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Author Munesh sharma 'Nirjhara'
तुम्हें देख सकूँ तभी तो मेरी दृष्टि है कृष्णा तुम्हीं से तो यह सारी जीवन सृष्टि है कृष्णा 🌹 दृष्टिपटल :-- आँखों में वो प्रकाश संवेदी झिल्ली जिसपे किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनता हो.......!! #कृष्णप्रेममेंराधेराधे #राधे__राधे #राधे_
Anita Saini
राधा के नयनों की ज्योति 🌺 मोहन 🌺 राधा के कंठहार के तुम मोती 🌺 मोहन 🌺 दृष्टिपटल :-- आँखों में वो प्रकाश संवेदी झिल्ली जिसपे किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनता हो.......!! #कृष्णप्रेममेंराधेराधे #राधे__राधे #राधे_
Sangeeta Patidar
प्रेम का आधार है 'राधे-श्याम' मुक्ति का द्वार है 'राधे-श्याम' दृष्टिपटल :-- आँखों में वो प्रकाश संवेदी झिल्ली जिसपे किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनता हो.......!! #कृष्णप्रेममेंराधेराधे #राधे__राधे #राधेश
Abhishek Mishra
कितने चेहरे हैं कितने नकाबपोश कितने चेहरे हैं, कितने नकाबपोश, कुछ बोल रहे हैं कुछ हैं अभी खामोश, है किसके पीछे क्या कोई नहीं जानता, जानता भी है तो भी नहीं मानता,
अभि "एक रहस्य"
कितने चेहरे हैं कितने नकाबपोश कितने चेहरे हैं, कितने नकाबपोश, कुछ बोल रहे हैं कुछ हैं अभी खामोश, है किसके पीछे क्या कोई नहीं जानता, जानता भी है तो भी नहीं मानता,
Shivank Shyamal
माहवारी ये माहवारी कोई भ्रम नहीं है, वो लड़की है इसमें कोई शर्म नहीं है , और हम ,उन मासिक धर्म पर उंगली उठाए, ये हमारा धर्म नहीं है।। 1) की कक्षा 7 का प्रथम दिवस उसको याद आता था, कि कई प्रयत्नों के बाद उसने अपना बैग लगाया था, अश्रु वर्षा के मध्य , उसने मां को जब पुकारा था , कुछ हिचक कर, उसने फिर कुछ ना बताया था।। प्रथम दिवस का सूर्य , ढलने को उतर रहा था , पर उसकी पीड़ा का उदय तो अब हो रहा था। मुरझाए हुए चेहरे के साथ, उसने घर में प्रवेश किया ही था, की मां को देख , अश्रु बांध टूट गया था। read caption ©Shivank Shyamal 2) वो 12वें साल कुर्ते के पीछे, एक दाग का डर लगने लगता था। असहजता और मरोड़ का भूचाल सा आ जाता था , जांघ, पेट और आंत में पीड़ा का समंदर उफना
DR. SANJU TRIPATHI
प्रेम भरी नीर की बदरी अब मुझ पर बरसा दो तुम। प्यासे हैं तेरे प्यार के हम अब तो प्यास बुझा दो तुम। तुमको देखकर अब मेरा दिल भी दीवाना होने लगा आंखों से आंखें और दिल से दिल भी बातें करने लगी। सुध बुध गवाएं बैठी हूं आकर साथ निभा दो तुम। व्याकुल हो रहा है तन मन आकर के अंग लगा लो तुम। लबों पर प्यास तुम्हारी है दिल में भी नाम तुम्हारा है। आकर के जीवन सवांरो तुम ईश्वर का भी यही इशारा है। -"Ek Soch" 🔔 प्रिय कवि शर्त जरूर पढ़ें। Life With Poetry प्रतियोगिता -14 आज आपके लिए संयोग श्रृंगार रस प्रतियोगिता-14, जिसका शीर्षक 'प्रेम' (संयोग श्र
Insprational Qoute
पलछिन जो अँखियाँ इंतजार में थी यह इंतजार खत्म हुआ, सुरमई शाम की बेला में प्रियतमा का मिलन जो हुआ, पा स्पर्श प्रियतम का वो छुईमुई सी सिमट गई, हृदय की स्पंदित श्वांसे अब स्वच्छंद सी नीर बह रही, कम्पन हुआ गुदगुदाए वो ,बाहों का मानो हार हुआ, थी निःस्वास सी पत्थर अब मानो कोई जान भर रहा, पुष्पों सम अधरों को चूम,मंद मंद मुस्कुरा रहा , वर्षों बाद प्रियतम प्रियतमा का संगम हो रहा। 🔔 प्रिय कवि शर्त जरूर पढ़ें। Life With Poetry प्रतियोगिता -14 आज आपके लिए संयोग श्रृंगार रस प्रतियोगिता-14, जिसका शीर्षक 'प्रेम' (संयोग श्र
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
प्रणय मिलन की वेला, सोच हृदय में उठते ज्वार, प्रफुल्लित होते अंतरंग, उत्सुक करने को दीदार, तरसते नैन, लरजते होंठों पर थे तबस्सुम बेशुमार, चाहत मिलन को आतुर, दिल हो रहा था बेकरार, कुछ शरमाई, कुछ सकुचाई, कोई लाजवंती नार, घूँघट की घटाएं हटी, मुखड़े पर सावन सी फुहार, गर्म सांसें,बढ़ता स्पंदन, रति की कल्पना हुई साकार, सुमन सुगंध एक हो गए, बाहुपाश में भर अँकवार। 🔔 प्रिय कवि शर्त जरूर पढ़ें। Life With Poetry प्रतियोगिता -14 आज आपके लिए संयोग श्रृंगार रस प्रतियोगिता-14, जिसका शीर्षक 'प्रेम' (संयोग श्र
Mayank Sharma
#DelhiPollution उड़ती चतुर्दिक खिल्ली मैं दिल्ली हूँ जैसे माचिस की तिल्ली मैं दिल्ली हूँ राजनीति की डंडा-गिल्ली मैं दिल्ली हूँ संवेदना की ठंडी सिल्ली मैं दिल्ली हूँ सरकार लिए निठल्ली मैं दिल्ली हूँ मालिक की दुमछल्ली मैं दिल्ली हूँ वे सत्ता मद में टल्ली मैं दिल्ली हूँ बाँधो घंटी कह बिल्ली मैं ... ✍️मनीष शर्मा✍️ उड़ती चतुर्दिक खिल्ली मैं दिल्ली हूँ जैसे माचिस की तिल्ली मैं दिल्ली हूँ #delhipollution