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TheBoyWithPen

बोल दो कुछ #शायरी

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पहल कौन करेगा आगे बढ़ के,
इसी कशमकश में दिन निकल गया,

अब तो बोल दो तुम कुछ,
वरना रात भी यूं ही गुजर जानी है।

AVT बोल दो कुछ

KAKE KA RADIO

कुछ बोल दो

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 कुछ बोल दो

Sanjana jain

दो कुलो का मान

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जिन लोगो ने मुझे था पाला पोसा
लाड प्यार दूलाल से रखा घर में 

अाज उन सबने ही मिलकर देखो
 कर दिया बिलकुल पराया हमे

वो जिस पर अपनी जान थे देते 
अाज उन सबको ही मैं जान गई

पराई हो तुम हर पल सब कहते 
उनका ये कहना भी मैं मान गई

 बेटी की खुशियों की खातिर डोली
उसकी उठवा कर विदा कर दिया

लेकिन वो मायके का हँसना गाना
उससे ये सब कुछ छिन सा ही गया 

करके अपनी उस प्यारी बेटी को 
विदा दुआए सब मिलकर देते है

हर पल खुश रहना मेरी गुड्डिया रानी
सब ऐसा अपने ही मुँह से कहते है

कैसे बताऊं उन सबको में कि मेरी
ख़ुशी तो सिर्फ तुम सब में ही थी

लेकिन ये दुनिया की रिति भी देखो
 यहाँ कैसे हर एक बेटी विदा हुई!!

बात-बात पर जो रोती और गाती
आगे सब कुछ सहन कर जाती है 

सिर्फ अपने माँ-बाप की खातिर 
हमेशा बड़े- बड़े कष्ट उठती है

बेटी वो अपना हर फर्ज निभाती
सिर्फ माँ -बाप की लाज बचाती है

बेटियॉ देखो एक कुल का ही नहीं 
वो दो- दो कुलो का मान कहलाती


                   संजना जैन दो कुलो का मान

KUMARI USHA AMBEDKAR

कुछ फूलो से कह दो कुछ बदलो से कह दो #शायरी

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रितेश कुमार

लिख दो सवाल कुछ

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लिख दो सवाल कुछ काम कर आऊं,, 
खाली बैठे दिमाग को भी तेरे नाम कर आऊं।। #NojotoQuote लिख दो सवाल कुछ

Madhvi Haritas

कुछ एसा कर दो

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अपने एहसास से छू कर,
     आज तुम मुझको चन्दन कर दो, 
सूख गयी मन की क्यारी, 
      इसे प्रेम से  फिर वृंदावन कर दो ,

कब से तरस रहे   मेरे नैना ,
     अश्रु जल भी सूख चुके है, 
तुम देकर आज दरस अपना, 
     इनहे पुनः गंगा सी पावन करदो, 

 है बीत गये कितने मौसम ,
      बरखा ऋतु आती जाती रही,
बिन तेरे कोई झूला नहीं भाया, 
      इस बार हरा भरा सावन कर दो, 

सात सुरो की सरगम भूली, 
      बस धुन मुरली की याद रही, 
हुआ इन्द्रधनुष फीका रंगो से,
      तुम आकर फिर से रंगो को भर दो, 

बेमानी तुम बिन हैं जीवन ,
       बेमानी सारे सुख साधन, 
नहीं भाते तुम बिन ये सुख साधन ,
       होकर शामिल जीवन में मेरे, 
       तुम सुख मय अब ये जीवन कर दो 

अपने एहसास से छू कर,
     आज तुम मुझको चन्दन कर दो, 
सूख गयी मन की क्यारी, 
      इसे प्रेम से  फिर वृंदावन कर दो ,

माधवी कुछ एसा कर दो
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