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Suraj Agrahari
ख़ुद में खुश हूँ कि ख़ुद की अना में हूँ, जहां से बेसुद , ख़ुद ही की पनाह में हूँ। -सूरज #शेल्फ
Abhiejeet Anant Tambe
माझ्या बुकशेल्फ मधली पुस्तकं कधीच एकमेकांशी भांडत नाहीत, अन् कधीच एकमेकांचे जात धर्म सुद्धा काढत नाहीत कदाचित ती माणसं नसावीत म्हणून! बुक शेल्फ
Thakor
Ajay Lakhnavi
Abhimanyu Kamlesh Rana
अकेली हूं तन्हा अलमारी के कोने में ऊपरी शेल्फ का यूं घूरना असहज करता है मुझे मन अशांत है भविष्य को ले कर आठवीं कक्षा के दो हफ्ते रह गए ले दे कर अंदर से कैसी हूं किसी को परवाह नहीं टॉर्च वाले हेलमेट काले - सफेद कोट की इस दुनिया में बेच देंगे मेरा जिस्म चंद सिक्के ले कर जिस्म का सौदागर वो तराजू तौल पाएगा मेरी रूह को ? मेेैं कौन? हा हा हा! मैं किताब धर्म शिक्षा की किताब मेरा वजूद? मेरा महत्व? अपने ही मुल्क में रेफ्यूजी सा। - अभिमन्यु कमलेश राणा अकेली हूं तन्हा अलमारी के कोने में ऊपरी शेल्फ का यूं घूरना असहज करता है मुझे मन अशांत है भविष्य को ले कर आठवीं कक्षा के दो हफ्ते रह गए
Hrishabh Trivedi
DDLJ 2.0 Chapter 4: फिर मेरी याद शेष भाग👉 #hr_ddlj (पहले उन्हें पढ़े) एक गार्डन की बेंच के दो कोनों पर दो लोग बैठे हुए हैं, एक लड़का और एक लड़की, बीच में एक से दो लोगों के
वो फिर आएगी
अनुमापन || Titration ( अनुशीर्षक में पढ़ें ) Titration "ध्यान रहे कि ब्यूरेट(burette) से सॉल्यूशन बूंद बूंद करके फ्लास्क(flask) में गिराना है और जब फ्लास्क के सॉल्यूशन का रंग रंगहीन से
Kulbhushan Arora
चोरी करना सीख गया है, आज कोई इसे खाना नहीं देगा।। शायद 7 साल की उम्र होगी, 1962 की 63 की घटना है। Us ज़माने में तीन पैसे जेब खर्ची मिला करती थी, किसी दिन 5 पैसे भी मिल जाते, बस उस दिन तो बाद
Ashutosh jain
तभी तुमने अपनी भीगी हुई चुनरी मेरे गर्म माथे पर रख दी थी...मुझे बुखार नही था जान वह ताप था तुम्हारे प्रेम का जिसमें मैं तप रहा था ! तुम्हारी नर्म हाथों की ठंडी हथेलियां मेरे गालों पर रेंगती तो मेरे दिल में एक हलचल ही सी हो जाती ...तुम्हारी सागर सी गहरी आँखें मुझे तुम्हारी ओर खींचती चली जाती मानो वक्त ठहर सा गया हो.... Read full on post ... ©Ashutosh jain आज भले ही मैं चारदीवारी में कैद हूं लेकिन मेरा मन मुक्त है , स्वतंत्र है !इस संसार के तमाम झंझटों से दूर मेरा मन बाहर हो रही बारिश की बूंदों
Swarima Tewari
किताबें अब किताबें नहीं हैं (Full in caption) 1.किताब एक लड़के की है: वो उसका नाम और कवर देखकर आतुर होकर खरीदना चाहता था। सब जगह से आउट ऑफ स्टॉक होने पर भी वो रोज़ दुकानों पर जाता रहा किता