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    PopularLatestVideo
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bittu......

इस चांद को छुने का दिल क्यू करता है
दिल करता है मेरा
मेरे पापा के तरह 
ससुर जी के साथ बैठ कर शाम की चाय
पीने का
मन krta hai 
मां की तरह 
सासू मां से ये पूछने का की मां
इस बार की पूजा में आप कौन की साड़ी लेना है
और मैं kon si लू।
मन krta hai
बड़े भाई की तहर
जेठ जी पुछु 
bhaiya कोई problam hai ky
मैं कोई मदद kru
मन krta hai 
बहन की तरह 
ननद से bolu didi ye मैं nhi karugi dil nhi kr rha 
kaam knrne ka
please aaj aap krlo
मन krta hai 
chhote bhaiya ki तरह
देवर से bulu
Bro just chhil Sb thik ho जायेगा
तुम Bs मेहनत kro।।
क्या ये सब kV such ho payega
ya चांद की  तरह ही सिर्फ ये सोच बन जायेगा

©bittu......
  नकावता

नकावता #कविता

69 Views

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DHAKAD HAI HARYANA

#ओपीड़ी फ्री #एम्बुलेंस फ्री @खुल गया कलावती देवी चेरीरेबल हॉस्पिटल

#ओपीड़ी फ्री #एम्बुलेंस फ्री @खुल गया कलावती देवी चेरीरेबल हॉस्पिटल #न्यूज़

27 Views

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_@_rozy_i

सुनो सभी🙈🙉🙊
गांधी जी के फोटो स्टेटस पर डालने से अच्छा है,
 कि आप उनके द्वारा दिए गए मार्गदर्शन और अनुशासन का पालन, करें।

©_@__rozy _i कर्मठ बनो। कर्मशील बनो कलंकित नहीं।

#GandhiJayanti2020

कर्मठ बनो। कर्मशील बनो कलंकित नहीं। #GandhiJayanti2020

34 Love

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Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी
किस्से कहानियां हम
किताबो के बनने वाले है
घरो में कैद रहे तीन महीने
जेल जैसे गुजरे दिन सारे है
मेल जोल हुआ नही किसी से
हॉस्टपीटलो में पड़े रहे अपने
कोई हाल चाल कोई खैर खबर
ना पूछ पाये हम बेचारे
मर भी गये वो चार कांधे भी
नसीब ना कर पाये हम अभागे
कैसे दर्ज होगा इतिहासों में
संवेदनाओ से मरकर जिये
हमने कलंकित पल सारे
                     प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" संवेदनाओ में मरकर जिये कलंकित पल सारे

#Books

संवेदनाओ में मरकर जिये कलंकित पल सारे #Books

30 Love

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Sikendar Kumar

कथा कलंकित हो जाएगी पुरखो के बलिदानों की।

कथा कलंकित हो जाएगी पुरखो के बलिदानों की। #Motivational

47 Views

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Manish Sarkar

कलंकित
.
.
#Poetry #AudioQuote #respect_girls #respect_women #womenempowerment #voice_of_writer #voiceoverartist #Voice_from_heart
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Bablu pasi

 मोहब्बत एक चूड़ी की तरह है।।
जो खनकाती संवरती है फिर टूट जाती है।

मोहब्बत एक चूड़ी की तरह है।। जो खनकाती संवरती है फिर टूट जाती है। #शायरी #nojotophoto

3 Love

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Vaibhav Sharma

वो देखो ज़रा उन दूर बरसती बूदों को
जो इश्क बादल से कहती हैं
और वफा जमी से निभाती हैं
ना जाने अब कहावती है या
 बनावटी है ये इश्क!!!! ना जाने कहावती है या बनावटी है ये इश्क
#yqbaba #yqdidi #truthless #heartless #love #life #poetry

ना जाने कहावती है या बनावटी है ये इश्क #yqbaba #yqdidi #truthless #Heartless love life poetry

