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vishnu thore
तसा प्रत्येक शब्द असतो पाऊस मनाच्या मातीवर त्याला कोसळण्याची हौस.. - विष्णू तसा प्रत्येक शब्द.....
सुधा भारद्वाज"निराकृति"
#5LinePoetry खिवैया ******** खे कर नैय्या अरे खिवैया ले चल अब दूर कहीं। यहां जी का रमना है मुश्किल सुखद सा पथ तू देंख कोई। चींखें-चित्कारे सी सुनकर मन हुआ रुआंसा मेरा भी। खे कर नैय्या अरे खिवैया ले चल अब दूर कहीं। ©सुधा भारद्वाज #खिवैया(#sailor) #5LinePoetry
Gudiya Gupta (kavyatri).....
हर कोई अपने नाव का पतवार हो चुका है खिवैया अब इस समय में बेरोजगार हो चुका है एक समय में एक खेवइयां संभालता था नाव विश्वास का क्रम कुछ इस कदर टूटा है कि अपने सिवा कोई भी खेवाइए पर विश्वास नहीं करता लोग हैं गुमान में अपने अभियान में और खेवैया तटस्थ होकर सब को निहार रहा है मगर मुस्कुराते चेहरे से क्योंकि उसे पता है... नाव डगमगाए तो... अगर कोई शब्द उच्चारण होगा वह है खेवैया.!! संसार रूपी सागर में हिम्मत रूपी नाव दी गई है तो इसे पार भी ऊपर वाला खेवईया ही लगाएगा वह इंतजार करता है कोशिश से कामयाबी तक और जहां मुश्किलें होती है वहां संभाल लेता है फिर से अपना पतवार.... बन बैठता है फिर से रोजगार जिसका काम उसी को साजे.!! : गुड़िया गुप्ता. ©Gudiya Gupta (kavyatri)..... #खेवैया
maher singaniya
कुछ बातें ऐसी होती है जिसे बोलने वाला शख्स तो भूल जाता है मगर सुनने वाले इंसान के मन में तीर की तरह चुभती रहती हैं...!! ©maher singaniya इंसान का शब्द...
Ashu
उनको मेरे लावजो से मोहब्बत हुई तो क्या हुआ, उनके पलके नम न हुई तो क्या हुआ, ये बात और है कि मोहब्बत मोकम्मल न हुई तो क्या हुआ, शब्द एहसास का ---
Anmol Mishra
शब्द का असर तो देखिए जनाब, ज़ुबान शब्द कहती हैं, और कान उस शब्द को सुनते हैं, सुनकर वो शब्द दिल में उतर जाता हैं, और रोती आंखें हैं, तो अब आप ही बताइए इसमें दोष किसका हैं।। ©Anmol Mishra शब्द का दोष।।
शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय
राज़ उनके होठो पे हंसी का मैन परवाज रहने दिया, अपने सीने में दफन राज को राज रहने दिया। आज का शब्द..
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
कागज तो होता बस बेजान सा , जान तो उसमें शब्द डालते हैं , शब्दों के लिखते ही , बिखर जाती हैं एक खुशबू , यादों की , वादों की , अहसासों की , पढते ही शब्द सब कुछ चलचित्र सा चलने लगता हैं , आँखों के सामने एक अहसास सा , शब्दों से बनती जाती रचनाएं , हर एक के मन की उथल - पुथल की , वो बातें जो हम कहने मे होते हैं असर्मथ , पुर जाती हैं माला सी वो शब्दों के जरिए , भावों को वय्क्त करते शब्द , कोरे कागज पर रंग बिखरते शब्द । ©Ankur Raaz #शब्दो #की #शक्ति #शब्द