मरना होता है

©writervinayazad ✍️✍️
धृतराष्ट्र का वध कोई नहीं करता
उसे तो स्वयं ही मरना होता है
#विनय_आजाद #writervinayazad #धृतराष्ट्र #वध #मरना #स्वयं

✍️✍️ धृतराष्ट्र का वध कोई नहीं करता उसे तो स्वयं ही मरना होता है #विनय_आजाद #writervinayazad #धृतराष्ट्र #वध #मरना #स्वयं

11 Love

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Atharv

बंध...

विचार केला,
विचार केला की तुला विसरावं,
तुला मनातून हटवावं,
विचार केला कि,
तुझ्या येणाऱ्या प्रत्येक विचाराला अधांतरी सोडावं,
अबोल्यातूनही बोलणारे ते शब्द,
एकांतातही असणारा तुझा सहवास,
तुझे महत्त्व सांगणारा तो एकेक श्वास,
आणि 'तू आहेस' हे सांगणारा तो भास,
सार काही एकाक्षणी विसरून जावं.

पण नाही,
जेवढं आज मी तुला विसरतोय,
तेवढीच तू मनात रूढ होत आहेस,
तशी आत्ताही तू मला भासवत आहेस,
आज एकटा आहे मी, पण तू श्वासातही जाणवत आहेस.

कधीकधी अचानकच हसू येत,
जेव्हा आठवणसुद्धा तुझीच येते,
मग हळूच डोळ्यासमोर तो चेहरा,
अन खळी हि खुलून जाते.

भास जरी असलीस तू माझा,
तरी आजही मी तुलाच जगतो आहे,
कधी मनात, तर कधी प्रत्यक्षात,
तूला सुंदर चित्रात रेखाटतो आहे.

दुसऱ्या चेहऱ्याचा विचारसुद्धा तो,
आज माझ्याकडून होत नाही,
जणू मनालाही तूच पसंत असावीस,
हे कोड काही सुटत नाही.

जरी तुझा अबोला आहे माझ्याशी,
तरी तुझ्याशी संवाद आज होत आहे,
प्रश्न येतच नाही सामोरी असण्याचा,
कारण एकेकाळी हे मन तुझ्याशी जोडलेलं आहे.

 
कवी : अथर्व वझे बंध...

बंध... #poem

6 Love

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Suman Sharma

बंध

108 Views

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Atharv

बंध...

विचार केला,
विचार केला की तुला विसरावं,
तुला मनातून हटवावं,
विचार केला कि,
तुझ्या येणाऱ्या प्रत्येक विचाराला अधांतरी सोडावं,
अबोल्यातूनही बोलणारे ते शब्द,
एकांतातही असणारा तुझा सहवास,
तुझे महत्त्व सांगणारा तो एकेक श्वास,
आणि 'तू आहेस ' हे सांगणारा तो भास,
सार काही एकाक्षणी विसरून जावं.

पण नाही,
जेवढं आज मी तुला विसरतोय,
तेवढीच तू मनात रूढ होत आहेस,
तशी आत्ताही तू मला भासवत आहेस,
आज एकटा आहे मी, पण तू श्वासातही जाणवत आहेस.

कधीकधी अचानकच हसू येत,
जेव्हा आठवणसुद्धा तुझीच येते,
मग हळूच डोळ्यासमोर तो चेहरा,
अन खळी हि खुलून जाते.

भास जरी असलीस तू माझा,
तरी आजही मी तुलाच जगतो आहे,
कधी मनात, तर कधी प्रत्यक्षात,
तूला सुंदर चित्रात रेखाटतो आहे.

दुसऱ्या चेहऱ्याचा विचारसुद्धा तो,
आज माझ्याकडून होत नाही,
जणू मनालाही तूच पसंत असावीस,
हे कोड काही सुटत नाही.

जरी तुझा अबोला आहे माझ्याशी,
तरी तुझ्याशी संवाद आज होत आहे,
प्रश्न येतच नाही सामोरी असण्याचा,
कारण एकेकाळी हे मन तुझ्याशी जोडलेलं आहे.

कवी : अथर्व वझे बंध...

बंध...

3 Love

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Rishika Srivastava "Rishnit"

