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Ajay Kumar

#Joker की भूमिका #कॉमेडी

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#Joker किसी भी रंगमंच पर चाहे कितनी ही ना खूबसूरत कहानी हो अब नए हो पर उस कहानी में उस फिल्म में हंसी हंसाने वाली अदाकारी नहीं होती तो कहानी अधूरा और रहस्य में हीन हो जाता है क्योंकि कहानी को सुंदर और रहस्य में तथा समझदारी पूर्वक आनंद लेने के लिए जोकर की जरूरत बड़ा है महत्वपूर्ण साबित होता है। #Joker की भूमिका

KARMA - KANTI RANJANA MISSION AWARENESS

#शिक्षक की भूमिका।

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शिक्षक हमे, मनुष्य और जानवर के बीच के अंतर को समझाता है। मनुष्य सोच सकता है, पशु नहीं, लेकिन क्या सोचे? और क्या करे? इसमें शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 
KARMA

©KARMA - KANTI RANJANA MISSION AWARENESS #शिक्षक की भूमिका।

जगदीश कैंथला

कन्यादान कविता की भूमिका #बात

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HP

युगदूतों की भूमिका निभायें

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👉 Yugduto Ki Bhumika Nibhayen
        युगदूतों की भूमिका निभायें

जागृत परिजनों को उच्च स्वर से समय ने पुकारा है। अरुणोदय ने जागृति का सन्देश भेजा है। ऊषा की अग्रिम किरणें करवटें बदलते रहने से विरत होकर अँगड़ाई लेने और उठ खड़े होने की चुनौती प्रस्तुत कर रही है। इस पुण्य बेला में असामान्यों को सामान्यों की तरह समय नहीं गुजारना चाहिए। महानता सम्पन्न आत्माओं को तुच्छताग्रस्त प्राणियों जैसी गतिविधि नहीं अपनाये रहनी चाहिए।

नवयुग की चेतना घर−घर पहुँचाने और जन−जन को जागृति का सन्देश सुनाने का ठीक यही समय है। इन दिनों हमारा भूमिका युग दूतों जैसी होनी चाहिए। इन दिनों हमारे प्रयास संस्कृति का सेतु बाँधने वाले नल−नील जैसे होने चाहिए। खाई कूदने वाले अंगद की तरह−पर्वत उठाने वाले हनुमान की तरह−यदि पुरुषार्थ न जगे तो भी गिद्ध गिलहरी की तरह अपने तुच्छ को महान के सम्मुख समर्पित कर सकना तो सम्भव हो ही सकता है। गोवर्धन उठाते समय यदि हमारी लाठी भी सहयोग के लिए न उठी तो भी सृष्टा का प्रयोजन पूर्णता तक रुकेगा नहीं। पश्चात्ताप का घाटा हमें भी सहना पड़ेगा।

साहसिक शूरवीरों की तरह अब नवयुग के अवतरण में अपनी भागीरथी भूमिका आवश्यक हो गई हैं। इसके बिना तपती भूमि और जलती आत्माओं को तृप्ति देने वाली गंगा को स्वर्ग से धरती पर उतरने के लिए सहमत न किया जा सकेगा।

विनाश की शक्तियाँ प्रबल होती हैं या सृजन अधिक शक्तिशाली होती हैं? यह प्रश्न वाणी से नहीं व्यवहार से- उत्तर से नहीं, उदाहरण से- अपना समाधान माँगता है। यह देवत्व की प्रतिष्ठा का सवाल है। हमें सृजन की समर्थता सिद्ध करनी होगी, ताकि संव्याप्त निराशा में आशा का आलेग उग सके। कोई आगे नहीं चलेगा तो पीछे वालों का साहस कैसे जगेगा? व्यवसायी की बुद्धि लेकर नहीं, शूरवीरों की साहसिकता को अपनाकर ही हमें वह करने का अवसर मिलेगा, जो अभीष्ट आवश्यक, उपयुक्त ही नहीं विशिष्ट आत्माओं के प्रस्तुत अवतरण का लक्ष्य भी हैं।

✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य
📖 अखण्ड ज्योति- मार्च 1978 पृष्ठ 60 युगदूतों की भूमिका निभायें

जगदीश कैंथला

रीड की हड्डी भूमिका #बात

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जगदीश कैंथला

यमराज की दिशा भूमिका

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