0 Love

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N S Yadav GoldMine

आज मैं आपको लंकिनी कौन थी व भगवान ब्रह्मा ने उसे क्या कार्य सौंपा था उसके बारे में बताएंगे !! 🎑{Bolo Ji Radhey Radhey}
लंकिनी :- 💤 लंकिनी लंका राज्य की सुरक्षा प्रभारी थी जो लंका नगर के प्रवेश द्वार पर पहरा देती थी। उसकी आज्ञा के बिना कोई भी नागरिक लंका के अंदर प्रवेश नही कर सकता था। वह अत्यंत शक्तिशाली व बलवान स्त्री थी जिसे रावण ने मुख्यतया लंका की सुरक्षा का उत्तरदायित्व दिया था। जब हनुमान माता सीता की खोज में लंका में प्रवेश करने लगे तब उनका सामना लंकिनी से हुआ था। आज हम उसी रोचक प्रसंग तथा लंकिनी की कथा के बारे में जानेंगे।

भगवान ब्रह्मा ने लंकिनी को सौंपा लंका की सुरक्षा का प्रभार :- 💤 जब भगवान ब्रह्मा के वरदान से रावण को सोने की भव्य नगरी लंका प्राप्त हुई तो वह अत्यंत प्रसन्न था। उस समय ब्रह्मा जी ने लंकिनी को लंका का मुख्य प्रहरी बनाया था व उसे लंका की सुरक्षा का भार सौंपा था। लंकिनी ने भगवान ब्रह्मा से पूछा कि वह कब तक लंका की सुरक्षा में तैनात रहेगी। इस पर ब्रह्मा जी ने कहा कि जब एक दिन वानर रूप में स्वयं भगवान यहाँ आयेंगे तब वे तुम पर एक ही प्रहार करेंगे जिससे तुम परास्त हो जाएगी। उस समय तुम्हारा लंका की सुरक्षा करने का कर्तव्य पूर्ण हो जायेगा व तुम्हें मुक्ति मिल जाएगी।

हनुमान आये माता सीता की खोज में :- 💤 जब हनुमान समुंद्र लांघकर माता सीता की खोज में लंका की नगरी पहुंचे तो वे लंकिनी को चकमा देकर अंदर प्रवेश करने लगे किंतु लंकिनी ने उन्हें देख लिया व रोक लिया। लंकिनी ने हनुमान से लंका में प्रवेश करने का कारण पूछा तो हनुमान उन्हें सत्य बताना नही चाहते थे। इसलिये उन्होंने लंकिनी से कहा कि वे केवल यहाँ विचरण करने व लंका को देखने आये है। इस पर लंकिनी ने हनुमान की चाल को समझ लिया व उन पर आक्रमण करने दौड़ी।

हनुमान का लंकिनी पर एक प्रहार :- 💤 लंकिनी को स्वयं पर आक्रमण करते देखकर हनुमान ने स्त्री का वध करना उचित नही समझा व उसे रोकने के लिए उस पर एक जोरदार प्रहार किया जिससे लंकिनी अचेत हो गयी व उसके मुख से रक्त बहने लगा। एक वानर के द्वारा शक्तिशाली लंकिनी पर इतने जोरदार प्रहार से लंकिनी को ब्रह्मा जी के द्वारा कही गयी बात याद आ गयी।

लंकिनी ने मांगी हनुमान से क्षमा:- 💤 ब्रह्मा जी की बात याद आते ही लंकिनी ने उसी समय हनुमान से क्षमा मांगी व उन्हें सारा वृतांत सुनाया। उसने हनुमान जी से कहा कि वह जान चुकी है कि अब लंका व राक्षसों का अंत आ चुका है। साथ ही ब्रह्मा के कहे अनुसार उसका भी लंका की सुरक्षा का उत्तरदायित्व अब समाप्त हो चुका है। इसलिये वे उन्हें क्षमा करें ताकि वह पुनः ब्रह्म लोक जा सके। इसके बाद लंकिनी पुनः ब्रह्म लोक की ओर चली जाती है।

लंकिनी की मिला था भगवान ब्रह्मा का श्राप :- 💤 एक मान्यता के अनुसार लंकिनी पहले एक सुंदर स्त्री थी जिसके पास पहले भगवान ब्रह्मा के लोक की सुरक्षा का भार था किंतु स्वयं को मिले इस उत्तरदायित्व के कारण उसमे अहंकार आ गया था। इसी अहंकार के कारण ब्रह्मा जी ने उसे राक्षस नगरी का प्रहरी बना दिया था। जब उसे अपनी गलती का अनुभव हुआ तो उसने भगवान ब्रह्मा से क्षमा मांगी। तब भगवान ब्रह्मा ने उसे एक वानर के द्वारा उस पर प्रहार करके उसे मुक्ति देने का उपाय बताया था। N S Yadav...

