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bhaiyajiscreation
mrXchauhanGvsc
मेरी आँखें भी उसे देखती है जो मुझे देखना नही चाहती ©mrXchauhanGvsc मेरी आँखें भी उसे देखती है जो मुझे देखना नही चाहती
Vikas Dhaundiyal
धूल भरे रास्तों पर चलकर भी मंजिलों तक जाना है बाद की बात है ये कि किसके हिस्से क्या आना है ठान के चलोगे तो तुम्हें रोक किसने पाना है पास जाना पड़ता मंजिलों के इसने खुद चलकर नहीं आना है चाहे घनघोर अंधकार हो या मचा हाहाकार हो वायु का गुबार हो या अंगारो का पहाड़ हो चलते तेरे कदमों को अब रोक ना इन ने पाना है मेहनत, हिम्मत, ताकत के दम पर मंजिलों तक जाना है #मंजिलों #तक #जाना #है
Rishu singh
एक प्रेमिका है जो पत्नी बनना चाहती हैं और एक पत्नी है जो प्रेमिका बनना चाहती हैं ©Rishu singh #retro एक प्रेमिका है जो पत्नी बनना चाहती हैं और एक पत्नी है जो प्रेमिका बनना चाहती हैं
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
चाहतों को करके दर किनार, मंजिलों को पाना नहीं यार, सच्ची मोहब्बत में जाना, दिल को दुखाना नहीं यार, वो कैसा होगा, कैसी मुस्किले हैं, बिन जाने समझे, कुछ न कहेंगे, हैं अपने जैसी रहें यूं सबकी, सबके दिलों में मोहब्बत सच्ची, सच्ची मोहब्बत में जाना, करना है "रसिक" बस प्यार, चाहतों को करके दर किनार, मंजिलों को पाना नहीं यार....! मंजिलों को पाना नहीं यार....!
priya khushbu
अंधेरों के इशारों पर हवा भी। चराग़ों को बुझाना चाहती है।। ©priya khushbu #sagarkinare चराग़ों को बुझाना चाहती है।।
Poetess-TR
"तेरी बातों ने मुझे गुमसुम सा कर दिया" "फिर भी" ये खामोशिया कुछ कहना चाहती है, लबों को अपने ये खोलना चाहती है।। दुनिया के दीवारों को तोड़ना चाहती है, ये खामोशिया अपनी खामोशी खोलकर अपने मंजिल को पाना चाहती है।। "और " अपनी इस गुमसुमी से आज़ाद होना चाहती है।। तोड़ दो उस खामोशी को जो, तुम्हें पिंजरे में बंद रखना चाहती है।। TandulaRajAnand #तोड़ दो उस खामोशी को जो तुम्हे पिंजरे में बंद रखना चाहती है
Titkare Pratiksha Sadashiv
अब सिर्फ मे नही मेरी कविताए भी मिलना चाहती है तुम से... अब मेरे मौन कि गुंज भी बात करना चाहती है तुमसे, तेरी शिकायतों से भरे पडे मेरे किताब के पन्ने भी रूठे है सालो से मुझसे, शायद तुमसे रुबरू होकर, मेरी ही शिकायत तुमसे करना चाहते हो जैसे.... अब सिर्फ मे नही मेरी कविताए भी मिलना चाहती है तुमसे... -Pratiksha Titkare ©Titkare Pratiksha Sadashiv मेरी कविताए भी मिलना चाहती है तुम से...
Rameshkumar Mehra Mehra
जो मेरी कमियो को तुमने चुन के रखा है...! वो मुझमे देखा नही तुमने बस गौरो से सुन के रखा है........................... ©Rameshkumar Mehra Mehra # जो मेरी कमियो को तुमने चुन के रखा है......