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Harshita Dawar
written by Harshita Dawar ✍️✍️ #SHEROSOriginals##Jazzbaat# आज किचन मे काम करते हुए, ऊँगली कट गयी, 🙄 पतिदेव वंही थे सो देख लिया, अब शुरु हुआ हिदायतो का सिलसिला, बोले ध्यान रखना चाहिये ऐसे केसे काम करती हो, सासु माँ बोली,कि ध्यान कही ओर होगा ओर आँखे कही ओर, 😏 ससुर जी तो बस मुँह सिकोड़ कर रह गये 🤨 ओर बात आयी गयी हो गई l खुद ही एंटीसेप्टिक क्रीम लगाया फिर घर के सारे काम किये, दवाई लगाते हुए ध्यान आया, कि यदि यही मायके मे हुआ होता तो, मेरी माँ दौड़ते हुए आती ओर सबसे पहले हाथ पकड कर कहती, हाय राम कित्ना खुन निकल रहा है, ये लड़की कभी सुनती नही है, पता नही ससुराल मे अकेले केसे सब सम्भालेगी, करते हुए चोट को हल्दी लगाती, पापा तो मम्मी को ही डांट लगाते कहते, अभी छोटी है,सीख जाएगी अभी से kitchen सौप दिया है उसे, इत्ना ही नही,बुआ - मामा -नानी-दादी सबको फोन करके खबर दी जाती है कि गुड्डो का हाथ कट गया, सब खबर लेने घर आते है,कि हाय फूल सी बच्ची🤗 कुल मिलाकर चोट लगने का असली मज़ा भी मायके मे ही आता है, जँहा आपकी परवाह कि जाती है, आपकी चोट को पारिवारिक चोट घोषित करके, प्यार ओर अपनेपन का ऐसा मरहम लगाया जाता है, कि चोट लगवाने का बार बार दिल करता है,🤝💕💝 #uqdidi #yqhindi written by Harshita Dawar ✍️✍️ #SHEROSOriginals##Jazzbaat# आज किचन मे काम करते हुए, ऊँगली कट गयी, 🙄 पतिदेव वंही थे सो देख
Poonam Pandey
हसीन सपना तुम मेरा वो हसीन सपना हो जिसे मैं बंद आंखों से लेकर खुले पलकों तक देखना चाहती हूं #ड्रीम
दीपेश
और गेंद जैसा कुछ लुढ़ककर मेरे पैर के पास आया,मैं एकदम से डर कर कप उठा ओर पैर हवा में उछालता हुआ पास रखी कुर्सी पर चढ़ गया धीरे धीरे गेंद चाप चाप खड़ खड़ करती हुई ढहरी,मैने हिम्मत करके एक पेंसिल उठाकर उसे हिलाया तभी जोरदार फनफनाहट के साथ वह गेंद उधड़ने लगी मैं तो सच में जैसे पैर भी सर पर रखकर भागा क्युकी फर्श पर वह भयंकर उत्पात मचा हुआ था जिसका सामना मैं नहीं कर सकता था। मैने बाहर जाकर खिड़की से झांका तो देखा वह एक अजीब सा सांप था जिसकी ऊपरी सतह लकड़ी की थी और फैन के पास छिपकली जैसे चार पैर मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए,मैं देखकर डर से पानी पानी हो ही रहा था की मेरी नजर उसकी आंखो से जा टकराई और वह भयानक आवाज से चरपराता हुआ शीशा तोडकर मेरी ओर बढ़ा और आकर मुझसे लिपट गया मैं जोर से चिका और अचानक मेरी नीद खुल गई मैं तुंरत बिस्तर से उठकर बाथरूम की ओर दौड़ा और पानी की रोटी बंद के फिर हल्का हुआ। आह सारा पानी बह गया अभी जाग रहा होता तो मैं ©दीपेश #ड्रीम
Abhinav Kumar
अकेला हूं, एक ख़याल हूं में फिर भी ,बे हिसाब हूं ना ज़माने की फ़िकर ना दिखावे का डर है। कभी खुद से खफा कभी बिन शर्तों के प्यार है। उड़ना तय है अब पंखों में भी जान है चला में कहे दिल जहाँ पाने को एक मंज़र बेमिसाल है। #अभिनव कुमार ड्रीम
प्रDeeP परमार
युही चलता रहूँगा तुम्हारे इंतज़ार मै. क्युकी तू मेरा सबसे कीमती और मंहगा ख्याब है. ड्रीम
पूर्वार्थ
दुनिया को आपकी मेहनत से कोई लेना देना नही है अगर आप हारोगे तो आपको loser बोला जाएगा अगर आप जीतोगे आपको winner कहा जायेगा यही समाज का असुविधाजनक असूल है कितने लोग अपने सपनो के लिए मेहनत करते करते अपने अस्तित्व को बचाने में लग जाते है सपनो को भूल कर, कुछ है अपने सपनो को पाकर अपने अस्तित्व को एक नया पहचान दे देते है। आजकल सपने जीने के सीखने का सफर और जीने का कारण नही बल्कि सामाजिक असुविधा ने उसको एक अस्तित्व की लड़ाई बना दिया है। अगर आप कुछ नही हो तो आप कुछ नही और बापके घर वाले भी कही मुह नही दिखा पाएंगे और काफी कुछ। यही अस्तित्व की लड़ाई ने इंसान को जस्बात से खोखला, मन से चिड़चिड़ा, शरीर से कमजोर , आर्थिक रुप से अस्थिर बना दिया है। इंसान का कुछ बनाना,खुद के अस्तिव से ज़्यादा परिवार के सम्मना, समाज के रुतबे, आपके विवाह मैं आसानी, लोगो की तावज्जो, आपके आर्थिक पहचान का प्रश्न रह गया है। सपनो के सफर को आसान रखो, जीतना है पर हार तो आएंगी इस सफर मे, सपनो का सफर तभी पूरा होगा जहा सच्ची मेहनत, अनुसाशन के साथ आप मन से स्वस्थ, जस्बात से मज़बूत, खुद पर विश्वास रखते हो समाज के सवालों की चिंता किये बगैर। ये जीवन है सरल , स्वस्थ , सार्थक रखो ©झिंगाट छकु #ड्रीम
Author Sanjay Kaushik (YouTuber)
कल रात के ख़्वाब में जब उनसे मुलाकात हुई कल रात ख्वाब में जब उनसे मुलाकात हुई वो फिर दिल तोड़ कर चल दिये और कोई नई नही बात हुई #ड्रीम#मीटिंग#लव: मीटिंग इन ड्रीम