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क्या आप जानते हैं कि आॅक्टोपस के पास तीन ❤️ दिल होते हैं अजीब है न ©S B जीव विज्ञान
Kavita Gautam
अद्भुत होती हैं ये जीवन की परीक्षाएं भी कोई पाठ्यक्रम भी इनका होता नहीं!! ©Kavita Gautam #पाठ्यक्रम
अदनासा-
संसार की हर एक वस्तु एवं हर एक जीव, फ़िर वो छोटा हो, बड़ा हो या वह भी जिसे हम मनुष्य अपनी साधारण आंखों से देख नही पाते, वह अंतिम सत्य चाहे वो अध्यात्म के सार में हो या विज्ञान के रसायन में, इसलिए इसे जानने और समझने के बाद, उसका प्रयोग करने के पश्चात उससे निष्कर्ष निकालने एवं उसका विष्लेषण करने के लिए ही, हम मानव प्रजाति को ही, रंग को पहचानने, हर आवाज़ को सुनने, बोलने एवं सबसे बड़ी चीज़ बुद्धि दी है, इसलिए हमें समझदार होने के साथ संवेदनशील भी होना चाहिए, केवल स्वयं को श्रेष्ठ समझने की मानसिकता को त्यागना चाहिए, संसार संतुलन से संचालित है यदि एक भी पदार्थ या जीव की कमी या अधिकता हो गई, तो समझो संतुलन बिगड़ रहा है। हम सभी को सृष्टि के रचयिता को प्रणाम एवं धन्यवाद देना चाहिए, कि मानव प्रजाति को इतना सक्षम एवं समझदार बनाया, इस समय हमारे सामने, जो भी संघर्ष या चुनौतियां हैं, वे सब संतुलन की परीक्षा है जो स्वयं के अस्तित्व को जीवंत रखने के लिए, संतुलन बनाने के लिए सतत प्रयास करता है, हमें यह भी ना लगे की संघर्ष केवल हम कर रहे है, ध्यान से देखों तो सारा संसार संतुलन बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है, और ध्यान से देखोगे तो पता चलेगा कि, ठीक आप के सर के ऊपर स्थित अनंत ब्रम्हांड है जिसमें अरबों खरबों तारे है, हमारा अदभुत संसार भी इस समय ब्रम्हांड में विचरण कर रहा है, हमारा यह अदभुत संसार खरबों आकाशगंगाओं में से एक आकाशगंगा में स्थित है, जहां वह भी अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए, संतुलन बना रहा है। ©अदनासा- #ब्रम्हांड #मानव #जीव #आकाशगंगा #आध्यात्म #विज्ञान #सार #Facebook #Instagram #अदनासा
HP
जीवन दृष्टि का नाम ही ‘विज्ञान’ है। मैं क्या हूँ, मेरा लाभ किस में है, मुझे आनन्द देने वाली वस्तु क्या है? मेरा लक्ष्य क्या है? मुझे क्या सोचना चाहिए? क्या करना चाहिए? कैसे गुणों और स्वभाव को अपनाना चाहिए, दूसरों के प्रति मेरा व्यवहार क्या होना चाहिए आदि प्रश्नों का उत्तर अन्तरात्मा के गुप्त प्रदेश में जिस प्रकार मिलता हो उसी के अनुसार यह जाना जा सकता है कि हमारे विज्ञानमय कोश की स्थिति क्या है? (अखंड ज्योति) विज्ञान
Ek villain
गुजरात सरकार ने कहा है कि वह श्रीमद भगवत गीता को राज्य के स्कूल में छठी से बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा बन आएगी उल्लेखनीय है कि दुनिया के कई देशों में गीता स्कूल कॉलेज में पाठ्यक्रम कारण अमेरिका की यूजर्स विश्वविद्यालय में गीता अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाई जाती है कि तो एक मात्र ऐसे ग्रंथ है जो दुनिया के सबसे ज्यादा भाषा में लिखा गया गीता धार्मिक ग्रंथ ही नहीं बल्कि लेख पूर्ण जीवन शास्त्र गीता दर्शन के अनुसार शिक्षार्थी के शरीर एवं आत्मा का समान महत्व आत्मा परमात्मा का ही अंश है प्रत्येक शिक्षार्थी में आत्मा रूपी परमात्मा ही निवास करता शिक्षार्थी के प्रत्येक कार्य आत्मा के प्रेरणा से होते हैं दर्शन में शिक्षार्थी से अपेक्षा की गई है कि वह स्वयं विनायक शिक्षा के प्रति श्रद्धा और संभल की भावना जैसे गुणों से युक्त हो सके शिक्षा से भी अपेक्षा की गई है कि शिक्षार्थी में आत्मविश्वास एवं आशा बाद उत्पन्न करेगा शिक्षार्थी के आयु वर्ग के अनुकूल अभिरुचि एवं वनों के रूप में स्थिति अक्षित कर उसका आत्म परिष्कार करेगा तथा निष्काम कर्म योग की भावना से ही जनहित के कारण में उस पर भर्ती करेगा जिससे कि वे शिक्षा अचानक से मुक्त जीवन में शांति तथा आनंद प्राप्त कर सकें ©Ek villain #पाठ्यक्रम का हिस्सा बने गीता #VantinesDay
Ek villain
जब देश की शिक्षा व्यवस्था को समय की बदलती है वक्ताओं के अनुसार एक नई शिक्षा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति जानिए नीति 2020 की घोषणा की गई तब कई लोगों ने उसका किराया 1 को ही सबसे बड़ी चुनौती माना था लेकिन केंद्र सरकार ने अब इसके कृपया वान की दिशा में भी ठोस कदम बढ़ा दिए हैं जिसकी स्पष्ट झलक आम बजट में देखने को मिली बजट में 12वीं कक्षा तक सभी बच्चों को छात्री भाषा में पढ़ने की एक साधारण पहल की गई है ताकि उनके भीतर शिक्षा के प्रारंभिक अवस्था से ही राष्ट्रीय और विश्व विदेशिया सुमंता विकसित हो सके कुछ ही समय पहले इस मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक नजर पेश की थी विश्वविद्यालय ने हाल ही में नई 2020 की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए स्नातक शिक्षा के लिए एक अंडर ग्रेजुएट तैयार किया है प्रधानों के तहत छात्रों को अपनी रूचि के अनुसार अपने क्षेत्र के चुनाव का विकल्प खुल जाएगा यानी अगर कोई का प्रमुख विषय रसायन शास्त्र सामाजिक विज्ञान विषय भी चुन सकता है इस व्यवस्था में सुधार हो सकती है इसी तरह पर टिका है कि विभिन्न विधाओं के छात्रों के बीच आपसी संवाद बड़े और छात्रों में एक अनुवांशिक दृष्टिकोण विकसित हो ©Ek villain #पाठ्यक्रम में बदलाव की नीति #roseday