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प्रभाकर अजय शिवा सेन

जग का पर्यावाची #Roses

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जग की पर्यावाची मघा😁😁😁😂😄😅

©प्रभाकर अजय शिवा सेन जग का पर्यावाची 

#Roses

Parasram Arora

पर्यायवाची...... #शायरी

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खून को पानी का पर्यायवाची  मत मान. लेना
अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै 

उस बसती मे  सच  बोलने का रिवाज  नही है
यहां कोई भी  आदमी  सच.को  झूठ बना कर पेश कर सकता है

ताउम्र अपना  वक़्त   दुसरो की भलाई मे  खर्च करता रहा वो
ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही   सकता है

©Parasram Arora पर्यायवाची......

Shailesh Yadav

सफर रेलगाड़ी का #न्यूज़

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DR. LAVKESH GANDHI

# रास्ता और गांव# सफर गांव का, यात्रा बैलगाड़ी की

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रस्ता और गाँव गाँव की पगडंडियों पर
 सुनसान राहों पर
 बैलगाड़ी पर बैठकर यात्रा
 भुलाए नहीं भूलती
 बैलगाड़ी के चक्के की 
चपर- चूं  की आवाज
 और बैलों के गले के घुंघरूों की 
 सुनसान चीरने वाली आवाज
 आज भी बरबस याद आ जाती है # रास्ता और गांव#
 सफर गांव का, यात्रा बैलगाड़ी की

Jogendra Singh writer

nojoto ka पर्यायवाची #Light

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आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची  क्या है
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©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची

#Light

#sParihar

मन की रैलगाड़ी.... #poem

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सबको अपने घर... गाँव... और दूर-दूर तक पहुँचाती है 
छुक-छुक करती छक-छक करती रेलगाड़ी आ जाती है
कभी आवाज करके जोरों की... बहुत खूब डराती है
निकले बगल से... सब डर जायें...ऐसी सीटी बजाती है
कभी आराम से निकलकर... आगे ही चली जाती है
छुक-छुक करती छक-छक करती रेलगाड़ी आ जाती है

कभी समय पर... कभी देर ही... पर जरूर आ जाती है
आकर हम सबके मन में... जाने की उम्मीद जगाती है
कभी-कभी देरी से आकर... समय पर पहुंचाती है 
पहुंचे सब.. जहां जाना हो... यही आस दिखलाती है
बैठकर गाड़ी में फिर सब यात्री... यही बात दोहराते हैं
छुक-छुक करती छक-छक करती रेलगाड़ी आ जाती है

सफर यहाँ का सबको भाता... और सुकून दे जाता है
तेज चलना इसका अंदाज... सबको ही रास आता है
अगर थोड़ा भी निर्देश... रास्ता खाली मिले तो 
बहुत तेज.. शांति से चलकर... समय रहते पहुँचाती है
पर रास्ता व्यस्त हुआ तो... फिर सबको बहुत रुलाती है
छुक-छुक करती छक-छक करती रेलगाड़ी आ जाती है 

कम खर्च में इतनी सुविधा... भला कौन दे जाता है? 
सभी यात्रियों का ठीक से ध्यान भला कौन रख पाता है 
कभी हमारी लापरवाही... हमपे ही भारी पड़ जाती है
थोड़ी जल्दबाजी करने से एक बड़ी दुर्घटना हो जाती है 
चलें थोड़ा ध्यानपूर्वक... ताकि अनहोनी ना होने पाए
समय पर पहुचें सब... बस यही बात याद दिलाती है
छुक-छुक करती छक-छक करती रेलगाड़ी आ जाती है मन की रैलगाड़ी....
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