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अवधू प्रिया

लोभान #विचार

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कुछ लम्हें ज़िन्दगी के

सादगी ए समुन्दर तेरा रकबा क्या है । ये खुदा ही जाने मुझमें जस्बा क्या है । खुदाया शुक्र है तैराकी इक हुनर है इस हुनर की मुझे पता सज़ा क्या #Poetry #सतिन्दर #shyari #satinder #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #समुंदर

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सादगी ए समुन्दर तेरा रकबा क्या है ।
ये खुदा ही जाने मुझमें जस्बा क्या है । 

खुदाया शुक्र है तैराकी इक हुनर है
इस हुनर की मुझे पता सज़ा क्या है । 

जब हो हर तरफ़ रोशनी ही रोशनी
तो बोलो सादगी से बड़ी क़ज़ा क्या है ।

लोभान जल रहा है मुझमें भी ज़िन्दगी ।
पर सादगी-ए-ख़ुशबू का मज़ा क्या है । 

रूहानी ख़ुशबू तवज्जो की मोहताज नहीं ।
सीधी साधी ख़ुशबू का ये किस्सा क्या है । 

चूमना है इक दिन उसके मथ्थे को 
हसरतों का मुझ पर ये कब्ज़ा क्या है । 

हर किसी में बस ज़िन्दगी तलाशता हूँ
राम जाने सतिन्दर को फबता क्या है ? 

©️✍️ सतिन्दर सादगी ए समुन्दर तेरा रकबा क्या है ।
ये खुदा ही जाने मुझमें जस्बा क्या है । 

खुदाया शुक्र है तैराकी इक हुनर है
इस हुनर की मुझे पता सज़ा क्या

Harshita Dawar

दुनिया हमारे मुताबिक़ कहाँ चलती है। अफ़सोसहुआ collab yqdidi YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Collaborating with Neha Ma

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Written by Harshita Dawar ✍️✍️
#Jazzbaat#
अफसोस किस बात का ।
जो हुआ वो क्यों हुए।
जो हो रहा है वो क्यों हो रहा है।
या जो होगा वो क्यों होगा।
अफसोस में नहीं करती ।
पर इस बात का अफसोस रहेगा ।
जो हुआ क्या वो मेरी किस्मत के किस पन्नो पर लिखा था।
उन पन्नो हो जलाकर रख करदेना ।वो यादों को मिटा कर ।
मीठी यादों के सहारे जीना चाहती हूं।
फिर हस्ना चाहती हूं ।अफसोस नहीं ।
दिल खुश रहने चाहती हूं।
दिल से चाहना चाहती हूं।
मेरी बेटी को सारी खुशियां देना चाहती हूं।
बस दिल में अफसोस नहीं ।
दिल लोभाना चाहती हूं।
कुछ बनना चाहती हूं।कुछ बनना चाहती हूं।
 दुनिया हमारे मुताबिक़ कहाँ चलती है।
#अफ़सोसहुआ #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
Collaborating with Neha Ma

OMG INDIA WORLD

दुनिया लेके बैठी थी *परमाणु* और ठोक गया एक *कीटाणु* 🤣🤣🤣🤣🤣🤣😂🤣: कल रात सपने में आया कोरोना.... उसे देख जो मैं डरा... 😢 तो मुस्कुरा 😊 के बोला #समाज #lockdown2021

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दुनिया लेके बैठी थी *परमाणु*
और ठोक गया एक *कीटाणु* 
🤣🤣🤣🤣🤣🤣😂🤣: कल रात सपने में आया कोरोना....
उसे देख जो मैं डरा... 😢
तो मुस्कुरा 😊 के बोला :-- मुझसे डरो ना...।।
कितनी अच्छी है तुम्हारी संस्कृति...
न चूमते, न गले लगाते...
दोनों हाथ जोड़ कर तुम स्वागत करते...।।
वही करो ना...
मुझसे डरो ना...।

