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Gurudeen Verma
शीर्षक - इंसान क्यों इतना ऐसे, जहरीला हो गया है ---------------------------------------------------------------- (शेर)- इंसान को अब यह, क्या हो गया है। छोटी सी बात पर, इतना हिंसक हो गया है।। नहीं कोई समझाईश है , नहीं मानवता और प्रेम है। इतना निर्दयी और गुमराह, क्यों इंसान हो गया है।। ----------------------------------------------------------------- इंसान क्यों इतना ऐसे जहरीला हो गया है। निर्दयी, हिंसक और पापी इंसान हो गया है।। इंसान क्यों इतना ऐसे ---------------------।। छोटी छोटी बातों पर, अब हिंसा हो रही है। सरेआम नारी की इज्जत, नीलाम हो रही है।। नहीं भय कानून का, शायद कानून बिक गया है। निर्दयी, हिंसक और पापी इंसान हो गया है।। इंसान क्यों इतना ऐसे ----------------------।। देशभक्ति के नाम पर, अब बलवें हो रहे हैं। मॉब लीचिंग में मर्डर, खुलेआम हो रहे हैं।। जाति- धर्मों में सौहार्द- प्रेम, खत्म सा हो गया है। निर्दयी,हिंसक और पापी, इंसान हो गया है।। इंसान क्यों इतना ऐसे -------------------।। आग में घी का काम, राजनीति कर रही है। हिंसा - नफरत, इंसानों में वह भर रही है।। कलमकार- मीडिया भी,गुमराह हो गया है। निर्दयी, हिंसक और पापी, इंसान हो गया है।। इंसान क्यों इतना ऐसे ---------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार- गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #इंसान क्यों इतना जहरीला हो गया है
fateh singh sodha
आज का सुविचार इंसान ने जिस चीज को बनाया आज उसी ने इंसान को गुलाम बनाया चाहे फिर वह पैसा हो या कुछ और नियंत्रण रखना सीख लो नियंत्रण तो चींटी ने भी हाथी पर बनाया आप फिर भी इंसान हो तो फिर क्या तूने इंसानियत को भी भुलाया ss ©FATEH SINGH SODHA भूल गयी इंसान ...... #aajkasuvichar
Vivekans Chowdhary
पेड़ बड़े भी हो जायें,जड़ जमीन पर ही रहते, ये इंसान है कि हर बात भूल जाता है। पेड़ से टूटा पत्ता या फल गिरता वापस जमीन पर, ये इंसान घर से निकलता है तो घर भूल जाता है। #इंसान भूल जाता है
Vivekans Chowdhary
पेड़ बड़े भी हो जायें,जड़ जमीन पर ही रहते, ये इंसान है कि हर बात भूल जाता है। पेड़ से टूटा पत्ता या फल गिरता वापस जमीन पर, ये इंसान घर से निकलता है तो घर भूल जाता है। #इंसान भूल जाता है
Vivekans Chowdhary
पेड़ बड़े भी हो जायें,जड़ जमीन पर ही रहते, ये इंसान है कि हर बात भूल जाता है। पेड़ से टूटा पत्ता या फल गिरता वापस जमीन पर, ये इंसान घर से निकलता है तो घर भूल जाता है। #इंसान भूल जाता है
TheBoyWithPen
कैसा होगा वो दिन भी, जब साफ करते करते जंगल, इंसान घुसेगा शेर की मांद में, और बुझाने को अपने पेट की आग, मारकर खा जायेगा शेर को। AVT इंसान में इतनी क्यों है?
ASHVAM
#5LinePoetry Instagram.com/neeraj7m/ डगमगा रहा है तू लेकर दुनिया का बोझ, इतना क्यों सोचता है तू मानव आ निंद्रा से जाग कर रोज । वाह रे इंसान तूने सीख लिया है सब कुछ करना, एक पौधे से दो फल निकालना, और दो जानवरों को एक करना, पर तू खुद को भुल चुका है, कैसे तुझे है चलना ।। ©Ashvam #इंसानियत भूल चुका है इंसान
Pawan Munda
जीवन के हर मोड़ पे विफलता की पहचान है तू अपने कर्मों से हैरान बाहर से कोमल भीतर से शैतान है क्यों कहता है सफल इंसान हैं बाहर से कर्म योग है तू अंदर से बन भोगी तू अपनी स्वाभिमान बेच कर किसे चुना लगा रहा है तू कुछ पल का ऐ बीबी बच्चे छूट जाएगा सब अच्छे -अच्छे बाहर से नैया पार है तेरी पार होगी अंदर से कैसे लूट ले जितना लूट सकोगे कर्म की तेरी हिसाब होगी बाप यहां तू बनेगा बेटा बेटे पर मत रख आस तू ©Pawan Munda #dilemma क्यों कहता है सफल इंसान