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Ankit Mishra
कोहरा गनीमत है कोई आफ़ताब नही है यहॉ मौसम कोहरे का है कुछ भी साफ नही है यहॉ इस धुन्ध के तले सबके अपने मुखौटे है.. कोई भी बेनकाब़ पाक-साफ नही है यहॉ, #अंधाधुन्ध
Author kunal
वो खामोशी का खंजर कई दफा से चूभो रही है पर फिर भी मैं उसे आंखे बंद कर गले लगा रहा कितना बड़ा बेवकूफ हूं मैं कब्र में जा रहा हूं पर फिर भी पूछ रहा आखिर मौत क्या है #मेरीक़लमसे #अंधाधुन प्यार #मेरे_जज्बात008 #yqtales #kunu
LOL
निष्ठुरता मेरी.. प्रतिबिम्ब है तुम्हारे आचरण का ©KaushalAlmora SOD : वो लड़की (अंधाधुन) #निष्ठुरता #प्रतिबिम्ब #आचरण #रोजकाडोजwithkaushalalmora #kaushalalmora #attitude #yqdidi
Vashu Ayodhyawashi
आजकल प्यार में "अँधा" तो हर कोई हो जाता है, तलाश उसकी है जो "अंधाधुन्द" प्यार करे...!!! @Vashu_Ayodhyawashi आजकल प्यार में "अँधा" तो हर कोई हो जाता है, तलाश उसकी है जो "अंधाधुन्द" प्यार करे...!!! @Vashu_Ayodhyawashi Natrajan Nitin Nitish inner Voic
Ajay Amitabh Suman
yogesh atmaram ambawale
जलियाँवाला बाग घूमते हुए आज आंखे नम हो गई, कैसा माहौल बना होगा उस वक्त सोच कर रूह कांफ उठी. बचने का कोई रास्ता ही नही था,चारों ओर दीवारें थी और एक कुँआ था. अंदर बाहर आने जाने का एक ही छोटा दरवाजा था, चलने लगी जब गोलियाँ,जान बचाने कितनों ने कुंए में कूदी मारी छोटे,बड़े,बूढ़े,बच्चे किसी को न बक्श रहा था, बेखौफ जनरल डायर अंधाधुन्द गोलीबारी कर रहा था. पूरा ये नज़ारा आज आंखों के सामने आ रहा था जब मैं जलियाँवाला बाग घूम रहा था. अमर ज्योति के दर्शन करते वक्त,आज भी कानों में वंदे मातरम का नारा गूंज रह था. 13 अप्रैल 1919 को अंग्रेज़ जनरल डायर ने वैसाखी का त्योहार मनाने इकट्ठे हुए निहत्थे निर्दोष भारतीयों पर जिस बेरहमी से गोलियाँ चलवाईं, वह मानव
Vandana
अक्सर शाम के वक़्त छत पर अकेले में आसमां को देखती रहती हूँ एक टक,,, तन को को छू के गुजर जाती पवन को महसूस करती हूं,,, शाम को रात में बदलते देखती हूँ अंधेरा होते ही तारों को टिमटिमाते देखती हूँ,,, मैं इतनी मौन हो जाती हूं कि पृथ्वी की गति को महसूस करती हूं,,, मैं और प्रकृति एक हो जाते हैं फिर हमारे बीच कोई अंतर नहीं बचता,,,, सूफी बोलो या सूफियाना मौन बोलो या वीराना,,, शांति बोलो या निर्वाणा संत बोलो या ज्ञानी,,,, किसी नदी किनारे पत्थर पर ध्यान करते हुए मौन में,