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CK JOHNY
अतीत का शहर चलो ओढ़ कर यादें हकीकत के पलंग पर सो जाते हैं पकड़ कर वादों की ट्रेन अतीत के शहर हो आते हैं। तुम प्यार से निहारो मैं सामने बैठ ताकता रहूँ तुम्हें तुम पे लिखा कालजयी प्रेम गीत संग संग गुनगुनाते हैं। तुम्हें बड़ा होने की जल्दी थी और मुझे कुछ बड़ा करने की बहुत खुशनुमा थी जिंदगी जो इक साथ है गुजरी बाकी बची जिंदगी बचपन सी मासूमियत से गुजार लेते हैं। क्या याद है तुमको कागज गत्ते पर खाने बना कर इमली के बीजों को घिस के पासे हम बनाते थे घण्टों गीटे कंचे ताश खेल कर एक साथ समय बिताते थे। चलो छुप जाओ तुम हम फिर से ढूँढूगे अपना बचपन आँख मिचौली खो खो पिट्ठू गर्म का खेल फिर सजाते हैं। चलो ओढ़ कर यादें हकीकत के पलंग पर सो जाते हैं पकड़ कर वादों की ट्रेन अतीत के शहर हो आते हैं। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ अतीत का शहर
vinod agyani
हौले-हौले जब गुलशन में,हवा चली कुछ गुजरी बातें,फूलों से पता चलीं। गुलशन की रौनक तब से ही गायब है कली छोड,डाली का जब से साथ चली। @अज्ञानी अतीत का प्रतिबिंब
Gyan Prakash Yadav
एक वृद्धजन को देखा जिसकी आंखे नम हो रही थी सवाल कई जो जहन में उठ रहे पीड़ा,ख्वाइश या अतीत या कुछ और शायद अतीत। अतीत का सफर करती उन आंखों को देखा बीते लम्हों को याद करते देखा; आम की बगिया ,नीमियां की छांव दो वृक्ष और खेल के कई दांव कंधो पर बस्ता ,थोड़ी दूर का रस्ता घर आ जाते जल्दी न कोई गम था, न कोई शिकन कितना अच्छा लम्हा था, कितनी अच्छी थी वो बचपन की जिंदगी।। तभी बालक दादाजी के पास आया मौन अधर, छोटी मुस्कान दरीचो से झांकते आंसू अब कोई सवाल नही न ही दिखेंगे सिर्फ दो मुस्कान और कुछ नही।। ©Gyan Prakash Yadav #akelapan अतीत का सफर
B
यूंही पगडंडियों में चलते चलते राह का किनारा मिल गया, देर से ही सही आगे जाने का सहारा मिल गया, दूर चलते चलते, कुछ नग्मे गाते गाते एक बसेरा मिल गया, पहुंच वाहा मुझे, पीछे छोड़ चुकी यादों का पिटारा मिल गया, वक्त से जंग थी मेरी और मेरे ही अतीत का आइना मिल गया। ©B #अतीत का आइना #BatBall
Sneh Prem Chand
काश कोई योग गुरु ऐसा भी होता जो हमें ऐसा अनुलोम विलोम करना सिखा देता, जिसमें अंदर सांस लेते हुए संग प्रेम,सौहार्द,अपनत्व और स्नेह ले जाएं, और बाहर सांस छोड़ते हुए अपने भीतर के ईर्ष्या,द्वेष, अहंकार,क्रोध,लोभ,काम सब छोड़ देवें।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand अनुलोम विलोम #Hope
Kishor Jangra
हम सब यहाँ किसी खास वजह से है अपने अतीत के कैदी बनना छोड़िए. अपने भविष्य के निर्माता बनिए अतीत का पछतावा न करे