🌺🌺🌺🌺🌺🌺

कहाँ से सीखा तुमने ??
रूम स्प्रे, बॉडी स्प्रे...
पहले तो तुम धूप, दीप, कपूर, अगरबत्ती, लोभान जलाते...
वही करो ना...
मुझसे डरो ना...।।।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺
शुरू से तुम्हें सिखाया गया... 
अच्छे से हाथ पैर धोकर घर में घुसो...
मत भूलो अपनी संस्कृति...
वही करो ना...
मुझसे डरो ना...।।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सादा भोजन उच्च विचार...
यही तो है तेरे संस्कार...
उन्हें छोड़ जंक फूड फ़ास्ट फूड के चक्कर में पड़ो ना...
मुझसे डरो ना...।।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺
शुरू से ही पशु पक्षियों को पाला पोसा प्यार दिया... 
रक्षण की है तुम्हारी संस्कृति...,
उनका भक्षण करो ना...
मुझसे डरो ना... ।।

🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कल रात सपने में आया 
*कोरोना...* 
बोला... 
अपनी संस्कृति का ही पालन करो ना...
*मुझसे डरो ना...* ।।।।।

©OMG INDIA WORLD दुनिया लेके बैठी थी *परमाणु*
और ठोक गया एक *कीटाणु* 
🤣🤣🤣🤣🤣🤣😂🤣: कल रात सपने में आया कोरोना....
उसे देख जो मैं डरा... 😢
तो मुस्कुरा 😊 के बोला

KP EDUCATION HD

इस पर्व का संबंध शिव जी से है और 'हर' शिव जी का नाम हैं इसलिए हरतालिका तीज अधिक उपयुक्त है. महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत रखने का संकल्प लेती ह #astrologynormal

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KP NEWS HD कंवरपाल प्रजापति समाज ओबीसी for the

©KP NEWS HD इस पर्व का संबंध शिव जी से है और 'हर' शिव जी का नाम हैं इसलिए हरतालिका तीज अधिक उपयुक्त है. महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत रखने का संकल्प लेती ह

N S Yadav GoldMine

अध्याय 3 : कर्मयोग श्लोका 41 तस्मात्त्वमिन्द्रियाण्यादौ नियम्य भरतर्षभ। पाप्मानं प्रजहि ह्येनं ज्ञानविज्ञाननाशनम्।। अर्थ :- {Bolo Ji Radhey #जानकारी

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Vikas Sharma Shivaaya'

सुंदरकांड दोहा – 2 सुरसा, हनुमानजी को प्रणाम करके चली जाती है:- राम काजु सबु करिहहु तुम्ह बल बुद्धि निधान। आसिष देइ गई #समाज

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सुंदरकांड
                    दोहा – 2

सुरसा, हनुमानजी को प्रणाम करके चली जाती है:-
राम काजु सबु करिहहु तुम्ह बल बुद्धि निधान।
आसिष देइ गई सो हरषि चलेउ हनुमान ॥2॥
तुम बल और बुद्धि के भण्डार हो,सो श्रीरामचंद्रजी के सब कार्य सिद्ध करोगे-ऐसे आशीर्वाद देकर, सुरसा तो अपने घर को चली,और हनुमानजी प्रसन्न होकर, लंका की ओर चले ॥2॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम

मायावी राक्षस का प्रसंग:-
समुद्र में छाया पकड़ने वाला राक्षस निसिचरि एक सिंधु महुँ रहई।
करि माया नभु के खग गहई॥
जीव जंतु जे गगन उड़ाहीं।
जल बिलोकि तिन्ह कै परिछाहीं॥1॥
समुद्र के अन्दर एक राक्षस रहता था- वह माया करके आकाश मे उड़ते हुए पक्षी और जंतुओको पकड़ लिया करता था ,जो जीव जन्तु आकाश में उड़कर जाता,उसकी परछाई जल में देखकर परछाई को जल में पकड़ लेता॥

हनुमानजी ने मायावी राक्षस के छल को पहचाना
गहइ छाहँ सक सो न उड़ाई।
एहि बिधि सदा गगनचर खाई॥
सोइ छल हनूमान कहँ कीन्हा।
तासु कपटु कपि तुरतहिं चीन्हा॥2
परछाई को जल में पकड़ लेता,
जिससे वह जीव  जंतु फिर वहा से सरक नहीं सकता-इस तरह वह हमेशा, आकाश मे उड़ने वाले जीव जन्तुओ को खाया करता,उसने वही कपट हनुमान् जी से किया।/-हनुमान् जी ने उसका वह छल तुरंत पहचान लिया॥

