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Sonu Kumar Yadav
प्रेम की जोति कोई पानं को प्रेम कहत है , कोई चाहन को प्रेम कहत हैं, कोई पुजन को प्रेम मंत हैं| कहुँ प्रेम के मूर्त पूजत हैं, कहुँ आस्था आस्था में प्रेम ढ़ूंढ़त हैं, कहुँ निराशा को प्रेम से जोरत हैं| फेर काहे प्रेम की निंदा होवत हैं, फेर काहे प्रेम को गाली मिलत हैं| .....कवि सोनू प्रेम की ज्योति
Sonu Kumar Yadav
भक्ति की ज्योति तुम्हें मन्दिर में ढूंढा ढूँढ़ा, तुम्हें मेहफिल में ढूंढ़ा | तुम्हें पहाड़ो में खोजा, तुम्हें बारिश रूपी बूंदों में तलाशा | जहाँ भी खोजः , वहां निराशा ही पाया पाया| अखियां अखियन से नीर बहत बहट है , मुख से तोहरी तोहरी नाम निकलत है | मोह बावड़ी होवत जाऊ हूँ , संसार मोहे कहन लागो| मैं बावड़ी दर्शन की पियासी पियासी , न जाने कब पियास मुझत मुझत हमारी | ...कवि सोनू भक्ति की ज्योति
Sonu Kumar Yadav
प्रेम की ज्योति कोई पानं को प्रेम कहत है , कोई चहं चाहन को प्रेम कहत हैं, कोई पूजन को प्रेम कहत हैं| कहुँ प्रेम के मूरत मूर्त को पूजत हैं, कहुँ आस्था में प्रेम ढूढ़त हैं, कहुँ निराशा को प्रेम से जोरत हैं| फेर काहे प्रेम की निन्दा होवत हैं, फेर काहे प्रेम को गाली मिकत हैं| ...कवि सोनू प्रेम की ज्योति
Sanjeev gupta
#NationalEducationDay ना मांगू सोना-चांदी ना मांगू हीरे-मोती दे दो मुझे शिक्षा की अनुपम ज्योति शिक्षा की ज्योति
सत्यमेव जयते
शिव की ज्योति से नूर मिलता है, सबके दिलो को सुरूर मिलता है, जो भी जाता है भोले के द्वार, कुछ न कुछ जरूर मिलता है ! ©Kumar Vinod शिव की ज्योति
somnath gawade
राई चा पर्वत करणाऱ्यांना त्या पर्वतात एकटे तपश्चर्येला बसविले पाहिजे. #राई
Avinash atal
हम रहें ना रहें रहे वतन ये मेरा ऐ वतन तेरी बुलंदियों पर मिट जाए तन ये मेरा इन जात-पात के झगड़ों ने किया बेड़ा गर्क तेरा इन धर्म के दंगों ने । किया धूमिल आंचल तेरा तेरी सुनहली धरती पे अब आग उपज रही है नेताओं के करतूतों से अग्नि बरस रही है देख के तेरी दुर्दशा दुःखी है मन ये मेरा तेरी बुलंदियों पे मिट जाए तन ये मेरा फिर से जनों माँ भारती क़ोई किशन कन्हैया जो रख ले लाज़ तेरी मेरी सुनो ओ मैया हो रहा है चीर हरण तेरी द्रौपदी का बने हैं मुक् दर्शक मेंरे देश के ये नेता सत्ता के मद् मे उनकी मती गई है मारी कर दे उद्धार उनकी मेरी सुनो ओ मैया तेरी बुलंदियों पे मिट जाए तन ये मेरा! तेरी बुलंदियों पेमि भारती की दुर्दशा