©N S Yadav GoldMine
  #snowfall आज मैं आपको लंकिनी कौन थी व भगवान ब्रह्मा ने उसे क्या कार्य सौंपा था उसके बारे में बताएंगे !! 🎑{Bolo Ji Radhey Radhey}
लंकिनी :- 💤

#snowfall आज मैं आपको लंकिनी कौन थी व भगवान ब्रह्मा ने उसे क्या कार्य सौंपा था उसके बारे में बताएंगे !! 🎑{Bolo Ji Radhey Radhey} लंकिनी :- 💤 #प्रेरक

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मनुस्मृति त्रिपाठी

जाने क्यों बड़ी उलझन होती है 
और मन भर आता है 
जब कोई किसी के बाहों में बाहें डाल कर 
मेरे आंखो के सामने से जाता है

क्या सचमुच हम इतने बदनसीब हैं 
प्यार तो मेरा पाक साफ़ था सुल्तान 
फिर भी तू हमसे क्यों इतना दूर हो
  नर्गिस बेनूरी खज़ा पाक साफ़ मोहब्बत ही हमेशा कलंकित कर के लोग छुप जाया करतें हैं

पाक साफ़ मोहब्बत ही हमेशा कलंकित कर के लोग छुप जाया करतें हैं

9 Love

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manjar Bhai

तलवार कितनी भी तारो कलंकी बराबरी करने नहीं कर सकता

तलवार कितनी भी तारो कलंकी बराबरी करने नहीं कर सकता #शायरी

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DHAKAD HAI HARYANA

#कलावती देवी चेरिटेबल हॉस्पिटल ने @राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लगाया फ्री नेत्र जाँच एवं उपचार शिविर

#कलावती देवी चेरिटेबल हॉस्पिटल ने @राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लगाया फ्री नेत्र जाँच एवं उपचार शिविर #न्यूज़

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DHAKAD HAI HARYANA

#कलावती देवी चेरिटेबल हॉस्पिटल ने @राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लगाया फ्री नेत्र जाँच एवं उपचार शिविर

#कलावती देवी चेरिटेबल हॉस्पिटल ने @राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लगाया फ्री नेत्र जाँच एवं उपचार शिविर #न्यूज़

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__andaaz_shayrana__

उसका नाम मेरे दिल पर ' अंकित ' है
पर शायद.....
अब ये इश्क़ कलंकित है...!!!

उसका नाम मेरे दिल पर ' अंकित ' है पर शायद..... अब ये इश्क़ कलंकित है...!!! #Shayari

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सुसि ग़ाफ़िल

महामारी का दौर नहीं , 
गंदी नियत का शोर है! 

मानते थे जिसको खुदा , 
असल  में  वही चोर है ! 

हाल देखा जब चारों तरफ, 
नियत में सब की झोल है! 

लेकर गया जवान बेटे को
इलाज करवाने हस्पताल 
में, टूटी मिली हर कौर है! 

कैसे कहूं तुझे 
खुदा का दूसरा रूप, 
कहीं किडनी कहीं आंखें 
कहीं प्लाज्मा हर वार्ड में चोर है!  सब गलत नहीं है 
पर कुछ कलंकित 
कर जाते हैं सभी को ! 

