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VINOD VANDEMATRAM
कुदरत की है ये कारीगरी, जो समझ पाया इंसान कभी। हद में रहना सीख लें मानव वरना. . . . कुदरत भी करती तांडव॥ 🙏शिक्षा🙏- प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग करें। 🙏vTp🙏 ©VINOD VANDEMATRAM #vTp प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग करें।
Satya Prakash Upadhyay
किसी रोज़ छॉंव की तलाश में लगेंगी कतारें पाने को छांव,उमड़ पड़ेंगे गाँव के गाँव न बचेगी प्राकृतिक सुंदरता शीतलता मिलेगी बस एक हीं ठाँव गरीबों में होगी प्रतियोगिता सेठ लगाएँगे और ऊँचे भाव वृद्ध बीमार को न होगी प्राथमिकता जाओ भले तुम मर हीं जाव शक्तिशाली का ज़ोर चलेगा कमजोर बस पटकेंगे पाँव बच्चों का विकास न होगा मानवता की कैसे पार होगी नाव अब भी समय है सुधार करें हम न लगाएं पकृति पर गहरे घाव प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का प्रयास करने सब मिल आओ लगेंगी कतारें पाने को छांव,उमड़ पड़ेंगे गाँव के गाँव न बचेगी प्राकृतिक सुंदरता शीतलता मिलेगी बस एक हीं ठाँव गरीबों में होगी प्रतियोगिता सेठ ल
Mularam Bana
#पर्यावरण का मतलब है सभी प्राकृतिक परिवेश जैसे की भूमि, वायु, जल, पौधें, पशु, ठोस सामग्री, कचरा, धूप, जंगल और अन्य वस्तु। स्वस्थ वातावरण प्र
अभिलाष सोनी
ऐ इंसान तू क्या इस प्रकृति का विकास करेगा। तुझको तो मैंने देख लिया, तू हरपल ही विनाश करेगा। तेरे जरूरतें कभी पूरी ना होंगी, तू न कभी विश्वा
*Nee₹
#ImShockedTodaySomebodyFoundPositiveFromCovid-19 NearMeDespiteTakingPrecautionsByThem #YoLeWriMo आज फिर से इस बात का ‘आभास’ हो गया कि ‘पृथ्वी गोल’ है, चाहे जिस भी बिंदु से प्रारंभ करें, वहीं आकर ठहरने को ‘विवश’ हो जाते हैं, ‘मानव’ को अपनी सीमाओं का ‘भान’ होना चाहिए, यदि वह अपनी ‘सीमाएँ’ लांघेगा तो ‘प्रकृति’ भी उसके किसी भी ‘बंधन’ में ‘जकड़-कर’ नहीं रहेगी । अब तक ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ‘मानव’ ने स्वयं के चारों ओर सुरक्षा ‘घेरा’ निर्मित कर लिया है किंतु ऐसा नहीं है ‘मानव’ को अपनी ‘सोच’ पर घेरा डालना होगा जो ‘प्राकृतिक’ ‘संसाधनों’ के ‘अति’ ‘दोहन’ करने की मंशा से ‘प्रकृति’ को अपने ‘अधीन’ घेरने की चेष्टा करता आया है । चाहे कितनी भी दूरी बनाएं हम, किंतु जब तक निरंतर ऐसी ‘भूल’ करने से ‘दूरी’ न बना लें तब तक हम यूं ही कहीं न कहीं सदैव उन्हीं भूलों से वापस टकराते ही रहेंगे, उस समय बहुत ‘देर’ हो चुकी होगी और ‘मानव’ प्रजाति की ओर से हुईं वे ‘भूल’ ऐसे विराट ‘अपराध’ का रूप ले चुकी होंगी जिसकी ‘क्षमा-याचना’ भी ‘प्रकृति’ को कभी मान्य न होगी ।। #Covid19 #covid19india #nature #humanbeing #yourquotehindi #yourquotebaba ImShockedTodaySomebodyFoundPositiveFromCovid-19NearMeDespiteTaki
Sangeeta Patidar
माँ की ममता से कम नहीं, पावन धरती का भी दुलार, लेकर सबक, बचा लो इसे, रखो सुंदरता भी बरकरार।। रखोगे जो ख़याल धरती का, तब ही तो जीवन भी पाओगे, मिलकर ही सब संभालो इसे, अब हो थोड़ा उसे भी एतबार।। रचना विषय - ' पावन धरती' 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूर्ण करें। आज पृथ्वी दिवस के अवसर पर हिन्दी काव्य कोश आप सभी को अत्यन्त ही सुन्दर विषय
kavi manish mann
