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Akash Das
Prem Nirala
मन घबराये, तो तुम ख़ुद को समझाना बहुत, चादर जितनी भी छोटी हो, तुम पैर फ़ैलाना बहुत! prem_nirala_ मन घबराये, तो तुम ख़ुद को समझाना बहुत, चादर जितनी भी छोटी हो, तुम पैर फ़ैलाना बहुत! #prem_nirala_
Mahfuz nisar
शहरों में भोगा हुआ, लॉकडॉउन से कठिन है, लोगों में फ़ैले ज़हर से, कहाँ कोई बेनज़र है। ✍mahfuz nisar © #message शहरों में भोगा हुआ, लॉकडॉउन से कठिन है, लोगों में फ़ैले ज़हर से, कहाँ कोई बेनज़र है। ✍mahfuz nisar ©
Rabindra Kumar Ram
" तेरा मिलना ना मिलना अफवाह लग रहा , तु ही जरा इस जलजले खामोशी पे मुहर लगा , तु आये भी की नहीं आये तुम मेंरे सय में जरा , ये बात हर तरफ आग की तरह फ़ैल रही है ." --- रबिन्द्र राम " तेरा मिलना ना मिलना अफवाह लग रहा , तु ही जरा इस जलजले खामोशी पे मुहर लगा , तु आये भी की नहीं आये तुम मेंरे सय में जरा , ये बात हर तरफ आग क
entertainment intertenment&intertenment
मैं जानता हूं कि.. मेरे दुश्मन कम नहीं।। पर हौसला चाहिए.. मामूली अखबार को आग में जलाने लिए।। मैं नूर बनके जमाने में फ़ैल जाऊंगा.. तुम अफताब से कीड़े निकलते रहना।। #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi
Pramod Kumar Samajsevi
ये केसी घटा छाई हैं, हवा में नई सुर्खी आई है, फ़ैली है जो सुगंध हवा में , जरुर महादेव ने चिलम लगाई है |#जय_श्री_महाकाल
Mahfuz nisar
रिसाव गाँव में भोगा हुआ, लॉकडॉउन से कठिन है, हवाओं में फ़ैला ज़हर है, सरकार की कहाँ उसपर नज़र है। ✍mahfuz nisar © #message रिसाव गाँव में भोगा हुआ, लॉकडॉउन से कठिन है, हवाओं में फ़ैला ज़हर है, सरकार की कहाँ उसपर नज़र है। ✍mahfuz nisar ©
Abhijit Agrahari
फ़ैला हुआ हर शहर सहर ढूंढता है अंधियारों में कौन शजर ढूंढता है बेदर्द है बेखुदी है दिल की हसरत भी है अब यहां मुझे हर तरफ कहर ढूंढता है..!" © Abhijit Agrahari फ़ैला हुआ हर शहर सहर ढूंढता है अंधियारों में कौन शजर ढूंढता है बेदर्द है बेखुदी है दिल की हसरत भी है अब यहां मुझे हर तरफ कहर ढूंढता है....!"
Shwètä Ùpädhýåý
पतझड़ से न पूछो तुम बहारों का आलम..... हरियाली फ़ैलाने को वे ही झड़ जाया करते हैं।। उसको ख़ुद मालूम नहीं ये सदाबहार नज़ारे सूखे पत्तों को संग ले ये दूर उड़ जाया करते हैं।। श्वेता ✍ पतझड़ से न पूछो तुम बहारों का आलम..... हरियाली फ़ैलाने को वे ही झड़ जाया करते हैं।। उसको ख़ुद मालूम नहीं ये सदाबहार नज़ारे