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Ganesh Din Pal
🌹🌹🌹🌹🌹 ठंड क्या कहती है ? जरा गौर से सुनिए🤔 रजाई ओढ़कर घर में रहिए । लरिका क छुअब ना, जवान लगे सग भाई, बुढ़वा का छोड़ब ना, चाहे ओढ़ैं रजाई। 🌹🌹🌹🌹🌹 ©Ganesh Din Pal #सरकाई लो खटिया जाड़ा लगे
Ek villain
दरअसल हर कोई अपने विरोधी की खटिया खड़ी करने पर तुला रहता है भले ही वह खुद गायब सामने वाला घटिया का इस्तेमाल तो दूसरी उसकी बनावट बनावट आदि के बारे में ठीक से नहीं जानता होगा चुनाव प्रचार में नेताजी बड़े जोर से कह देते हैं कि इस बार तो वे अपने दल के प्रतिनिधि की कटिया की खड़ी करके रख देंगे कुछ वर्ष पहले का इतिहास की टटोलने जब एक जनसभा के बाद उपस्थित श्रोताओं ने वहां बिछाई गई खाटू को लूट लिया था राजनीतिक पार्टी ने अपनी रैली में जरूर यह सोचकर जनता जनार्दन के लिए खटिया बिछाई होगी कि वह चुनाव में उनके निशाना वाला बटन दबाकर अपना खटिया था मगर अफसोस मतदाता खटिया ले उड़े धरतीपुत्र का जीवन का आधा जीवन खटिया पर ही उसके आसपास कट जाता है आज भी जब हम ग्रामीण क्षेत्र में जाते हैं तो सबसे पहले मेजबान हमारे लिए आते हैं फिर जलपान की व्यवस्था करते ऐसा नहीं किया जाता तो वह बहुत अपमानजनक माना जाता है सामने वाला है कि मैंने तो तेरे लिए खटिया खटिया अकेली खड़ी होने के पीछे कितना दुख था करुण रस घर के पुर्जों के अवसान के बाद गाय छतरी बिछाने के साथ एक घटिया की भी दान दी जाती है ऐसे कहा जाता है किस से संतान को बड़ा पुण्य मिलता है और मृत आत्मा को स्वर्ग में खटिया सुख नसीब होता है ©Ek villain #खटिया खड़ी करने वाली बात #Nofear
Goofy
है आदत मख़मली बिस्तर पर सोने की एक दिन गरीब की खटिया पर बैठे तो सरकार की कमर अकड़ गयी ! #आदत #मख़मली #बिस्तर #खटिया #abkahnedo #nojotohindu #nojotourdu #hindiurdu
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
🙏🌷 खटिया 🌷🙏 बहुते ही उपयोगी हईं, जे के हम खटिया कहत बानीं, कबहु बिछे ई घर के आंगन में, त कबहु बिछे दलानी। चार गो पावा चार गो पाटी, रसरी से ई बिनल जाला, जब मन करे बिछा के सुतीं जा, ईहे खटिया कहाला। एतना हलुक बाटे ई खटिया, केहू उठाके बिछावेलें, केहू बीमार पड़े त खटिये पर, हसपीटल पहुँचावेलें। जब सुतीं येह खटिया पे त, स्पंज के मजा आवेला, करबट फेरत समय ई खटिया, चूरमूर चूरमूर बाजेला। येह पर बिछाईं कौनो लेवा, या सुत जाईं चाहे अखरे, खेंच के गोड़थानी टाईट कर दीहीं,जब भी रसरी बिखरे। आपन घर में रऊरा लोगिन, जौन मन करे बिछाईं, खटिया एगो जरुर राखीं , ना त नामों निशान मिट जाईं। #काव्य_मेला #भोजपुरी_की_पाठशाला #खटिया अनिल प्रसाद सिन्हा #bestquotes5863
Madhusudan Shrivastava
मेरी तल्खीयत, तुमको बुरी लगे तो लगे। मेरी यह सादगी तुमको बुरी लगे तो लगे। पैरोकार मैं आवारगी का बन नहीं सकता। मेरी पाकीज़गी, तुमको बुरी लगे तो लगे। मेरी मौजूदगी जाहिर है जिम्मेदारी है, मेरी मौजूदगी, तुमको बुरी लगे तो लगे। अरे!आवारगी में शर्म-ओ-हया बेचने वालों, मेरी आजुर्दगी तुमको बुरी लगे तो लगे। बुराई मेरी करने से, बुरा मैं हो नहीं सकता। मेरी यह उम्दगी तुमको बुरी लगे तो लगे। तल्खीयत - कटुतापन आजुर्दगी - रंज, दुःख उम्दगी - अच्छापन 'मधु' बुरी लगे तो लगे