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Miss poojanshi

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VEER NIRVEL

#उफफ़.. उल्लू को भी उल्लू की पठ्ठी मिल गई, हमारी पता नहीं कहां रास्ता भटक गई... #𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛

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#उफफ़..
उल्लू को भी उल्लू की पठ्ठी मिल गई,
हमारी पता नहीं कहां रास्ता भटक गई...
#𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛

©VEER NIRVEL #उफफ़..
उल्लू को भी उल्लू की पठ्ठी मिल गई,
हमारी पता नहीं कहां रास्ता भटक गई...
#𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛

VEER NIRVEL

#उफफ़.. उल्लू को भी उल्लू की पठ्ठी मिल गई, हमारी पता नहीं कहां रास्ता भटक गई... #𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛 #शायरी

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#उफफ़..
उल्लू को भी उल्लू की पठ्ठी मिल गई,
हमारी पता नहीं कहां रास्ता भटक गई...
#𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛

©VEER NIRVEL #उफफ़..
उल्लू को भी उल्लू की पठ्ठी मिल गई,
हमारी पता नहीं कहां रास्ता भटक गई...
#𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛

Eklakh Ansari

आँख उठ्ठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली दिल का सौदा हुआ चाँदनी रात में......... #FanaBulandshahri #EklakhAnsari

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Rahul Khan

आंख उठ्ठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली दिल का सौदा हुआ चांदनी रात मे #Rahulkhan

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आंख उठ्ठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली

दिल का सौदा हुआ चांदनी रात मे आंख उठ्ठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली

दिल का सौदा हुआ चांदनी रात मे
#Rahulkhan

अमन त्रिपाठी

ना जाने कितनों ने ठुकराया पर जैसा भी हूँ मेरा हूँ अंधेरों की भट्ठी में निखरा मैं वो उजला सवेरा हूँ #Life #Poetry #Shayari #story #erotica

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ना जाने कितनों ने ठुकराया पर जैसा भी हूँ मेरा हूँ
अंधेरों की भट्ठी में निखरा मैं वो उजला सवेरा हूँ ना जाने कितनों ने ठुकराया पर जैसा भी  हूँ मेरा हूँ
अंधेरों की भट्ठी में निखरा मैं वो उजला सवेरा हूँ
#life #poetry #shayari #story
#erotica

Aacky Verma

मौसम कुछ ऐसा है सुहाना सा ऐसा लगे जैसे कुछ पहचाना सा उन वादियों की ख़ुशबू फिर महक उठ्ठी है जिनके लिए बिताया लम्हा हो गया था अंजाना सा www.a #ghazal #mountain #Shayari #khusboo #sayari #lamha #mahak #mosham #aackyshayari

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Rakesh frnds4ever

#उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनि #जीवन #मनुष्य #दुनिया #ज़िन्दगी #ज़िन्दगी #रिश्तों #धरती #AdhureVakya

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उलझन इस बात की है कि   हमें .......उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
दुनिया के झमेले की या  मन के अकेले की
पैसों की तंगी की 
या जीवन कि बेढंगी की
रिश्तों में कटाक्ष की 
या फिर किसी बकवास की
दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की
अपनी व्यर्थता की 
या ज़िन्दगी की विवशता की
खुद के भोलेपन की 
या फिर लोगो की चालाकी की
अपनी खुद की खुशी की 
या दूसरों की चिंता की
खुद की संतुष्टि की
 या फिर दूसरों से ईर्ष्या की
खुद की भलाई की
 या फिर दूसरों की बुराई की
धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की
मनुष्य की कष्टता की
 या धरती मां की नष्टता की
मानव की मानवता की 
या फिर इसकी हैवानियत की
बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की
प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,,
विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की
बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की
,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों
 या उनके समस्याओं या समाधानों 
या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,,
की हम किस बात की उलझन है..==...........

rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,,
हमें ......
उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी #मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
#दुनि

आलोक कुमार

आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

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बस यूँ ही चलते-चलते .........
जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

Raj

# इंसान की सफलता की# #विचार

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