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StudyBooster2.0
Mr.Rana
मैं रखने की सोचता हूं उसे जल्दी जाने की होती है सच बताऊं यारो यह सैलरी बेवफा होती है आज मेरे पास आई है कल तुम्हारे पास होती है तुम्हारे पास भी रहकर तुम्हारी कहां होती है सच बताऊं यारो यह सैलरी बेवफा होती है ©Mr.Rana बेवफ़ा सैलरी। #salary
Insprational Qoute
शिक्षको की एक पुकार, सैलरी पाना हमारा अधिकार ******************************************* आज तक नही समझ आया , क्यो हर बार शिक्षक ही हैं सताया , शिक्षा का क्षेत्र हो या अन्य क्षेत्र हर जगह अपना कर्तव्य सिद्दत से निभाया, इस भयानक महामारी में भी उसने न कदम पीछे हटाया, की दिन रात मेहनत उसने पर सुर्खियों में कहीं उसका नाम तक न आया, कईयों ने तो इसकी चपेट में अपने आप तक को गंवाया, पीछे छोड़ परिवार अकेला रह गया, सुन ये शिक्षक की असहनीय दास्तान, मेरा तो कलेजा आ गया उफान, पर कई लोगो के अभी भी बन्द पड़े हैं कान, क्यों ????नहीं उनकी मेहनताना का तुम करते हो भुगतान, कब सुनोगे ??जब वो हो जायेगा बेजान, कोई तो जाके उन्हें बताओ, क्या हालत हैं शिक्षक की कोई उन्हें भी सुनाओ, प्राचीन समय मे होता था जिस गुरु का गुनगान, वर्तमान में वो अपने हक के लिए आज हो रहा वो परेशान, कुछ नही मांगा हैं, अब बस लौटा दो उनका वेतनमान, कृपया सरकार अब करो न देरी, शिक्षकों की मेहनत देखो और लौटा दो अब उनकी सैलरी, अब हम सबकी एक ही पुकार हैं, हमारा मेहनताना, हमारी सैलरी हमारा अधिकार हैं, हमारा मेहनताना, हमारी सैलरी हमारा अधिकार हैं।।। ✍️निशा( प्राथमिक शिक्षिका MCD) #सैलरी #शिक्षा #गुरु #शिक्षकदिवस
VIDYADHAR MISHRA
मुट्ठी में कुछ सपने लेकर भरकर जेबों में आशाएं दिल में है अरमान यही कुछ क्र जाएं कुछ कुछ जाएं।। सूरज सा तेज नही मुझमे दीपक का जलता देखोगे अपनी हद रोशन करने से तुम कब तक मुझको रोकोगे।। मैं उस माटी का वृक्ष नही जिसको नदियों ने सीचा है बंजर माटी में पलकर मैंने जीवन को मृत से सींचा है।। मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूं सीशे से कब तक तोड़ोगे मिटने वाला मैं नाम नही तुम मुझको कब तक रोंकोगे।। इस जग में जितने जुल्म नही उतने सहने की ताकत है दानो के भी सोर में रहकर सच कहने की आदत है।। मैं सागर से भी गहरा हूँ तुम कितने कंकड़ फेंकोगे चुन चुन कर आगे बढूंगा मैं तुम कब तक मुझको रोंकोगे।। ग्रेट
Ankit verma 'utkarsh'
दादा ! मेरी बाल फेंको... गेट में प्रवेश करते हुए निकित ने अपने पाँच वर्षीय बेटे की आवाज सुनी,* *तो बेटा अपने बेटे को डांटने लगा...:* *अंशुल बाबा बुजुर्ग हैं, उन्हें ऐसे कामों के लिए मत बोला करो।* *पापा ! दादा रोज हमारी बॉल उठाकर फेंकते हैं.... अंशुल भोलेपन से बोला।* *क्या... "निकित ने आश्चर्य से पिता की तरफ देखा ?* गैलरी part3