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# विद्या ददाति विनयम

# विद्या ददाति विनयम

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Prem चौधरी

#emotionalstory विद्या ददाति विनयम 🙏🙏

#emotionalstory विद्या ददाति विनयम 🙏🙏 #समाज

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Surya Shukla

विधा ददाति विनयम

#merekanha

विधा ददाति विनयम #merekanha

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Raj-Simran

विद्या ददाति विनयम्

विद्या ददाति विनयम्

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~आचार्य परम्‌~

।।विद्वान् सर्वत्र पूज्यते ।।
मित्रों हो सकता है कि आपके साथ के कुछ लोग धन में आपसे आगे निकल जाये उनके रहन सहन रईसी हो जाये पर याद रखना अपने आप को तुम्हें ऐसा बनाना है कि वो रईस भी आकर तुम्हारे सामने भीगी बिल्ली बन जाये ये तब संभव होगा जब तुम प्रचूर मात्रा में ज्ञानार्जन करते रहोगे. विश्वास मानो साधन हीन होते हुए भी तुम में कितनों को साधन सम्पन्न बनाने की क्षमता हो सकती है ।। अतः ज्ञनावान् बनों धनवान् तो चोर लुटेरे भी होते हैं।।
                  "
 परम् भाग्यम्" विद्या ददाति विनयम्।

विद्या ददाति विनयम्। #विचार

10 Love

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HP

विद्या से विनय

महर्षि आरुणि के पुत्र श्वेतकेतु ने गुरुकुल में रहकर लगन के साथ विद्याध्ययन किया। साथ ही गुरु-सेवा से उनके कृपा पात्र भी बन गये। यद्यपि गुरु को अपने सभी शिष्य प्रिय थे तथापि अपने सेवा बल से श्वेतकेतु ने विशेषता प्राप्त करली थी। गुरु सेवा की कृपा से जहाँ उन्होंने शीघ्र ही चारों वेदों का अखण्ड ज्ञान प्राप्त कर लिया था। वहाँ गुरु की प्रशंसा और प्रियता के कारण उनमें कुछ अहंकार भी आ गया था। अपने पाण्डित्य के अभिमान में गुरु के सिवाय अन्य किसी का आदर करना ही भूल गये।

निदान श्वेतकेतु जब गुरु का आशीर्वाद और चारों वेदों का सम्पूर्ण ज्ञान लेकर घर आये तो अहंकारवश पिता को भी प्रणाम नहीं किया। उनके पिता महर्षि आरुणि को इसका बड़ा दुःख हुआ। दुःख इसलिये नहीं कि वे पुत्र के प्रणाम के भूखे थे और श्वेतुकेतु ने उन्हें प्रणाम नहीं किया। वरन् दुःख इसलिये हुआ कि पुत्र एक लम्बी अवधि के बाद जहाँ ज्ञानी वहाँ अभिमानी भी होकर आया है।

महर्षि आरुणि पुत्र की इस वृत्ति से चिन्तित हो उठे। क्योंकि वे जानते थे कि जिस विद्या के साथ विनय नहीं रहती वह न तो फलीभूत होती है और न आगे विकसित! उन्होंने पुत्र के हित में उसका यह विकार दूर करने के मन्तव्य से व्यंगपूर्वक कहा— “ऋषिवर ! आपने ऐसी कौन ज्ञान की गूढ़ पुस्तक पढ़ ली है जो गुरुजनों का आदर तक करना भूल गये। मानता हूँ आप बहुत बड़े विद्वान हो गये। चारों वेदों का ज्ञान आपने प्राप्त कर लिया है। किन्तु इसके साथ यह भी जानते होंगे कि विद्या का सच्चा स्वरूप विनय है। जब आप वही न सीख पाये विद्वान कैसे?

पिता की बात सुन कर श्वेतकेतु ने अपनी भूल अनुभव की और लज्जित होकर पिता के चरणों में गिर गये। महर्षि आरुणि ने श्वेतकेतु को उठाकर छाती से लगा लिया और कहा—”अभिमान तुम्हें नहीं, अपने पुत्र की विद्वता पर अभिमान तो मुझे होना चाहिये था।”

अखंड ज्योति 1966 विद्या से विनय

विद्या से विनय

7 Love

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Madhusudan Shrivastava

विद्यालय से ज्ञान है,
मिले ज्ञान  से  मान।
गुरुवर की पूजा करो
गुरु से होत सुजान। (1)

शिक्षा अब धंधा बना 
शिक्षा-सदन दुकान।
धर्म-कर्म सब बिक गया,
बिकता है अब ज्ञान। (2)

अनुशासन अनुराग से,
मानवता सत-शील।
ज्ञान और विज्ञान से,
है विकास गतिशील। (3)

विद्यालय की सीख से
लक्ष्य हुआ आसान।
धैर्य, धीर, सत्कर्म से,
होता है कल्यान। (4)

