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Sunil itawadiya
🙏🏿🙏🏿म्हारा एक पड़ोसी 🙎♂कुकरेजा जी। 🤣🤣🤣 पूरी कहानी पढ़ना कैप्शन में मजा आ जाएगा 🙏🏿🙏🏿म्हारा एक पड़ोसी 🙎♂कुकरेजा जी। भोत दन से दिख्या नी तो आज हूं उनका 🏚घरे गयो। देख्यो तो 👢पग में उनके प्लास्टर चड़्यो हुवो थो। ओ देखीके म्
#CTK -Funny 0r Die
इश्क़ का अंजाम -------------- हाँ दिल पत्थर है मेरा तभी जो टूटा फिर जुड़ा नहीं ☘️🍀☘️ भाव:- धातु (metal) वेल्डिंग कर जोड़ी जा सकती है, मांस-पेशियों को स्टीच (टाँका) दिया जा सकता है, हड्डी को प्लास्टर किया जा सकता है बस एक पत्थर
Vinay Mali
Kulbhushan Arora
@Early Bird जब हम लिखे हुए शब्दों को, दिल के कानों से सुनते हैं, सच मानो वो शब्द हमेशा , हमारे दिल में ज़िंदा रहते हैं, मेरी दिल कीआंखों के सामने .... एक प्लास्टर हीन दीवार है, इस दीवार की हर ईंट ने.... उन सिसकियों के शब्द सुने हैं, और बेबसी ये ... ..........सिर्फ सुन सकता हूं कर कुछ नहीं सकता... वो लिखे हुए शब्द जो, दिल के कानों ने सुने हैं, वो अक्सर बोल पड़ते हैं... #earlybirdz #openforcollab #YourQuoteAndMine Collaborating with Early Bird @Early Bird जब हम लिखे हुए शब्दों को, दिल के कानों से सुनते हैं
Rohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)
इश्क़ का मंज़र चढ़ा ऐसे कि इश्क़ का हसीन घटनाक्रम आगे बढ़ा ऐसे- कि पहले तो नज़रें मिली ऐसे! कि दिल से दिल की बातें होने लगी ऐसे! बिना खर्च किये पैसे! फिर बीच की नजदीकियाँ बढ़ी ऐसे! कि दोनों की चोंचें मिलने को उतावली थी ऐसे! इस तस्वीर में मिलती हुई दिख रही हैं जैसे! पर अचानक से चोंच में मुक्की पड़ी खूब कस के! और साथ में मम्मी शेरनी की तरह दहाड़ के चीखी ऐसे! हमारे इस सपने की हो गई छुट्टी नींद टूटने से! और डर के मारे हमारी खाट खड़ी हुई ऐसे! फिर तो खटिया से गिरकर चोंच का जोर से मिलन हुआ ज़मीं से ऐसे? कि काफी दिनों तक प्लास्टर मिलन रहा चोंच से ऐसे 👉😷! तब पड़ गई मुक्की, बज गई घँटी, हो गई छुट्टी! धन्यवाद 🤫💎❤🔔🤛👊😷😭😠😡😁😂😇🙏 @बधाई हो छुट्टी की प्यारी मुक्की 👊😇की🙏 #Love #BadhaiHoChuttiKi इश्क़ का मंज़र चढ़ा ऐसे, कि इश्क़ का हसीन घटनाक्रम आगे बढ़ा ऐसे- कि पहले तो नज़रें मिली ऐसे! कि दिल से दिल की बातें होने
Jai Singh
ईंट गारे से बना वो घर जहां कभी सब बसते थे जीना मरना दुख सुख कभी उदास कभी हंसते थे अब वीरान से खड़ा है यादों के काफिलों मे खोया नन्हे मुन्ने बड़े हो पलायन कर गए ये घर वहीं अभी इंतज़ार में खड़ा है दो बूढ़े मां बाप वहीं हैं, उसका पल्ला थामे वही छत वही अपनापन लिए वो घर दिल मे उम्मीदें लिए डटा पड़ा है पर टूट रहा होगा उसका भी हौसला प्लास्टर,छत या दीवारें भी ढह रही होंगी पर इंतज़ार का ....लंबे इंतजार का बोझ उसे सालता होगा... कभी तेज़ हवाओं में, गर्मी में बरसात में वो घर उन बच्चों को पुकारता होगा मां बाप ना होते तो कब का ढह जाता ज़िम्मेदारियों का बोझ संभालता होगा आत्मा चीख रही होगी, कराहती होगी मुक्त कर दो उसे , तुम्हे पुकारती होगी ईंट गारे का मकान, मगर दिल कितना बड़ा है वो कौन है जिन्हे फिक्र नहीं की उनका कौन अपना कहाँ पडा है— % & कबसे तुम्हें बुलाता है, घर आवाज़ लगाता है... ईंट गारे से बना वो घर जहां कभी सब बसते थे जीना मरना दुख सुख कभी उदास कभी हंसते थे