🙏🙏🙏

सब गलत नहीं है पर कुछ कलंकित कर जाते हैं सभी को ! 🙏🙏🙏

0 Love

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ए क़ल्ब-कातिब

अंक में मजबूत नहीं थे हम, इसलिए इश्क़ में कलंकित हो गए।।
-ए क़ल्ब कातिब

अंक में मजबूत नहीं थे हम, इसलिए इश्क़ में कलंकित हो गए।। -ए क़ल्ब कातिब #फ़िल्म

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Lovelorn Vinit

आकाश का सूनापन मेरे तन्हा मन में पायल छनकाती तुम आ जाओ जीवन में सांसे देकर अपनी संगीत अमर कर दो 
#BeatMusic

आकाश का सूनापन मेरे तन्हा मन में पायल छनकाती तुम आ जाओ जीवन में सांसे देकर अपनी संगीत अमर कर दो #BeatMusic

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सुसि ग़ाफ़िल

पुरुष आने वाले 
युगों तक 
कलंकित रहेगा, 
और फिर 
आने वाले 
समय में नारी, 
पुरुष पर 
जुल्म करेगी ! पुरुष आने वाले 
युगों तक कलंकित रहेगा, 
और फिर आने वाले 
समय में नारी, 
पुरुष पर जुल्म करेगी !

पुरुष आने वाले युगों तक कलंकित रहेगा, और फिर आने वाले समय में नारी, पुरुष पर जुल्म करेगी !

0 Love

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स्वप्निल श्रीवास्तव

जिनके लिए हम तन, मन, धन सबसे समर्पित थे,
उनकी नज़र में वफ़ा के सारे उसूल कलंकित थे..!!

#विरक्ति ✍🏻

©स्वप्निल श्रीवास्तव
  #tootadil जिनके लिए हम तन, मन, धन सबसे समर्पित थे,
उनकी नज़र में वफा के सारे उसूल कलंकित थे..!!

#विरक्ति ✍🏻

#tootadil जिनके लिए हम तन, मन, धन सबसे समर्पित थे, उनकी नज़र में वफा के सारे उसूल कलंकित थे..!! #विरक्ति ✍🏻

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सुसि ग़ाफ़िल

कितनी 
बेचैनी भरी है 
यह रातें 
बादल बरसकर 
हल्का हो जाता है 

पुरुष क्या करें 
उसके हिस्से में तो 
बिस्तर भी कलंकित आए | कितनी 
बेचैनी भरी है 
यह रातें 
बादल बरसकर 
हल्का हो जाता है 

पुरुष क्या करें 
उसके हिस्से में तो

कितनी बेचैनी भरी है यह रातें बादल बरसकर हल्का हो जाता है पुरुष क्या करें उसके हिस्से में तो

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Vikas Sharma Shivaaya'

🙏सुन्दरकांड🙏
दोहा – 3
हनुमानजी छोटा सा रूप धरकर लंका में प्रवेश करने का सोचते है
पुर रखवारे देखि बहु कपि मन कीन्ह बिचार।
अति लघु रूप धरों निसि नगर करौं पइसार ॥3॥
हनुमानजी ने बहुत से रखवालो को देखकर मन में विचार किया की मै छोटा रूप धारण करके नगर में प्रवेश करूँ ॥3॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम

लंकिनी का प्रसंग और ब्रह्माजी का वरदान
हनुमानजी राम नामका स्मरण करते हुए लंका में प्रवेश करते है
मसक समान रूप कपि धरी।
लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी॥
नाम लंकिनी एक निसिचरी।
सो कह चलेसि मोहि निंदरी॥1
हनुमानजी मच्छर के समान छोटा-सा रूप धारण कर,प्रभु श्री रामचन्द्रजी के नाम का सुमिरन करते हुए लंका में प्रवेश करते है॥लंकिनी, हनुमानजी का रास्ता रोकती हैलंका के द्वार पर लंकिनी नाम की एक राक्षसी रहती थी।हनुमानजी की भेंट, उस लंकिनी राक्षसी से होती है।वह पूछती है कि,
मेरा निरादर करके (बिना मुझसे पूछे) कहा जा रहे हो?