ये उन दिनों की बात है जब आधुनिकता न आई थी। इस पावन धरती में खूब, हरियाली छाई थी। कल कल करती नदियांँ बहती, झरने शोर मचाते थे। कलरव करते पंँछी सारे, जानवर दौड़ मचाते थे। पृथ्वी की छटा निराली थी, वन बहुत घनेरे थे। न प्रकृति का दोहन होता था, न ऐसे कोई फेरे थे। न भूकंप का डर था, न वायरस का कोई खतरा था। बेमौसम बरसात न होती, न पानी का कोई लफड़ा था। रचना विषय - ' पावन धरती' 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूर्ण करें। आज पृथ्वी दिवस के अवसर पर हिन्दी काव्य कोश आप सभी को अत्यन्त ही सुन्दर विषय
Shubham Gupta😊
हरी भरी पावन धरती हमको मिली उपहार में पर हमने जकड़ लिया उसको अपने अधिकार में अपनी आकांक्षाओं की खातिर इससे है खिलवाड़ किया हरी भरी इसकी गोद को विकास के नाम पर उजाड़ दिया तड़प तड़प के इस धरती ने फिर ईश्वर को पुकारा है उस ईश्वर ने रच के व्यूह फिर तुझको आज फंसाया है न समझ खुद को तू राजा न तू राजधानी में आया है ऐ मानव, तू इस दुनियां में बस मेहमानी में आया है।। #विश्व_पृथ्वी_दिवस रचना विषय - ' पावन धरती' 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूर्ण करें। आज पृथ्वी दिवस के अवसर पर हिन्दी काव्य कोश आप सभी को अत्यन्त ही सुन्दर विषय
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
पवित्र, पाक, पुनीत, पावन है हमारे देश की धरती, अनेकों दुख सहकर भी सभी के क्षुधा तृप्त करती। साधु संतों, बलिदानियों का है देश हमारा भारती, जहाँ मस्जिदों में अज़ान, मंदिरों में होती है आरती। जहाँ नदियों का संगम जिसकी अपनी है संस्कृति, राम, कृष्ण, नानक, बुद्ध, गाँधी, दयानन्द सरस्वती। ये धरती तमाम महापुरुषों के चरणों को पखारती, मैंने इस धरती पर जन्म लिया ये मेरी खुशकिस्मती। रचना विषय - ' पावन धरती' 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूर्ण करें। आज पृथ्वी दिवस के अवसर पर हिन्दी काव्य कोश आप सभी को अत्यन्त ही सुन्दर विषय
Sudha Tripathi
Environment हमें इन छोटी बातों को अमल करना चाहिए 1. जन्मदिन या यादगार क्षण में पेड़ लगाकर यादगार बनाएं अर्थात वृक्षारोपण करें 2. बिजली का उपयोग कम से कम करें रूम से निकलते ही पंखे लाइट की स्विच बंद कर दें एसी का टेंपरेचर हमेशा 25 से 28 डिग्री पर सेट करें 3. जल का दुरुपयोग नहीं करें ब्रश करते समय नल खुला न छोड़ें, पोछा के बाद पानी पौधे में डालें, चावल दाल सब्जी धोने के बाद पानी पौधे में डालें, नल को टपकने ना दे, टंकी को बहने ना दे, शावर की जगह बाल्टी का प्रयोग करें, सार्वजनिक नलों को बहते देखकर नल बंद करें, पीने का पानी छोटे ग्लास में दें ताकि पानी बर्बाद ना हो 4. धूम्रपान की लत को छोड़ें, वाहन का ख्याल रखें, समय-समय पर पर्यावरण प्रदूषण की जांच कराएं, ट्रैफिक सिग्नल पर या कहीं भी देर तक रुकना हो तो गाड़ी का इंजन बंद कर दें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें 5. पॉलीथिन का प्रयोग ना करें, पॉलीथिन के साथ खाना ना फेंके 6. कम से कम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करें, पुनरावृति करना और पुनः उपयोग करना सीखें 7. नवीन प्रौद्योगिकी का उपयोग करें 8. नई पीढ़ी को प्रकृति पर्यावरण और पेड़ पौधे का महत्व समझाए 9. जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखें 10. वन्य जीव का संरक्षण करें ©Sudha Tripathi #EnvironmentDay2021 Pushpvritiya Bobby(Broken heart) Yogendra Nath Rajesh rajak vks Siyag हमें इन छोटी बातों को अमल करना चाहिए 1. जन्मदिन