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Om Prakash

ओमप्रकाश

ओमप्रकाश #सस्पेंस

144 Views

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जिंदगी में अकेले रहना सिखो लोग कभी साथ नहीं देते है

© ओमप्रकाश

ओमप्रकाश #जानकारी

7 Love

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omprakash pandey

 ओमप्रकाश पाण्डेय

ओमप्रकाश पाण्डेय #nojotophoto

4 Love

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नम्बर डायल कर के नाम देखो नाम देखकर क्या कर लोगे

ओमप्रकाश सिंह

ओमप्रकाश सिंह #कॉमेडी

27 Views

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OmParkash Pooniya Khari

 ओमप्रकाश  पूनिया खारी

ओमप्रकाश पूनिया खारी #nojotophoto

3 Love

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Omparkash

 देवासी हा प्रधान
भरोसा सिर्फ  पाबूजी महाराज 

पर ही करते है। 

जय बाबा की

©Omparkash
  रबारी जी। ओमप्रकाश

रबारी जी। ओमप्रकाश #शायरी

481 Views

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Omprakash Banjara Omprakash

ओमप्रकाश दायमा

#poetryunplugged

ओमप्रकाश दायमा #poetryunplugged

60 Views

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Mohan Sardarshahari

कुछ शेर कुछ कविताएं
कुछ दिल के जज़्बात
लिखते-लिखते अब मैं 
पहुंचा पांच शतक पार
कईयों ने कर सराहना
बढ़ाया साहस अपार
कईयों ने भेंट किये 
नायाब शब्दों के गुलदस्ते
कई औरों ने कभी-कभी दी
प्रतिक्रियाएं विचार करते-करते
पांच सौ के क्लब में शामिल हो
मैं लिख रहा यह सहमते-सहमते
कवियों की यह जाजम है
यहां माला कभी पूरी नहीं होती 
बसजिंदगी निकलती है 
शब्दों को पिरोते-पिरोते।।

©Mohan Sardarshahari शब्द पिरोते -पिरोते

शब्द पिरोते -पिरोते #ज़िन्दगी

12 Love

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Raushan Shyam Nirala

कहानी:- ओमप्रकाश की सूझबूझ  

         लेखक:- रौशन सुजीत रात सूरज

ओम प्रकाश नाम का व्यक्ति जिसका स्वभाव कुछ खास नहीं पर उदारता से भरा पड़ा था। वह कभी भी किसी को दुखी नहीं देखना चाहता था भले वह दुख की आगोश में बैठ जाए। वह जहां भी जाता वहां सभी के चेहरों पर मुस्कान देखना चाहता था। वह कभी भी किसी के साथ ऐसा अनुचित व्यवहार नहीं करता जिसके कारण सामने वाले को ठेस पहुंच जाए। उसके इसी  स्वभाव के कारण उसके गांव वालों ने उसे प्रेम से "मेरा दिल" कह कर पुकारा करते थे। उसके गांव के बच्चों ने उसे "मेरे परमेश्वर" कह कर पुकारा करते थे। 

               ओम प्रकाश जिस गांव में रहता था उस गांव में ना तो बिजली थी और ना ही जलाशय का कोई अच्छा साधन था। यहां तक कि उस गांव में एक मध्य विद्यालय के शिवाय शिक्षा का कोई साधन नहीं था और ना ही कोई स्वास्थ्य केंद्र था। शाम होने के बाद उस गांव के बच्चों को अपनी पढ़ाई पूरी करने में प्रकाश की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। उस गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो उसे इलाज के लिए मिलो-कोस दूर जाना पड़ता था। उस गांव के बच्चे जब मध्य विद्यालय उत्तीर्ण होते तो आगे की शिक्षा के लिए उन्हें अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। बहुततेरा तो बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते थे। इन सब कारणों को देखकर ओमप्रकाश दुखी हो जाता और इस समस्या का हल निकालने का प्रयास करता। पर वह यह भी जानता था कि दुखी होकर समस्याओं का हल नहीं निकाला जा सकता।

              ओमप्रकाश ने इन समस्याओं को कई बड़े नेताओं, अफसरों और कई लोगों के समक्ष रखा  परंतु किसी ने भी इन समस्याओं की ओर ध्यान तक नहीं दिया। वह जब भी घर से निकलता तो अपने कामों में सफल होने की  उम्मीद लेकर निकलता  लेकिन जब घर लौटता तो उदासी के भाव में ही रहता।

        एक दिन वह सुबह उठकर देखा तो एक किसान अपने दो बैलों के साथ खेत पर जा रहा था। किसान को देखकर वह भी उसके पीछे-पीछे चल पड़ा। किसान जब तक अपने खेतों में हल चलाता रहा तब तक वह वहीं पास में खड़ा होकर हल चलाने की प्रक्रिया को देखता रहा। वह घर आया और अपने पिता श्री से कहा- पिताश्री क्या आप बिना फार (हल मे लगी लोहे की औजार) के खेतों की जुताई कर सकते हैं? 
तब पिता श्री ने जवाब देते हुए कहें- नहीं बेटा। इतना सुनकर वह पिता श्री से  कहा- पिताश्री मैं आगे की पढ़ाई करने शहर जाना चाहता हूंँ। पिता श्री बोले ठीक है। 