हनुमानजी लंकिनी को घूँसा मारते है
जानेहि नहीं मरमु सठ मोरा।
मोर अहार जहाँ लगि चोरा॥
मुठिका एक महा कपि हनी।
रुधिर बमत धरनीं ढनमनी॥2॥
तूने मेरा भेद नहीं जाना?
जहाँ तक चोर हैं, वे सब मेरे आहार हैं॥
महाकपि हनुमानजी उसे एक घूँसा मारते है,जिससे वह पृथ्वी पर लुढक पड़ती है।

लंकिनी हनुमानजी को प्रणाम करती है
पुनि संभारि उठी सो लंका।
जोरि पानि कर बिनय ससंका॥
जब रावनहि ब्रह्म बर दीन्हा।
चलत बिरंच कहा मोहि चीन्हा॥3॥
वह राक्षसी लंकिनी, अपने को सँभाल कर फिर उठती है और डर के मारे हाथ जोड़ कर हनुमानजी से कहती है॥

लंकिनी, हनुमानजी को, ब्रह्माजी के वरदान के बारे में बताती है
जब ब्रह्मा ने रावण को वर दिया था,
तब चलते समय उन्होंने राक्षसों के विनाश की यह पहचान मुझे बता दी थी कि॥

ब्रह्माजी के वरदान में राक्षसों के संहार का संकेत
बिकल होसि तैं कपि कें मारे।
तब जानेसु निसिचर संघारे॥
तात मोर अति पुन्य बहूता।
देखेउँ नयन राम कर दूता॥4॥
जब तू बंदर के मारने से व्याकुल हो जाए,तब तू राक्षसों का संहार हुआ जान लेना।

हनुमानजी के दर्शन होने के कारण, लंकिनी खुदको भाग्यशाली समझती है
हे तात! मेरे बड़े पुण्य हैं,
जो मैं श्री रामजी के दूत को अपनी आँखों से देख पाई।

विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 133 से 143 नाम 
133 लोकाध्यक्षः समस्त लोकों का निरीक्षण करने वाले
134 सुराध्यक्षः सुरों (देवताओं) के अध्यक्ष
135 धर्माध्यक्षः धर्म और अधर्म को साक्षात देखने वाले
136 कृताकृतः कार्य रूप से कृत और कारणरूप से अकृत
137 चतुरात्मा चार पृथक विभूतियों वाले
138 चतुर्व्यूहः चार व्यूहों वाले
139 चतुर्दंष्ट्रः चार दाढ़ों या सींगों वाले
140 चतुर्भुजः चार भुजाओं वाले
141 भ्राजिष्णुः एकरस प्रकाशस्वरूप
142 भोजनम् प्रकृति रूप भोज्य माया
143 भोक्ता पुरुष रूप से प्रकृति को भोगने वाले

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड🙏
दोहा – 3
हनुमानजी छोटा सा रूप धरकर लंका में प्रवेश करने का सोचते है
पुर रखवारे देखि बहु कपि मन कीन्ह बिचार।
अति लघु रूप धरों नि

🙏सुन्दरकांड🙏 दोहा – 3 हनुमानजी छोटा सा रूप धरकर लंका में प्रवेश करने का सोचते है पुर रखवारे देखि बहु कपि मन कीन्ह बिचार। अति लघु रूप धरों नि #समाज

11 Love

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Neeraj Vats

मैं भी रावण तू भी रावण 
फिर खुद पर क्यों इल्ज़ाम करे है
क्यों करे कलंकित रावण को
सीताहरण तो आज राम करे है
क्यों करे कलंकित रावण को ......

हर घर में लेती जन्म फूल सी कोमल जानकी
जन्म से वो लड़े लड़ाई अपने स्वाभिमान की
सीता की अग्निपरीक्षा तो हर कोई चाहे
पर क्या कोई राम से काम करे है
क्यों करे कलंकित  रावण को ........

होता अगर इतना दुष्ट दशानन
तो राम मार चरणाभिनन्दन न करता
द्विज था वो महावीर लंकेश
गर घायल न होता तो गर्जन न करता
ऐसे ही न बनते महादानी
तत्काल दस सिर दान करे है
क्यों करे कलंकित रावण को  ......