विद्या है वो सम्पदा,
मिले नहीं यह मोल
विद्या-धन अनमोल है
धन से इसे न तोल। (5)

मधु विद्यालय एवम विद्या

विद्यालय एवम विद्या #कविता

16 Love

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वेदों की दिशा

।। ॐ ।।
                                      वि॒द्यां चावि॑द्यां च॒ यस्तद्वेदो॒भय॑ꣳ स॒ह।
                                    अवि॑द्यया मृ॒त्युं ती॒र्त्वा वि॒द्यया॒मृत॑मश्नुते ॥१४ ॥
 पद पाठ

वि॒द्याम्। च॒। अवि॑द्याम्। च॒। यः। तत्। वेद॑। उ॒भय॑म्। स॒ह ॥ अवि॑द्यया। मृ॒त्युम्। ती॒र्त्वा। वि॒द्यया॑। अ॒मृत॑म्। अ॒श्नु॒ते॒ ॥




(यः) जो विद्वान् (विद्याम्) पूर्वोक्त विद्या (च) और उसके सम्बन्धी साधन-उपसाधनों (अविद्याम्) पूर्व कही अविद्या (च) और इसके उपयोगी साधनसमूह को और (तत्) उस ध्यानगम्य मर्म (उभयम्) इन दोनों को (सह) साथ ही (वेद) जानता है, वह (अविद्यया) शरीरादि जड़ पदार्थ समूह से किये पुरुषार्थ से (मृत्युम्) मरणदुःख के भय को (तीर्त्वा) उल्लङ्घ कर (विद्यया) आत्मा और शुद्ध अन्तःकरण के संयोग में जो धर्म उससे उत्पन्न हुए यथार्थ दर्शनरूप विद्या से (अमृतम्) नाशरहित अपने स्वरूप वा परमात्मा को (अश्नुते) प्राप्त होता है ॥


(Ie) the scholar (vidyam) aforesaid lore (f) and its related resources (avidyam) formerly said avidya (f) and its useful means and (t) that meditative heart (ubhyam), both of them (co) together  He (the Vedas) knows that (avidya) from the Purushartha of the Shariadi root matter group (death), the fear of deathliness (tirtha), (the student) in the combination of the soul and the pure conscience, the religion arising out of the real philosophy  (Amritam) is perishable in its form and God attains (Ashunate).

ईशोपनिषद मंत्र १४ #ईशोपनिषद #वेद #उपनिषद #यजुर्वेद #वेदांत #विद्या #अविद्या
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Dr.Shailendra sargam

 सरस्वती महाभागे विद्याकमल लोचनी,
विद्या रुपे विशालाक्षे विद्याम देहि नमस्तुते 🌹🙏

सरस्वती महाभागे विद्याकमल लोचनी, विद्या रुपे विशालाक्षे विद्याम देहि नमस्तुते 🌹🙏 #nojotophoto

11 Love

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मलंग

#विद्या
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YumRaaj ( MB जटाधारी )

ज्ञान विनम्रता देता है और विनम्रता पात्रता लेती है।
 योग्य होने से वह धन प्राप्त करता है, और धन से धर्म और उसके बाद सुख प्राप्त करता है।🚩

©YumRaaj ( MB जटाधारी )
  
विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम्।
पात्रत्वात्धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम्॥

अर्थ: विद्या विनय की देने वाली है, विनय से पात्रता म

विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम्। पात्रत्वात्धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम्॥ अर्थ: विद्या विनय की देने वाली है, विनय से पात्रता म #जयश्रीराम #Sanskrit #Shlok #जानकारी #sanatandharm #YumRaaj369 #hillroad

117 Views

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Abhimanyu Dwivedi

🌱🙏 *विश्वप्रार्थना*🙏🌱

हे ईश्वर ! हे परम् ब्रम्ह! हे चैतन्य बोधात्मा शिव ! सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के चराचर जीव जगत का कल्याण हो। सभी के जीवन में हर्ष, उल्लास, उत्कर्ष, उत्साह, चेतना, देशना, भक्ति ,ध्यान, योग, साधना, बोध, सदभावना, पवित्रता,दिव्यता का दिव्य ज्योतिर्मय निर्झर प्रकाशपुंज झरे। हे शिव संपूर्ण ब्रह्माण्ड के चराचर जीव जगत पर आपकी अनंत दिगंत चेतन कृपा दृष्टी सदैव बनी रहे।

*ॐ परमात्मने नमः शिव शिव शिव ॐ*

🌱 *अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त)* 🌱

©Abhimanyu Dwivedi विनय

विनय #विचार

9 Love

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Abhi

Fall in love  कर दो हवाले मुझे उस कानून के
क्यूंकि तुमने अपनी कैद से आजाद कर दिया है। #विनय
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Vinay Rana