           वह शहर गया और आगे की पढ़ाई अच्छे से की और पढ़ाई पूरी कर आईएएस अफसर बना। 

             वह आईएएस अफसर बनने के लगभग 6 महीने बाद अपना गांव लौट आया। लौटने के एक दिन पश्चात वह सभी गांव वासियों को एक जगह पर एकत्र किया और उन सभी से कहा- हम वो  हैं जो दुनिया नहीं जानती। 
इतना सुनकर किसी ने उससे प्रश्न किया- "मेरा दिल" आखिर आप कहना क्या चाहते हैं। तब ओम प्रकाश ने कहा आप सब ने तो हल चलाएं ही होंगे तो क्या आप बता सकते हैं कि आप हल प्रक्रिया का किसी भाग को निकालकर खेतों की जुताई कर पाएंगे?
तो वहां सभी एक साथ  एक स्वर में  चिल्लाएं- नहीं। 
फिर उसने कहा- हमारा पिछड़ने का कारण बस यही है कि हमलोग किसी भी कार्य को एक साथ ना होकर और उस कार्य की प्रकृति के विरुद्ध जाकर काम करते हैं। उसके बाद सभी ने एक साथ मिलकर काम करने लगे और कार्य की प्रकृति के साथ। 

        ओमप्रकाश की इसी सूझबूझ के कारण वह गांव विकसित हो गया और खुशियों से झूमने लगा। वहां के किसानों की आय बढ़ी और उनके जीवन खुशहाल हो गए। 

          शिक्षा:-  बड़े पैमाने पर विकसित होने के लिए एकता में और कार्य की प्रकृति के अनुसार चलना पड़ेगा। कहानी:- ओमप्रकाश की सूझबूझ

कहानी:- ओमप्रकाश की सूझबूझ

8 Love

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ओमप्रकाश माहिल

हे प्रभु मुझे इस साल यानी 2020 में इतनी अछी कामयाबी हासिल कराना की में अपनों से आंखे। मिला के बात कर सकू $$!
हैप्पी न्यू ईयर
🕺2020🕺 ओमप्रकाश माहिल #mahil film studio

ओमप्रकाश माहिल #mahil film studio

3 Love

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Sarvesh Yadav

★जुगनू : ओमप्रकाश वाल्मीकि★

★जुगनू : ओमप्रकाश वाल्मीकि★

42 Views

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Sarvesh Yadav

★चोट : ओमप्रकाश वाल्मीकि★

★चोट : ओमप्रकाश वाल्मीकि★

55 Views

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Sarvesh Yadav

★युग चेतना : ओमप्रकाश वाल्मीकि★

★युग चेतना : ओमप्रकाश वाल्मीकि★

47 Views

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jay prakash dewangan

देखो ये धरती भी कितनी खुशहाल है,
    देखो आ गया हिंदुओं का नया साल है..!!
-जयप्रकाश की तरफ से
 हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएं

©Lonely boy 1106 जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

12 Love

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jay prakash dewangan

सबक था जिंदगी का,
मुझे लगा मोहब्बत हैं..!!
jai prakash dewangan

©Lonely boy 1106 जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

10 Love

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jay prakash dewangan

य











-जयप्रकाश देवांगन जी




ज

©Lonely boy 1106 जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

11 Love

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jay prakash dewangan

फ़कीरों की मौज का क्या कहना साहब,
मुस्कुराहट का राज पूछा तो बोले
सब आपकी मेहरबानी हैं..

©jai prakash Dewangan जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

11 Love

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jay prakash dewangan

मोहब्बत रही चार दिन ,
                         जिन्दगी में..
रहा चार दिन का असर,
           जिन्दगी भर...

©jai prakash Dewangan जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

13 Love

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jay prakash dewangan

ना वक़्त दिया,ना साथ दिया
एक तस्वीर ही तो मांगा था,
वो भी कल पर टाल दिया..

©jai prakash Dewangan जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

12 Love

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jay prakash dewangan

मोहब्बत कैद नही हैं मिलने या बिछड़ने  की, ये खुदगर्ज लफ्जो से बहुत आगे की बात हैं

©jai prakash Dewangan जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

15 Love

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jay prakash dewangan

जालिम थी वो और जुल्म की आदत भी बहुत थी,
मजबूर थे हम,उस से मोहब्बत भी बहूत थी..!!

©jay prakash Dewangan जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

10 Love

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jay prakash dewangan

बोझ कितना भी हो उफ नही करता,
कंधा बाप का बड़ा मजबुत होता है!!

©Lonely boy 1106 जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

16 Love

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jay prakash dewangan

वो प्यारी हैं,वो न्यारी हैं,
हर लम्हा जिसके साथ गुजारा,
वो बहना मुझको सबसे प्यारी है।

©Lonely boy 1106 जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

13 Love

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jay prakash dewangan

मोहब्बत की बात तो जमाना भी करता है,
लेकिन प्यार की शुरुआत आज भी माँ से होती है

©Lonely boy 1106 जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

10 Love

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jay prakash dewangan

Maa  हम एक शब्द है तो, वो पूरी भाषा ..
माँ की यही परिभाषा हैं..

©jai prakash Dewangan जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

13 Love

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jay prakash dewangan

प्यार सच था मगर दूरियां थी बहूत,
फासले में उसे हम निभाते रहें
-जय -देवांगन


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©Lonely boy 1106
  जयप्रकाश

जयप्रकाश #शायरी

88 Views

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jay prakash dewangan

जमाना मोहब्बत का नहीं,
जमाना तो पैसे का है मेरे भाई!!
-जयप्रकाश देवांगन

©Lonely boy 1106 जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

11 Love

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jay prakash dewangan

दिल के अजीज दोस्तो से जुदा हो गये,
आज हम अपने स्कूल से विदा हो गये.!!

©jay prakash Dewangan जयप्रकाश

जयप्रकाश #Shayari

10 Love

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