Pankaj Singh Chawla
पर्किंग वाला प्यार भाग - 16 (Read in Caption) पर्किंग वाला प्यार 16 सुनो...! मैं तो वहाँ बेहोशी की हालत में खून से लथपथ पड़ा था, वहां 'मन' मेरा फ़ोन न मिलने पर परेशान हुए जा रही थी, उसकी
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
सब संभाल लेता हूं मैं , भाई की लड़ाई हो या दोस्त के पचड़े गर्लफ्रेंड का ex हो या उसके घर के बाहर नुक्कड़ पर खड़े फुकरे सब संभाल लेते हैं हम... हाथों का प्लास्टर हो या छिले हुए घुटने , गिरे हो बाइक से या खड़े हो टीचर से पीटने अब बहन तो विदाई पे रो लेगी पर हम नही रोयेंगे चार दिन की रोड ट्रिप है पर हम व्हील पे नहीं सोयेंगे एक छोटा सा किस्सा भी हो जाये , तो उसे बढ़ा चढ़ा के सुनाएंगे पर जब दिल टूटेगा ना तो अपने दोस्तों को भी नहीं बताएँगे क्योंकि सब संभाल लेते हैं हम... क्या है ना कि दारु की capacity से हमारी , औकात नापी जाती है पर सबको घर छोड़ने की ज़िम्मेदारी भी हमारे हिस्से ही आती है किसी फिल्म की sad ending हो या best friend का foreign जाने का farewell, soft नहीं होते हैं अगर गुस्सा आता तो आज अभी पर प्यार जताने वाला सब कुछ कल क्या है ना क्योंकि माचो इतने है पर sensitive topic पे थोड़े गड़बड़ हो जाते हैं यार अपन लोग तो मम्मी को hug करने में भी awkward हो जाते है... घर की financial problem हो या किसी की तबियत ख़राब पापा की social standing हो या safety security का सवाल सब संभाल लेते हैं हम... हम वो है जो फूटपाथ पर बाहर की तरफ चलते है , साया बनते है परिवार का पर धुप में खुद पलते है कभी हमारी भी मर्दानगी का पर्दा हटा कर देखना कभी थामना हमारा भी हाथ कैसे हो तुम?... पूछना! क्योंकि यार हमारी भी सख्त शक्लों के पीछे एक मासूम सा बच्चा है जी जिसकी ख्वाहिशें घर, गाड़ी, आसमान नहीं अपनापन सच्चा है जी हमे भी डर लगता है अकेले अँधेरे कमरों में हम भी सो नहीं सकते और सच कहूँ तो झूठे है वो लोग जो कहते हैं की आदमी रो नहीं सकते... बाकी हाँ इसके अलावा सब संभाल लेते हैं हम , भाई की लड़ाई हो या दोस्त के पचड़े गर्लफ्रेंड का ex हो या उसके घर के बाहर नुक्कड़ पर खड़े फुकरे सब संभाल लेते हैं हम... - ANKUR ©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) सब संभाल लेता हूं मैं , भाई की लड़ाई हो या दोस्त के पचड़े गर्लफ्रेंड का ex हो या उसके घर के बाहर नुक्कड़ पर खड़े फुकरे सब संभाल लेते हैं हम...
Pankaj Singh Chawla
पर्किंग वाला प्यार भाग - 17 (Read in Caption) पार्किंग वाला प्यार 17 सुनो...! कुछ दिन बाद हुआ ऐसे की... 'मन' की मम्मी का चश्मा टूट गया... वो ठीक करवाने के लिए दुकान पर आई... पहले तो कु
Pankaj Singh Chawla
पर्किंग वाला प्यार भाग - 18 (Read In Caption) पर्किंग वाला प्यार 18 सुनो...! हुआ कुछ यूं की 'मन' ने इंडिया की टिकट बुक करवा ली थी... यहां उसकी मम्मी ने उसके पापा को सब बात बता दी थी...