लक्ष्मण को आग्रह देकर राम माता सीता का ख़्याल रखना
स्वर्ण मृग के पीछे उसे पकड़ने चल पड़े
मायावी मारीच ने ऐसा जाल बिछाया राम को बहुत दूर ले गए
और अपनी माया से भगवान राम की आवाज़ में सीता
,लक्ष्मण से रक्षा करने की गुहार लगाई
राम के ईस तरह की पीड़ा भरी आवाज़ सुनकर
 माता सीता का मन हो उठा बिचलित
उन्होंने ने लक्ष्मण को आदेश दे डाला भैया के पीछे जाने की
माता के आदेश को लक्ष्मण अनदेखा नहीं कर पाए
कुटिया के चारों तरफ लक्ष्मण रेखा पार
लक्ष्मण रेखा के भीतर रहने का कहकर 
हृदय में धीरज धरने को कह डाले..
लखन गए प्रभु के पीछे रावण आया साधु रूप में
वहीं दिखावा वही छलावा घिरा अँधेरा तेज धूप में
बन भिखारी भिक्षा माँग झोपड़ी द्वारे टेर लगाया
लक्ष्मण रेखा के भीतर माता ताजा फल लेकर आई
जैसे रावण ने कदम बढ़ाया पावक लपटे घिर आयी
रावण ने फिर माता सीता से कहा..
रेखा के भीतर शिद्ध योगी भिक्षा लिया नहीं करते
और द्वार पे आये भिखारी को बिना भीख दिए बिदा नहीं करते
रघुकुल की आन की खतिर माता सीता ने कदम बढ़ाया
कपटी रावण ने मौका पाकर सीता को
 अपनी पुष्पक विमान में बिठा आकाश मार्ग से लंका ले जाने लगा।
रास्ते में सीता की पुकार सुनकर 
वहीं वृद्ध बैठा जटायु ने रावण का रास्ता रोका
साहस दिखाकर जटायु ने दशानन को युद्ध के लिए है ललकारा
अपनी पैनी चोंच से उसने वार करके दशानन को चोट पहुचाई
मगर दशानन ने अपनी तलवार निकाल कर जटायु के पंख है काट डाले।

©rishika khushi अरण्य कांड(जटायु वध)


#NojotoRamleela 
#NojotoRamleela  
#Nojotowritters  
#NojotoEnglish 
#अरण्यकांड

अरण्य कांड(जटायु वध) Ramleela #NojotoRamleela #nojotowritters #nojotoenglish #अरण्यकांड #11oct

15 Love

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imVeerSah

कर्ण वध #कविता #Poetry #poem #poems #krishna_flute #Mahabharat #Krna 

#krishna_flute
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RJ Prasad...

तू जल... अन् ..    मी वाहता झरा...

तुज मज प्रीतीचा..    बंधच न्यारा...

                  @ RJ Prasad... बंध

बंध

10 Love

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Rajesh Srivastava

नेह के बंध में बंध गई राधिका

नेह के बंध में बंध गई राधिका #कविता

1,290 Views

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Archana Deshpande-Pol

आठवणीचे बंध रेशमी
मनात हळव्या दाटुन येती.

सान सानुले रूप गोजिरे
माथ्यावरती जावळ कुरळे
ओठ गुलाबी इवले इवले
लोभस डोळे लुकलुकणारे

गालावरती तीट लावता
खळी पाडुनी खुदकन हसते
रूप साजिरे बघता बघता
आनंदाने भान हरवते.

पाळण्यातले लोभस रुपडे
जवळी घेता माया झरते
सानकोवळ्या मिठीत इवल्या
सुखस्वप्नांना भरते येते.

बोल बोबडे बोलत बोलत
विश्वच अवघे व्यापून घेते
गुडघ्यावरती रांगत रांगत
नटखट खोड्या वेड लावते.

सौख्यक्षणांचे रंग सोहळे
मनात माझ्या दाटून येती
गेला सरून काळ तरीही
बंध रेशमी मने उजळती

बालपणाचे तरंग गंधित
काळजात मी अलगद जपते
'आई ' म्हणुनी हाक ऐकता
मातृत्वाचे सार्थक होते.

©अर्चना देशपांडे पोळ. बंध रेशमी..

बंध रेशमी.. #Shayari

8 Love

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satish bharatwasi

 बंध अस्मितेचे

बंध अस्मितेचे #story #nojotophoto

5 Love

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ADITYA PAWAR

शेवटी गोष्ट नशीबाची होती 
नाहीतर तुला मिळवण्यासाठी
मी कमी प्रयत्न केले होते का 😥😥 प्रेम बंध

प्रेम बंध

4 Love

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NEERAJ SIINGH

प्रेम के जुगनू होते है
जो कौंधते है प्रेममय
ह्वदय में वो स्पर्श करते
है अनगिनत खुशियां लिए
वो प्रेम में प्रेयसी को 
प्रेमा विभोर करते और 
मग्न मस्त लिए राह प्रेम
की चलते जैसे दीप हजार
जैसे पावों पर माहवर तुम्हारे
रचता, मेंहदी की खुश्बू और 
बेंदी में उठती प्रेम की पुकार
प्रेम की फुहार इत्र सी वस्त्र में 
रेशम सी लिपटी हुई पी को स्पर्श
करती हुई मदहोश, हर प्रेम में सिंदूरी
अनगिनत तारों से जुगनू और अन्नय प्रेम में 
आनंदित होती तुम #neerajwrites प्रेम की कौंध

#neerajwrites प्रेम की कौंध

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