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Babasaheb Khare
Dhoni बढती उम्र में इश्क हो तो ताज्जूब नही गालिब... पुरानी गेंदे ही रिवर्स स्विंग लेती है... पुरानी गेंदे...
Vaishali Kahale
#काव्यार्पण
उम्र बीत गई खुद को मशहूर करने में हम गेंदे की महक को ही गुलाब समझते रहे। ©Kavyarpan गेंदे की महक को ही गुलाब समझते रहे.. #nojotoquotes #beingoriginal #pragyapoetry #viral Anjali Ramesh(RS) राजस्थानी Ashish kumar ਗੁਰਪ੍
S.R. Rajan
ढलती उम्र में इशक हो तो अचरज नहीं ग़ालिब है... पुराने गेंदे ही ज्यादा रिवर्स स्विंग लेती हैं..... ढलती उम्र में 💓इशक💓 हो तो 🤔अचरज🤔 नहीं ग़ालिब... पुराने 🏐गेंदे⚽ही ज्यादा 🏀रिवर्स🎳 स्विंग लेती हैं.....
Sudhanshu Saxena
एक कली.., गुलाब की चाही थी मैंने, वो भी किस्मत को मंजूर न थी..! आज देखो ... फूलों का हार हैं मेरे हिस्से। ©Sudhanshu Saxena #Tuaurmain दरअसल चाहत ही गलत की मैंने, बजाय गुलाब के ... चाहत की होती...., गेंदे के कली की । जो खिलती धीरे धीरे यूं हीं ज़िंदगी भर 🏵️ #anon
Vedantika
चरणों पर गिरा हुआ एक फूल। वो मंदिर के बाहर बैठी हुई थी। आज उसे भरपेट खाना मिलने की उम्मीद थी। आज मंदिर को गेंदे के सुंदर पीले फूल से सजाया गया था। मंदिर की प्राचीरों पर गेंदे की लंबी-लंबी मालाए लटकी हुई थी। मंदिर के अंदर बाहर सब जगह आज पीले फूल दिखाई दे रहे थे जैसे एक दिन उसकी शादी से पहले उसके घर मे दिखाई दे रहे थे। उसकी आँखों के सामने अपनी ज़िंदगी का वो वक़्त किसी फ़िल्म की तरह घूम गया, जब उसकी शादी होने वाली थी। उसे गेंदे के पीले फूल बहुत पसंद थे।…… आज उसकी हल्दी की रस्म होने जा रही थी जिसमें इन्हीं पीले गेंदे के फूलों को पीसकर मिलाया गया था। उसने भी पीले कपड़े पहने थे। उसकी सहेलियाँ उसे
अनमोल सिंह "निरंजन"
#गीत गाते पंछी 🕊️🦚🐦 बारिश की बूंदों से नदियों का भरना। नदियों का बहना और सागर में मिलना। यूं बहती हुई नदियां अच्छी लगती है सावन के मौसम में फूलों का खिलना। गेंदे के फूलों पर भंवरों का गाना। यू भंवरों का गाना अच्छा लगता है। फूलों पर तितलियों का यूं आना जाना। कोयल की कु-कू, पपिहे का गाना। यूं गाते हुए पंछी अच्छे लगते हैं।। ✍️ अनमोल सिंह "निरंजन" #गीत गाते पंछी 🕊️🦚🐦 बारिश की बूंदों से नदियों का भरना। नदियों का बहना और सागर में मिलना। यूं बहती हुई नदियां अच्छी लगती है सावन के मौसम
MR
ज़िंदगी उतनी ही ख़ूबसूरत लगेगी, जितना तुम उसे देखना चाहोगे सब जगह वैसा ही दिखेगा, जैसा तुम देखना चाहोगे उसके लिए आँखों की ज़रूरत नहीं , ज़रूरत है एक प्यार में सराबोर मन की। मन मन जो तलाशता है गर्मियों में इठलाता हुआ अमलतास, ठिठुरती हुई सर्दियों में खिलता हरसिंगार, बरसात में भीगी मिट्टी की महक और बसंत में नारंगी आभा लिए गेंदे के फूल। मन मन ही तो है, जो सुनना चाहता है गंगा किनारे पक्षियों का कलरव मंदिरों में बजती घंटियाँ, कार्तिक स्नान कर भजन गाती माँ। मन ही तो है, जो खो जाना चाहता है उन लंबी और अंतहीन सड़कों पर, देवदार और चीड़ के पेड़ों के बीच, बर्फ से ढके पहाड़ो में, किसी नदी के किनारे। मन ही तो है जो ये सब चाहता है, तो आओ ढूँढें अपने प्यार से भरे मन को, जो मचलना चाहता है, उड़ना चाहता है उसके लगा दें पंख और उड़ने दें। ©MR ज़िंदगी उतनी ही ख़ूबसूरत लगेगी, जितना तुम उसे देखना चाहोगे सब जगह वैसा ही दिखेगा, जैसा तुम देखना चाहोगे उसके लिए आँखों की ज़रूरत नहीं , ज़र
Odysseus
शहर (Mumbai) जंगलों सा घना, बयाबान सा खुश्क लावे सा गर्म, काजल सा स्याह नश्तरों सा तेज़, पत्थरों सा सख्त मौत सा निर्मम, वक्त सा बेरहम ये मेरा नगर, ख्वाबों का शहर वो संकरी गलियाँ, वो बौनी झुग्गियाँ वो तंग मुहल्ले, वो गंदी नालियाँ वो मजबूर रूहें, वो मायूस चेहरे वो लंबी कतारें, वो बेहाल सड़कें, वो ठेले, वो रेहड़ी, वो ऊँचीं दुकानें वो दफ्तर, वो माॅलें, वो कल-कारखाने (Extended in Caption #NojotoQuote शहर जंगलों सा घना, बयाबान सा खुश्क लावे सा गर्म, काजल सा स्याह नश्तरों सा तेज़, पत्थरों सा सख्त मौत सा निर्मम, वक्त सा बेरहम ये मेरा नगर,