भले किया हो हरण उन्होंने
पर क्या कभी सीता का अपमान किया है
कहलाते हो तुम राम आज के
पर क्या कभी किसी सीता का सम्मान किया है
तुम सीता हो या हो शांता
तुम्हारे चरणों में नीरज प्रणाम करे है
क्यों करे कलंकित रावण को .........

©Neeraj Vats #Dussehra2021 
#Vijaydashmi 

#NojotoRamleela 

मैं भी रावण तू भी रावण 
फिर खुद पर क्यों इल्ज़ाम करे है
क्यों करे कलंकित रावण को

#Dussehra2021 #Vijaydashmi Ramleela मैं भी रावण तू भी रावण फिर खुद पर क्यों इल्ज़ाम करे है क्यों करे कलंकित रावण को #पौराणिककथा #NojotoRamleela

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brijesh mehta

















.. मेरी लेखनी का हर सुंदर, अनुपम और अलंकृत शब्द सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए है, 

मेरे उपहास, कटाक्ष एवं व्यंग इस बनावती समाज के प्रति मेरे व्य

मेरी लेखनी का हर सुंदर, अनुपम और अलंकृत शब्द सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए है, मेरे उपहास, कटाक्ष एवं व्यंग इस बनावती समाज के प्रति मेरे व्य #LoveStory #MyThoughts #myfeelings #MyFeelingsForYou #मंमाधन #brijeshmehta

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Sumeet Pathak

कब से बैठा तेरे इन्तेज़ार में
ये राह कमज़ोर तो नही ,
जिसका चेहरा है आठो पहर मेरे ध्यान में ,
ऐ जिन्दगी कहीं तू ग़म जुदा तो नही ! ?  DQ : 380

"आकाश का सूनापन
मेरे तनहा मन में

पायल छनकाती तुम
आजाओ जीवन में

DQ : 380 "आकाश का सूनापन मेरे तनहा मन में पायल छनकाती तुम आजाओ जीवन में #wait #yqbaba #intezaar #yqdidi #Shayar #raah

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Ram babu Ray

जब अपने विचारों में दया होने लगता हैं
तब अपना अधर्म सोने लगता हैं

जब देखता हूँ धर्म को
कलंकित अपनी आखों से

तब धर्म के आखों से
सौ-सौ आसूँ गिरने लगता हैं..!!

©Ram babu Ray जब अपने विचारों में दया होने लगता हैं
तब अपना अधर्म सोने लगता हैं

जब देखता हूँ धर्म को
कलंकित अपनी आखों से

तब धर्म के आखों से
सौ-सौ आसूँ ग

जब अपने विचारों में दया होने लगता हैं तब अपना अधर्म सोने लगता हैं जब देखता हूँ धर्म को कलंकित अपनी आखों से तब धर्म के आखों से सौ-सौ आसूँ ग #जानकारी #RR✍️

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Sarita Prashant Gokhale

कलावती 
लगावली:-
लगालगा ललगागा लगालगा गागा 

*उरातल्या जखमांना भरायचे आहे*
*जगातल्या बदलांनी घडायचे आहे* 

*मरायचे तर गंधाळ एवढा हो तू...*
*मनातल्याच तळाशी उरायचे आहे*

*नको असे जळणा-या चितेकडे पाहू* 
*अता कुठे मरणाला सजायचे आहे*

*लपेटल्या जखमेवर हवी तुला फुंकर*
*अरे तिच्या पदराला जपायचे आहे* 

*दुभंगल्या अविचारी जरी मनी वाटा*
*तरी तिथे विजयाला पहायचे आहे* 

स्मिता ढोनसळे

©Smita Raju Dhonsale कलावती 
लगावली:-
लगालगा ललगागा लगालगा गागा 

*उरातल्या जखमांना भरायचे आहे*
*जगातल्या बदलांनी घडायचे आहे* 

*मरायचे तर गंधाळ एवढा हो तू...*

कलावती लगावली:- लगालगा ललगागा लगालगा गागा *उरातल्या जखमांना भरायचे आहे* *जगातल्या बदलांनी घडायचे आहे* *मरायचे तर गंधाळ एवढा हो तू...* #मराठीशायरी

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