हनुमानजी समुद्र के पार पहुंचे:-
ताहि मारि मारुतसुत बीरा।
बारिधि पार गयउ मतिधीरा॥
तहाँ जाइ देखी बन सोभा।
गुंजत चंचरीक मधु लोभा॥3॥
धीर बुद्धिवाले पवनपुत्र वीर हनुमानजी
उसे मारकर समुद्र के पार उतर गए- वहा जाकर हनुमानजी वन की शोभा देखते है कि भँवरे मधु (पुष्प रस) के लोभसे गुंजार कर रहे है॥

हनुमानजी लंका पहुंचे:
नाना तरु फल फूल सुहाए।
खग मृग बृंद देखि मन भाए॥
सैल बिसाल देखि एक आगें।
ता पर धाइ चढ़ेउ भय त्यागें॥4॥
अनेक प्रकार के वृक्ष, फल और फूलोसे शोभायमान हो रहे है-पक्षी और हिरणोंका झुंड देखकर तो वे मन मे बहुत ही प्रसन्न हुए॥वहां सामने हनुमानजी एक बड़ा विशाल पर्वत देखकर,निर्भय होकर उस पहाड़ पर कूदकर चढ़ बैठे॥

भगवान् शंकर पार्वतीजी को श्रीराम की महिमा बताते है:-
उमा न कछु कपि कै अधिकाई।
प्रभु प्रताप जो कालहि खाई॥
गिरि पर चढ़ि लंका तेहिं देखी।
कहि न जाइ अति दुर्ग बिसेषी॥5॥
भगवान् शंकर पार्वतीजी से कहते है कि हे पार्वती! इसमें हनुमान की कुछ भी अधिकता नहीं है।यह तो केवल रामचन्द्रजीके ही प्रताप का प्रभाव है कि,जो काल को भी खा जाता है॥
पर्वत पर चढ़कर हनुमानजी ने लंका को देखा,तो वह ऐसी बड़ी दुर्गम है की,
जिसके विषय में कुछ कहा नहीं जा सकता॥
.....आगे शनिवार को .....,

विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 56 से 66 नाम 🙏
56 शाश्वतः जो सब काल में हो
57 कृष्णः जिसका वर्ण श्याम हो
58 लोहिताक्षः जिनके नेत्र लाल हों
59 प्रतर्दनः जो प्रलयकाल में प्राणियों का संहार करते हैं
60 प्रभूतस् जो ज्ञान, ऐश्वर्य आदि गुणों से संपन्न हैं
61 त्रिकाकुब्धाम ऊपर, नीचे और मध्य तीनो दिशाओं के धाम हैं
62 पवित्रम् जो पवित्र करे
63 मंगलं-परम् जो सबसे उत्तम है और समस्त अशुभों को दूर करता है
64 ईशानः सर्वभूतों के नियंता
65 प्राणदः प्राणो को देने वाले
66 प्राणः जो सदा जीवित है

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सुंदरकांड
                    दोहा – 2

सुरसा, हनुमानजी को प्रणाम करके चली जाती है:-
राम काजु सबु करिहहु तुम्ह बल बुद्धि निधान।
आसिष देइ गई

i am Voiceofdehati

“जिहाद” एक परिचय-- हिंदुओं को संदेश--- "#जिहाद अचानक नही होता" ये बहुत धीरे धीरे होने वाली प्रक्रिया है जिसमे पहले काफिरो (हिन्दुओ ) की ताक #hindutva #yqdidi #गजवा_ए_हिंद #yqsnatni #हामिद_अंसारी #दलगत_राजनीति #राष्ट्र_सुरक्षित_तो_हम_सुरक्षित

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“जिहाद" कैसे होता है?

 (पढ़ें 👉 अनुशीर्षक में) “जिहाद” एक परिचय--
हिंदुओं को संदेश---
"#जिहाद अचानक नही होता"

ये बहुत धीरे धीरे होने वाली प्रक्रिया है जिसमे पहले काफिरो (हिन्दुओ ) की ताक

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 5 – अक्रोध 'क्रोधं कामविवर्जनात्' हम सब उन्हें दादा कहते थे। सचमुच वे हमारे दादा -

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10

।।श्री हरिः।।
5 – अक्रोध

'क्रोधं कामविवर्जनात्'

हम सब उन्हें दादा कहते थे। सचमुच वे हमारे दादा -

deepu singh

लोढ़ा #कॉमेडी

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