लहजों की नवाज़िश है हम भूखों नही मरते
मरते है मोहब्बत में हम शोर नही करते।
उस सख्श से बस मेरा इतना सा फसाना  है
वो साथ जो होते है हम भोर नही करते।



। विनय राणा।। विनय

विनय

2 Love

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शा़यर बाबु

विद्या धन जिसको है भाता 
वो जीवन का हर सुख पाता
इससे तुम अब जोड़ो नाता 
बनो स्वयं का भाग्य विधाता
ये धन जो है अर्जित करता 
दुःख उसको है वर्जित रहता 
चाहे जितना कठिन समय हो 
वो उसको पल में हल करता 
चाहे दुनियां में कहीं जाओ 
विद्या कभी ना छोड़े साथ 
अपने भी धोखा देंगे पर 
विद्या कभी ना देगा मात 
विद्या से इस मानुष जीवन में 
बन जाता है ऊंची शान 
दुनियां उसको कभी न भूले 
करे जो विद्या अमृत पान
 बीत रहा ये समय देख के 
कहती है मेरी ये ज़बान
बिन विद्या अर्जित के मानव 
बन ना सकोगे कभी महान।।
------rocky babu विद्या धन

विद्या धन #कविता

10 Love

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Amruta Kulkarni

# विद्या उजळली.

# विद्या उजळली. #story

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विचार समर

अग्नि विद्या

अग्नि विद्या

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gokul

 #विद्या दायिनी

35 Love

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विनय शुक्ल 'अक्षत'

#विनय अक्षत

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Vinay Rana

राधे मतलब राधा का जिसका अपना वजूद राधा से है वो कृष्ण है,प्रेम वो है जो खुद का रहने नही देता दूसरे का होने नही देता।।
प्रेम की अपूर्णता ही प्रेम की पूर्णता है।।

।।विनय राणा।। विनय राणा

विनय राणा

5 Love

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Vinay Rana

उनकी अदाओं को क्या कहिये जनाब,
वो खत भी लिख रहा था चालान की तरह।। विनय राणा

विनय राणा

2 Love

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Vinay Rana

उनकी अदाओं को क्या कहिये जनाब,
वो खत भी लिख रहा था चालान की तरह।।



।।विनय राणा।। विनय राणा

विनय राणा

5 Love

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Vinay kaushik

 विनय कौशिक

विनय कौशिक #nojotophoto

5 Love

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vinay verma

आंखे खोल के सपना देखो कामयावि तुमहारे पास होगे ##विनय वर्मा

##विनय वर्मा

4 Love

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Vinay Kumar

हीरा जी आपने क्या! हिरा दिया,
 जो अब तलक न हो पाया किसी स्वराष्ट्र के प्रधान से,
हीराबा आपके लाल ने
वो ३७० का पहाड़ गिरा दिया॥
हीरा जी आपने क्या! हिरा दिया,
 जो अब तलक न हो पाया किसी स्वराष्ट्र के प्रधान से,
हीराबा आपके लाल ने
राम को वनवास से आवास दिला दिया॥
हीरा जी आपने क्या! हिरा दिया,
जब स्वदेश का कोना कोना तंग था
अार्थिक तंगी से, 
हीराबा आपके लाल ने
आर्थिक स्तर को सुधार दिया॥
हीरा जी आपने क्या! हिरा दिया,
 जब स्वदेश के जन जन को डर था
आतंकी धमकी से,
हीराबा आपके लाल ने
तब सर्जिकल स्ट्राइक कर 
स्वदेश जनों को बेखौफ जीना सीखा दिया॥
हीरा जी आपने क्या! हिरा दिया...✍️😔💐🙏💐🇮🇳🇮🇳

©Vinay Kumar @विनय#शायरी

@विनय#शायरी

5 Love

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Vinay Kumar

ना केवल अधरों पर तुम्हारे
आंखों में भी तब्ब़सूम दिख रही
सच कहूं तो मुझे तुम
इस फोटो में और भी मासूम दिख रही ....✍️💕💋💕

©Vinay Kumar @विनय#शायरी

@विनय#शायरी

7 Love

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Vinay Rana

राधे मतलब राधा का, जिसका अस्तितिव ही राधा पर हो वो कृष्ण है,प्रेम वो है जो खुद का होने नही देता ,दूसरे में रहने नही देता।
प्रेम की अपूर्णता ही प्रेम की पूर्णता है।

।। विनय राना।। विनय राणा

विनय राणा

5 Love

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Vinay Rana

बहुत कुछ खोना पड़ता है,किसी का जब होना पड़ता है।
फ़क़त साँसों की खातिर सफर में होना पड़ता है।
तेरे लहज़े में वो बेरुखी थी ,वो बेरुखी थी 
मुझे खुद में अखबार होना पड़ता है।।




।।विनय राणा।। विनय राणा

विनय राणा

2 Love

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