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N S Yadav GoldMine
कब से शुरू हो रहे पितृ पक्ष? जानें महत्व व श्राद्ध की संपूर्ण तिथियां ऐसा माना जाता है कि इससे देवता प्रसन्न होते हैं पढ़िए !! 🍎🍎 पितृपक्ष :-🍉 भाद्रपद की पूर्णिमा और अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पितृ पक्ष कहते हैं। वर्ष 2022 में पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 (शनिवार) से शुरू होकर 25 सितंबर 2022 (रविवार) तक रहेगा। ब्रह्मपुराण के अनुसार मनुष्य को देवताओं की पूजा करने से पहले अपने पूर्वजों की पूजा करनी चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे देवता प्रसन्न होते हैं। 🍉 इसी वजह से भारतीय समाज में बड़ों का सम्मान और मरणोपरांत पूजा की जाती है। ये प्रसाद श्राद्ध के रूप में होते हैं जो पितृपक्ष में पड़ने वाली मृत्यु तिथि (तारीख) को किया जाता है और यदि तिथि ज्ञात नहीं है, तो अश्विन अमावस्या की पूजा की जा सकती है जिसे सर्व प्रभु अमावस्या भी कहा जाता है। श्राद्ध के दिन हम तर्पण करके अपने पूर्वजों का स्मरण करते हैं और ब्राह्मणों या जरूरतमंद लोगों को भोजन और दक्षिणा अर्पित करते हैं। पितृपक्ष का महत्व :-🍉 हिंदू धर्म के अनुसार, पूर्वजों की तीन पीढ़ियों की आत्माएं पितृलोक में निवास करती हैं, जो स्वर्ग और पृथ्वी के बीच का स्थान माना जाता है। हिंदु महत्व यह क्षेत्र मृत्यु के देवता यम द्वारा शासित है, जो एक मरते हुए व्यक्ति की आत्मा को पृथ्वी से पितृलोक तक ले जाता है। जब अगली पीढ़ी का व्यक्ति मर जाता है, तो पहली पीढ़ी स्वर्ग में जाती है और भगवान के साथ फिर से मिल जाती है, इसलिए श्राद्ध का प्रसाद नहीं दिया जाता है। इस प्रकार पितृलोक में केवल तीन पीढ़ियों को श्राद्ध संस्कार दिया जाता है, जिसमें यम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पवित्र हिंदू ग्रंथों के अनुसार, पितृ पक्ष की शुरुआत में, सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है। श्राद्ध से जुड़ी पौराणिक कथा :-🍉 जब महाभारत युद्ध में महान दाता कर्ण की मृत्यु हुई, तो उसकी आत्मा स्वर्ग चली गई, जहां उसे भोजन के रूप में सोना और रत्न चढ़ाए गए। हालांकि, कर्ण को खाने के लिए वास्तविक भोजन की आवश्यकता थी और स्वर्ग के स्वामी इंद्र से भोजन के रूप में सोने परोसने का कारण पूछा। इंद्र ने कर्ण से कहा कि उसने जीवन भर सोना दान किया था, लेकिन श्राद्ध में अपने पूर्वजों को कभी भोजन नहीं दिया था। कर्ण ने कहा कि चूंकि वह अपने पूर्वजों से अनभिज्ञ था, इसलिए उसने कभी भी उसकी याद में कुछ भी दान नहीं किया। संशोधन करने के लिए, कर्ण को 15 दिनों की अवधि के लिए पृथ्वी पर लौटने की अनुमति दी गई, ताकि वह श्राद्ध कर सके और उनकी स्मृति में भोजन और पानी का दान कर सके। इस काल को अब पितृ पक्ष के नाम से जाना जाता है। पितृ पक्ष में श्राद्ध 2022 की तिथियां:-शनिवार, 10 सितंबर 2022: पूर्णिमा श्राद्ध, भाद्रपद माह, शुक्ल पूर्णिमा, शनिवार, 10 सितंबर 2022: प्रतिपदा श्राद्ध, अश्विन माह, कृष्ण प्रतिपदा, रविवार, 11 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्णा द्वितीया सोमवार, 12 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण तृतीया मंगलवार, 13 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण चतुर्थी बुधवार, 14 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण पंचमी,गुरुवार 15 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण षष्ठी, शुक्रवार, 16 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण सप्तमी रविवार, 18 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण अष्टमी, सोमवार, 19 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण नवमी, मंगलवार, 20 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण दशमी बुधवार, 21 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण एकादशी, गुरुवार, 22 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण द्वादशी, शुक्रवार, 23 सितंबर 2022:अश्विन माह, कृष्ण त्रयोदशी शनिवार, 24 सितंबर 2022:अश्विन माह, कृष्ण चतुर्दशी,रविवार, 25 सितंबर 2022: अश्विन माह, कृष्ण अमावस्या... आप सब के लिए मेहनत के लिए Like तो बनता हैं।। जय श्री कृष्ण, जय श्री राधे।। ©N S Yadav GoldMine कब से शुरू हो रहे पितृ पक्ष? जानें महत्व व श्राद्ध की संपूर्ण तिथियां ऐसा माना जाता है कि इससे देवता प्रसन्न होते हैं पढ़िए !! 🍎🍎 पितृपक्ष :
Shree
कैसा इतिहास दिया? /caption/ वो उन्मत्त भोग-विलास से... द्यूत-क्रिड़ा में प्रतिष्ठा का दांव खेल रहे, वो रानी, प्रिया, कोई बेटी असहाय बिलखती रही भरी सभा!! तन सारे वो त
kesaravinash
कुछ वर्षों पूर्व तुम चली गई तो सूना पड़ गया संसार। गया था कल तेरे द्वार! उग आए हैं कब्र पर तेरे कुछ भटकते बीजों के भविष्य, कुछ झार- झंखार! पूछा मेरे बेटे ने - कहां हैं दादी? यहां तो झार है, झंखार हैं, सब जगह खार ही खार है। मैंने कहा - बेटे, असुंदर से ही सुन्दर जन्म लेता है। ये जो पेड़ हैं तेरी दादी हैं, हम डार हैं, तुम पात हो, तेरे बच्चे फूल होंगे, और उनके बच्चे फल! और ऐसे ही चलता रहेगा यह संसार। ये झार, ये झंखार, ये पेड़, ये डार! सब, हां, सब! हमारे ही तो हैं परिवार!! पीढ़ियां
Surendra Sharma
Jai shri radhey Krishna राधा तू बडभगिनी कौन तपस्या कीन तीन लोक तारन तरन सो तोरे आधीन
लेखक ओझा
उन सीढ़ियों से ऐसे उतर रही हो जैसे जिंदगी में थक गई हो पर लिबास चमक रहे है क्या अंदर से दहक रही हो।। ©लेखक ओझा सीढ़ियों से
Sanjeev Suman
मेहनत सीढ़ियों की तरह होती है और भाग्य लिफ्ट की तरह लिफ्ट तो किसी भी समय बंद हो सकती है पर सीढ़िया हमेशा ऊंचाई की ओर ही ले जाती हैं..! ©Sanjeev Suman #StandProud #मेहनत सीढ़ियों
Jagdish Bhai
पने विषय में बताता है … यहोवा उसके सामने होकर यों प्रचार करता हुआ चला, “ यहोवा, यहोवा, ईश्वर दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवन्त, और अति करुणामय और सत्य, हज़ारों पीढ़ियों तक निरन्तर करुणा करनेवाला, अधर्म और अपराध और पाप का क्षमा करनेवाला है ©Jagdish Bhai हज़ारों पीढ़ियों तक निरन्तर करुणा करनेवाला
ranjit Kumar rathour
असह्य पीड़ा ********** कितना डरा हुआ हूं मैं, वो ,हम.... स...ब। सारे के सारे जानते हो क्यों यहाँ,वहाँ ,जहां में जा रहे लोग मारे हर कोई आक्रांत है,भय,डर,पीड़ा से निर्बल घरों में... हारे बदहवास हर कोई सड़क,दवाखाना,अस्पताल में बेसुध खड़ा पड़ा सा रे सांसों का थमना बारी बारी,जारी न हो कोई अपना भी रे खत्म नही हो रही,चाहत हो नही,कही पारी मेरा भी न रे सोचा नही था कभीवक्त,सख्त इतना होगा कि हर दरख़्त से उनका शाख मिले कटा सा रे हर दरख़्त से शाख उनका कटा सा रे। दर्द ये पीढ़ियों तक सालेगा आयी थी एक हवा गिरा था पेड़ मेरा और मेरे पास ,पड़ोस और मुहल्ले का रे ©ranjit Kumar rathour पीढियों का दर्द #COVIDVaccine
Babli BhatiBaisla
ख्वाबों की दुनिया में है ख्वाहिशों की बेड़ियां बेड़ियों को तोड़ती हैं आजमाइशों की सीढ़ियां सिर्फ सोचना और बड़बोलना है बात कोरी खोखली पुरजोर कोशिशों की चाबी से तू खोल खुशियों की बेड़ियां अपनी मेहनत से चढ़ते जाना है तुझे बुलंदियों की सीढ़ियां बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla सीढ़ियां